बजट सत्र / मोदी-शाह समेत नवनिर्वाचित सांसदों ने शपथ ली; प्रधानमंत्री बोले- हमारे लिए विपक्ष का हर शब्द मूल्यवान

एनडीए-2 का सरकार के पहले सत्र में 5 जुलाई में आम बजट पेश किया जाएगा सदन की कार्यवाही से पहले राष्ट्रपति ने वीरेंद्र कुमार को प्राेटेम स्पीकर की शपथ दिलाई संसद का सत्र 39 दिन चलेगा, 30 बैठकें निर्धारित; तीन तलाक, जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक आएगा इस सत्र में 10 अध्यादेश पास कराना जरूरी, 46 विधेयक दोबारा पेश होंगे

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नई दिल्ली. 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में साेमवार को सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी में शपथ ली। प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार मंगलवार को भी नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे। इससे पहले मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का सशक्त होना जरूरी है। उनका हर शब्द मूल्यवान है, वे लोकसभा में अपने नंबरों की चिंता छोड़ दें। उम्मीद है कि सभी दल सदन में उत्तम चर्चा करेंगे। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीरेंद्र कुमार को प्राेटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई। कुमार मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद हैं।

सदन की कार्यवाही की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई और इसके बाद सदन में 2 मिनट का मौन भी रखा गया है. सत्र में बैठने की व्यवस्था की बात करें तो पीएम मोदी के बगल में लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह बैठे हैं. इसके बाद आगे की पंक्ति में अमित शाह, नितिन गडकरी, सदानंद गौड़ा, नरेंद्र सिंह तोमर, हरसिमरत कौर बादल, रविशंकर प्रसाद को जगह दी गई है.

अब 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव हाेगा। 20 जून को राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनाें की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। इसी दिन राज्यसभा के सत्र की शुरुआत हाेगी। संसद का यह सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। 5 जुलाई को पहली बार महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।

स्मृति ईरानी ने ली शपथ

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, डॉक्टर हर्षवर्धन, रमेश पोखरियाल समेत सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं ने सांसद के तौर पर शपथ ली.

सांसदों ने इन भाषाओं में शपथ ली

हिंदी: नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, गजेंद्र सिंह शेखावत, रमेश पोखरियाल निशंक, संतोष कुमार गंगवार, गिरिराज सिंह, अर्जुन मुंडा, डॉ. महेंद्र नाथ पांडे, राव इंद्रजीत सिंह, किरण रिजीजू, प्रह्लाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, अर्जुन राम मेघवाल, जनरल वीके सिंह, कृष्ण पाल गुर्जर
संस्कृत: डॉ. हर्षवर्धन, श्रीपद यशो नाइक, अश्विनी चौबे
पंजाबी: हरसिमरत कौर बादल, डॉ. जितेंद्र सिंह
मराठी: अरविंद गणपत सावंत, रावसाहेब पाटील दानवे
कन्नड़: सदानंद गौड़ा, प्रह्लाद जोशी

तेलुगु: जी किशन रेड्‌डी

केरल से कांग्रेस के एक सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने हिंदी में शपथ लेकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया. उन्होंने 17वीं लोकसभा के सदस्य के तौर पर हिंदी में शपथ ली. सांसद के इस कदम का सदन ने मेजें थप-थपाकर स्वागत किया गया.

बिहार के महाराजगंज से बीजेपी सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल ने भोजपुरी में शपथ लेने की इच्छा जताई लेकिन लोकसभा महासचिव ने कहा कि यह भाषा संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं है ऐसे में इस भाषा में शपथ नहीं दिलाई जा सकती. इसके बाद सांसद ने हिन्दी में शपथ ग्रहण की. इसके बाद बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी और लोजपा के रामचंद्र पासवान ने सांसद के तौर पर शपथ ली. रूडी ने भी भोजपुरी में शपथ न लेने की व्यवस्था पर आपत्ति जताई और हिन्दी में शपथ ग्रहण की.

मधुबनी से बीजेपी सांसद अशोक कुमार ने मैथली में शपथ ग्रहण की. वह पारंपरिक मधुबनी टॉपी और अंगवस्त्र पहनकर संसद पहुंचे थे.

