PM मोदी ने फिर चौंकाया, बीजेपी सांसद ओम बिड़ला होंगे लोकसभा के नए स्पीकर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर चौंकाया है. राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिड़ला लोकसभा के नए स्पीकर होंगे. लोकसभा अध्यक्ष का नाम घोषित किए जाने के साथ ही पीएम मोदी ने एक बार फिर अपने फैसले से सबको चौंका दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार चौंकाया है. राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिड़ला लोकसभा के नए स्पीकर होंगे. लोकसभा अध्यक्ष का नाम घोषित किए जाने के साथ ही पीएम मोदी ने एक बार फिर अपने फैसले से सबको चौंका दिया है.
ओम बिड़ला की पत्नी अमिता बिड़ला ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत गर्व और खुशी का क्षण है. हम उन्हें (ओम बिड़ला को) चुनने के लिए कैबिनेट के बहुत आभारी हैं.
Amita Birla, wife of BJP MP Om Birla, who reportedly is the NDA candidate for the post of Lok Sabha Speaker: It is a very proud and a happy moment for us. We are very thankful to the cabinet for choosing him. (In pic 2&3 : BJP MP Om Birla) pic.twitter.com/lPYB2jQEQn
— ANI (@ANI) June 18, 2019
लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव आज होना है. लिहाजा लोकसभा स्पीकर के पद को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. बीजेपी से जीतकर आए वरिष्ठ नेताओं के नाम पर मंथन चल रहा था.
Sources: Om Birla, Bharatiya Janata Party (BJP) MP from Kota likely to be the NDA candidate for the post of Lok Sabha Speaker. pic.twitter.com/45Xg7Mrnoc
— ANI (@ANI) June 18, 2019
लोकसभा अध्यक्ष बनने की रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, राधामोहन सिंह, रमापति राम त्रिपाठी, एसएस अहलुवालिया और डॉ. वीरेंद्र कुमार जैसे कई दिग्गज नेताओं के नाम शामिल बताए जा रहे थे. मोदी सरकार के 2.0 में लोकसभा अध्यक्ष के पद पर कौन विराजमान होगा, इसका फैसला अब हो गया.
बहरहाल, राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिड़ला लोकसभा के नए स्पीकर होंगे. ओम बिड़ला आज ही अपना नामांकन दाखिल करेंगे, जिसके बाद बुधवार को सदन में इसपर मतदान होगा. क्योंकि NDA के पास लोकसभा में बहुमत है, ऐसे में उनका ही लोकसभा स्पीकर बनना तय माना जा रहा है.
कौन हैं ओम बिड़ला, जो बनेंगे लोकसभा के नए स्पीकर
ओम बिड़ला का नाम इससे पहले राष्ट्रीय राजनीति में कभी सुर्खियों में नहीं रहा. लोकसभा अध्यक्ष के लिए बिड़ला का नाम तय कर मोदी और शाह की जोड़ी ने फिर से चौंकाया है. सिर्फ दो बार के सांसद ओम बिड़ला को लोकसभा का अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने संदेश दिया है कि अहम पदों के लिए सिर्फ अनुभव ही नहीं और भी समीकरण मायने रखते हैं. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में जब गुणवत्ता, निपुणता और तत्परता पर सबसे अधिक फोकस करने की बात कही थी, तभी यह संदेश दिया था कि वरिष्ठता ही जिम्मेदारी सौंपने का एकमात्र पैमाना नहीं है.
वैश्य बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले सिर्फ दो बार के सांसद ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष बनाने के पीछे की वजह लोग तलाशने में जुटे हैं. ओम बिड़ला के कम अनुभव के सवाल पर कहा जा रहा है कि वह राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव रहे हैं. इस दौरान उन्होंने लीक से हटकर कई पहल की. 2014 में कई संसदीय समितियों में रहे. इसके अलावा उनकी प्रबंधन क्षमता भी अच्छी है. बड़े नेताओं से रिश्ते भी अच्छे हैं. ऊर्जावान भी हैं. इन सब कारणों से उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया. हालांकि वसुंधरा राजे से उनके रिश्ते ज्यादा बेहतर नहीं बताए जाते हैं.
राजनीतिक करियर की बात करें तो चार दिसंबर 1962 को जन्मे ओम बिड़ला 2014 में 16 वीं लोकसभा के चुनाव में पहली बार सांसद बने. फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में वह दोबारा इसी सीट से सांसद बने. इससे पहले 2003, 2008 और 2013 में कोटा से ही विधायक बने. इस प्रकार वह कुल तीन बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं.
कई समितियों के रहे सदस्य
2014 की लोकसभा में ओम बिड़ला को कई समितियों में जगह मिली थी. उन्हें प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया था. ओम बिड़ला सहकारी समितियों के चुनाव में भी रुचि रखते हैं. 1992 से 1995 के बीच वह राष्ट्रीय सहकारी संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष रहे. कोटा में सहकारी समितियों में आज भी उनका दखल बताया जाता है. परिवार की बात करें तो पत्नी अमिता बिड़ला पेशे से चिकित्सक हैं. पिता का नाम श्रीकृष्ण बिड़ला और माता का नाम शकुंतला देवी हैं. दो बेटे और दो बेटियां हैं.
मरीजों के लिए किए काम
राजस्थान सरकार मे संसदीय सचिव भी रहे. इस दौरान उन्होंने गंभीर रोगों के शिकार लोगों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की.अगस्त 2004 में बाढ़ पीड़ितों के लिए काम किया. 2006 में तब ओम बिड़ला सुर्खियों में तब आए जब स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी के स्वर नामक कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को समानित किया. यह समारोह कोटा और बूंदी में आयोजित हुआ था.