भीषण जल संकट से जूझ रहा पंजाब, कैप्टन अमरिंदर ने मांगी मोदी से मदद
पीएम मोदी से अपील करते हुए सीएम अमरिंदर ने कहा कि पंजाब गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है और पानी को लेकर कई राज्यों के बीच विवाद है. भारत सरकार से मांग करते हैं कि वह नदी जल न्यायाधिकरण का गठन करे.
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सूबे में जल संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है. पीएम मोदी से अपील करते हुए सीएम अमरिंदर ने कहा कि पंजाब गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है और पानी को लेकर कई राज्यों के बीच विवाद है. भारत सरकार से मांग करते हैं कि वह नदी जल न्यायाधिकरण का गठन करे.
राज्यों के बीच पानी के बंटवारे से जुड़े विवादों के निवारण के लिए नए न्यायाधिकरणों की स्थापना
इससे पहले शनिवार को नीति आयोग की बैठक में भी अमरिंदर सिंह ने पत्र के माध्यम से अपने मांगे रखी थीं. इस बैठक में पंजाब का प्रतिनिधित्व राज्य के मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने किया. अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्यों के बीच पानी के बंटवारे से जुड़े विवादों के निवारण के लिए नए न्यायाधिकरणों की स्थापना होनी चाहिए.
कृषि संकट का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि मुश्किल से घिरे किसानों को एक बार में कर्जमाफी के जरिए राहत पहुंचाई जाए. उन्होंने केंद्र सरकार से यह आग्रह भी किया कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जाने वाली सालाना राशि को छह हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये किया जाए.
पाकिस्तान को रोज़ाना 15,000 से 20,000 क्यूसेक पानी देने का आरोप
एक ओर अमरिंदर सिंह पीएम मोदी से मदद मांग रहे हैं तो वहीं उन पर पाकिस्तान को रोज़ाना 15,000 से 20,000 क्यूसेक पानी देने का आरोप है. पंजाबी एकता पार्टी (PEP) के प्रमुख सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि पाकिस्तान को इतनी बड़ी मात्रा में पानी छोड़ने का फैसला असामयिक और अस्पष्ट था.
उन्होंने कहा कि सरकार पाकिस्तान को रोज़ाना लगभग 15,000 से 20,000 क्यूसेक पानी क्यों जारी कर रही है, जबकि राज्य की सभी प्रमुख नहरें सूखी हैं. सुखपाल सिंह खैरा ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह जो सिंचाई मंत्री भी हैं, उनसे आग्रह किया कि पाकिस्तान को पानी देना बंद करें. और उसका वर्तमान फसलों की सिंचाई के लिए 15,000 से 20,000 क्यूसेक पानी का आवंटन पंजाब को करें.