हमारे लिए विपक्ष की हर भावना मूल्यवान: मोदी

  • मोदी ने कहा, ”इस चुनाव में पहले की तुलना में अधिक मात्रा में महिलाओं का वोट करना खास रहा। कई दशकों के बाद एक सरकार को दोबारा पूर्ण बहुमत के साथ और पहले से अधिक सीटों के साथ जनता ने सेवा करने का अवसर दिया। जब पांच वर्ष का हमारा अनुभव है। जब सदन चला है, तंदरुस्त वातावरण में चला है तब देशहित के निर्णय भी अच्छे हुए हैं। आशा करता हूं कि सभी दल उत्तम प्रकार की चर्चा, जनहित के फैसले और जनआकांक्षाओं की पूर्ति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं इसका विश्वास।”
  • ”लोकतंत्र में विपक्ष का सशक्त होना अनिवार्य शर्त है। प्रतिपक्ष के लोग नंबर की चिंता छोड़ दें। देश की जनता ने उन्हें जो नंबर दिया दिया। लेकिन हमारे लिए उनकी हर भावना मूल्यवान है। जब सदन में हम उस चेयर पर एमपी के रूप में बैठते हैं तो पक्ष विपक्ष से ज्यादा निष्पक्ष का ज्यादा महत्व होता है। मैं उम्मीद करता हूं कि पक्ष विपक्ष से ज्यादा निष्पक्ष होकर हम इस सदन की गरिमा उठाने का प्रयास करेंगे।”
नंबर दो पर राजनाथ क्यों?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में भाजपा के उपनेता हैं। प्रधानमंत्री मोदी सदन के नेता हैं। इसी से पता चलता है कि राजनाथ सिंह सदन में नंबर दो पर हैं। जिस वजह से वह प्रधानमंत्री मोदी के बगल में बैठेंगे। इससे पिछले सदन में भी वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही बैठे थे। बता दें जब राजनाथ सिंह को गृह मंत्री की बजाय रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तो इस बात की राजनीतिक चर्चा हुई कि उनका कद नंबर दो से हटाकर तीन कर दिया गया है।
कौन किसकी सीट पर?
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सत्तापक्ष की पहली लाइन में राजनाथ सिंह के बगल में बैठे। पहले इस सीट पर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बैठती थीं। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की सीट पर थावरचंद गहलोत बैठेंगे।

इनके अलावा पहली लाइन में नितिन गडकरी, सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, नरेंद्र सिंह तोमर और हरसिमरत कौर दिखीं। फिर रामविलास पासवान भी दिखे, हालांकि वह इस बार लोकसभा सांसद नहीं हैं। वह मंत्री होने के नाते सदन में बैठेंगे।

सदन में लगे जयश्रीराम के नारे
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के बाद भाजपा के कई सदस्यों ने जोरदार ढंग से मेजें थपथपाईं। दरअसल, ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से हराकर लोकसभा पहुंची हैं।

पश्चिम बंगाल कोटे से मंत्रियों बाबुल सुप्रियो और देबश्री चौधरी के नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के बाद भाजपा सदस्यों ने ‘जयश्री राम’ के नारे लगाए। गौरतलब है कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘जयश्रीराम‘ के नारे लगाए थे जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई थी।

मंत्रियों का नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के दौरान लोकसभा महासचिव ने एक बार भूलवश केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम पुकारा, जबकि वह सदन के सदस्य निर्वाचित नहीं हुए हैं। बाद में उन्होंने भूल सुधारी और फिर प्रह्लाद जोशी का नाम पुकारा।

इस बार सदन में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, मल्लिकार्जुन खड़गे और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नेता नहीं दिखेंगे।

तीन तलाक समेत कई अहम बिल आएंगे

इसमें तीन तलाक समेत कई महत्वपूर्ण बिल भी पेश किए जाएंगे। इस सत्र में पिछली सरकार के समय लागू 10 अध्यादेशों को रद्द कर उनके स्थान पर विधेयक पास कराना भी जरूरी है। साथ ही पिछली लोकसभा के साथ रद्द हो चुके 46 विधेयकों को भी आवश्यक बदलाव करके लाया जाएगा। हालांकि, इस बारे में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद ही सरकार स्थिति स्पष्ट करेगी।

4 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण, 5 जुलाई को आम बजट

  • 17 जून: साेमवार काे 17वीं लाेकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हाेगी।
  • 18 जून: पहले 2 दिन प्राधानमंत्री समेत 543 नए सांसदों की शपथ होगी।
  • 19 जून: नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। यह 17वां स्पीकर होगा।
  • 20 जून: लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति का संबाेधन।
  • 4 जुलाई: वित्त मंत्रालय का आर्थिक सर्वेक्षण आएगा।
  • 5 जुलाई: नई सरकार का पहला आम बजट आएगा।

अध्यक्षता काैन करेेगा

लाेकसभा का सबसे वरिष्ठ सदस्य प्राेटेम स्पीकर बनता है। हालांकि इस बार ऐसा नहीं हुआ है। इस बार वीरेंद्र प्राेटेम स्पीकर हैं। वे 7वीं बार लाेकसभा पहुंचे हैं। प्राेटेम स्पीकर की अध्यक्षता में ही लाेकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुना जाता है।

