कंगाली के दौर में पहुंचा पाकिस्तान पर इमरान खान अभी भी अलाप रहे कश्मीरी राग
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आशा जताते हुए कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर सहित सभी मतभेदों को हल करने के लिए अपने 'प्रचंड जनादेश' का उपयोग करेंगे.
नई दिल्ली. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने परस्पर बातचीत के जरिये सभी मसलों का समाधान करने की बात दोहराई है. उन्होंने कहा कि इस तरह ही दोनों देशों के बीच न सिर्फ विद्यमान मतभेदों को खत्म किया जा सकता है, बल्कि दो पड़ोसी देशों के बीच बढ़ रहे तनाव को भी खत्म किया जा सकता है. उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर सहित सभी मतभेदों को हल करने के लिए अपने ‘प्रचंड जनादेश’ का उपयोग करेंगे. गौरतलब है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक के पीएम इमरान खान दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में हैं.
पाकिस्तान ने जताई शांति बहाली की उम्मीद
बिश्केक के लिए रवाना होने से पहले रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक को दिए एक ‘इंटरव्यू’ में इमरान खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने पाकिस्तान को भारत सहित अन्य देशों के साथ अपना संबंध विकसित करने के लिए एक नया मंच दिया है. उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है और अपने सभी पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ शांति की उम्मीद करता है. उन्होंने कहा कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि वे अभी भी गरीबी के भंवर जाल में फंसे हुए हैं.
पीएम मोदी ने नहीं मिलाया था हाथ
गौरतलब है कि इमरान खान का भारत के साथ संबंधों को लेकर यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किर्गिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए अनौपचारिक डिनर में अपने समकक्ष इमरान खान से हाथ तक मिलाने से परहेज किया था. इसके पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि एससीओ सम्मेलन से इतर मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान के बीच किसी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है.
इमरान खान ने भारत पर लगाया सहयोग न करने का आरोप
हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी ने बिश्केक मंच का इस्तेमाल कर चीन और रूस से बातचीत के दौरान पाक प्रायोजित आतंकवाद पर जोरदार हमला बोला था. ऐसे में इमरान खान का रूसी संवाद एजेंसी को दिया यह इंटरव्यू कश्मीर के अंतरराष्ट्रीयकरण की ओर ही इशारा करता है. गौरतलब है कि इमरान खान ने कहा कि हमारा मुख्य जोर शांति बहाली और परस्पर वार्ता के जरिए मतभेदों को दूर करने पर होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से इस सिलसिले में भारत की ओर से ज्यादा सफलता नहीं मिली है. हालांकि खान ने कहा, ‘लेकिन हम आशा करते हैं कि मौजूदा प्रधानमंत्री (मोदी) के पास प्रचंड जनादेश है, हम आशा करते हैं कि वह बेहतर संबंध विकसित करने और उपमहाद्वीप में शांति कायम करने में इसका उपयोग करेंगे.’