कोलकाता। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में लगातार प्रदर्शन हो रहा है. इस बीच नाराज डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने पहुंचा है. डॉक्टरों और CM के बीच बैठक सचिवालय में चल रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के दो-दो प्रतिनिधियों से मिल रही हैं. राज्य में मारपीट की घटना के बाद से ही डॉक्टर बीते 6 दिनों से हड़ताल पर हैं.
West Bengal: CM Mamata Banerjee arrives for meeting with representatives of doctors at Nabanna. pic.twitter.com/ebcD15p026
— ANI (@ANI) June 17, 2019
West Bengal: State Health Department bus carrying representatives of doctors scheduled to meet CM Mamata Banerjee in Nabanna, today. pic.twitter.com/vNosuVOfKa
— ANI (@ANI) June 17, 2019
बता दें कि ममता बनर्जी डॉक्टरों की उस शर्त को भी मानने को तैयार हैं, जिसमें वह कैमरे के सामने बैठक करने की बात कर रहे थे. जारी की गई चिट्ठी के अनुसार, इस बैठक का लाइव प्रसारण भी हो सकता है.
राज्य में कुल 14 मेडिकल कॉलेज हैं और ममता बनर्जी प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के दो- दो प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगी. NRS मेडिकल कॉलेज में साथी डॉक्टर्स की पिटाई से नाराज पश्चिम बंगाल के डॉक्टर पिछले 6 दिनों से हड़ताल पर हैं. मुख्यमंत्री सोमवार को मुलाकात के लिए तैयार हो गईं हैं, उन्होंने हर मेडिकल कॉलेज से दो प्रतिनिधियों को बुलाया है.
हालांकि ममता बनर्जी ने शनिवार को ही चिकित्सकों को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन डॉक्टर्स ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था. इसके बाद हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स सीएम ममता बनर्जी से मिलने को राजी हो गए हैं. डॉक्टर्स अब बिना मीडिया की मौजूदगी के सीएम ममता बनर्जी से सचिवालय में मुलाकात करेंगे.
इस मुलाकात पर डॉक्टर्स का कहना है कि सीएम के साथ मुलाकात की पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया जाए. इससे पहले रविवार को ढाई घंटे की मीटिंग के बाद डॉक्टर्स के एक प्रवक्ता ने कहा था कि हम लोग इस गतिरोध को खत्म करने को तैयार हैं, हम सीएम से बात करने को तैयार हैं, जहां वे बात करना चाहेंगी, बशर्ते ये खुले में हो, मीडिया की मौजूदगी में हो, किसी बंद कमरे में नहीं.
Maharashtra: Indian Medical Association (IMA), Pune protests at KEM Hospital over violence against doctors. pic.twitter.com/9QIPkn0vTm
— ANI (@ANI) June 17, 2019
बता दें कि 10 जून को नील रत्न सरकार मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी. इसके बाद गुस्साए परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं. इस पर डॉक्टरों ने परिजनों के माफी न मांगने तक प्रमाणपत्र नहीं देने की बात कही. इस मामले में फिर हिंसा भड़क गई, कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ ने हॉस्टल में हमला कर दिया.
इसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए जबकि कई और को भी चोटें आईं. इस पूरे मामले पर ममता बनर्जी ने हड़ताल वाले डॉक्टरों की निंदा की तो मामला तूल पकड़ता गया.