स्पीकर का चुनाव

बहुमत दल का सदस्य ही बनता है लाेकसभा का काेई भी सदस्य किसी का नाम प्रस्तावित करता है। उसकाे सहमति से या वोटिंग के जरिए चुना जाता है। इस बार सरकार को पूर्ण बहुमत है, इसलिए जिसका भी नाम प्रस्तावित किया जाएगा, वही अध्यक्ष बनेगा।

ये अहम बिल लाएगी सरकार

  • केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक 2019।
  • आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2019।
  • मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) या ट्रिपल तलाक विधेयक 2019।
  • जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019।
  • अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केेंद्र विधेयक 2019।
  • विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2019।

17वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र आज (17 जून) से शुरू हो गया है. इस बार संसद में बहुत कुछ बदला हुआ नजर आएगा. 17वीं लोकसभा कई मायनों में अहम है, इस बार सबसे ज्यादा महिलाएं और सबसे ज्यादा युवा चेहरे संसद में दिखाई देंगे. वहीं एक तरफ सदन में जहां कई नए चेहरे दिखाई देंगे तो वहीं कई ऐसे दिग्गज नेता जो सालों तक संसद भवन में चेहरा रहे हैं, वो इस बार दिखाई नहीं देंगे.

  • मोदी सरकार 2.0 की संसदीय परीक्षा आज से शुरू हो चुकी है. आज 17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ. इस दौरान नए सांसदों की शपथ दिलाई जा रही है. लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल कर सत्ता में भारतीय जनता पार्टी चाहेगी कि इस सत्र में बजट के अलावा अन्य अटके हुए विधेयकों को पास करा सके. वीरेंद्र कुमार ने प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ ली, जो कि सांसदों को शपथ दिलाएंगे. 17 जून से शुरू होकर ये सत्र 26 जुलाई तक जारी रहेगा, तो वहीं 5 जुलाई को बजट पेश किया जाएगा.

संसद में पहली बार 267 सांसद 
17वीं लोकसभा की खास बात यह है कि पहली बार सदन में 267 सांसद होंगे. दरअसल, 542 में से 267 सांसद पहली बार चुनकर संसद पहुंचे हैं. यानी आधे से ज्यादा नए सांसद सदन में दिखाई देंगे. जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहली बार सांसद बने हैं.

महिलाओं की अधिक संख्या
17वीं लोकसभा में कुल 78 महिलाएं सांसद बनीं हैं. आजादी के बाद से यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. वहीं 2014 में महिला सांसदों की संख्या 62 थी. बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में कुल 719 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरी थीं, जिसमें से 78 महिलाओं ने चुनाव में सफलता हासिल की.

2014 के मुकाबले ज्यादा युवा सांसद
17वीं लोकसभा में 2014 यानी 16वीं लोकसभा के मुकाबले ज्यादा युवा सांसद हैं. 2014 में सांसदों की औसत उम्र 55 साल से अधिक थी जबकि इस बार सांसदों की औसत उम्र 54 साल है. बता दें ओडिशा की चंद्राणी मुर्मू इस बार सबसे युवा सांसद हैं. वह 25 साल 11 महीने की उम्र में सांसद बनीं.

एक परिवार के सदस्य सांसद
इस बार संसद में कई सांसद ऐसे हैं जो एक ही परिवार के सदस्य हैं. सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर जो कि पति-पत्नी हैं, दोनों सांसद बने तो वहीं मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव (पिता-पुत्र), सोनिया गांधी और राहुल गांधी (मां-बेटा), मेनका गांधी और वरुण गांधी (मां-बेटा), हेमा मालिनी और सनी देओल (मां-बेटा) सांसद चुने गए.

राहुल गांधी और स्मृति ईरानी का आमना-सामना
इस बार लोकसभा में पहली बार ऐसा होगा जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हारते रहे हैं, दोनों सदन में दिखाई देंगे. राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने.

साथ दिखेंगे हेमा मालिनी और सनी देओल
बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी और सनी देओल दोनों ही स‍ितारों ने 17वीं लोकसभा चुनाव में जीत हास‍िल की है. सनी देओल और हेमा मालिनी दोनों ही एक परिवार से हैं.

नहीं दिखाई देंगे कई बड़े चहरे
इस बार सदन में कई बड़े नेता दिखाई नहीं देंगे. बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी चार बार राज्यसभा और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे लेकिन 2019 के चुनाव में वह चुनाव नहीं लड़े. पार्टी के वरिष्ठ नेता आडवाणी इस वक्त किसी भी सदन के सदस्य नहीं है. सदन में पहली पंक्ति में बैठने वाले आडवाणी इस बार दिखाई नहीं देंगे. वहीं मुरली मनोहर जोशी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कांग्रेस के भी दिग्गज नेता मलिकार्जुन खरगे, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी इस बार संसद में नहीं दिखाई देंगे.

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