मोदी सरकार ने 3.6 करोड़ कर्मचारियों को दिया तोहफा, ESI कंट्रीब्यूशन 6.5% से घटाकर 4% किया
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में करोड़ों कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESI) कंट्रीब्यूशन को 6.5% से घटाकर 4% कर दिया है.
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में करोड़ों कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESI) कंट्रीब्यूशन को 6.5% से घटाकर 4% कर दिया है. इसमें एम्प्लॉयर्स का योगदान 4.75 फीसदी से घटाकर 3.25 कर दिया गया है. वहीं कर्मचारियों के योगदान को 1.75 फीसदी से घटाकर 0.75 फीसदी कर दिया है. मोदी सरकार के इस फैसले से 3.6 करोड़ कर्मचारियों और 12.85 लाख एम्प्लॉयर्स को फायदा होगा. ये सभी दरें 1 जुलाई 2019 से लागू होंगी.
योगदान में कमी आने से ईएसआई योजना के अंतर्गत आने वाले सभी कर्मचारियों और एम्प्लॉयर्स को फायदा होगा.
- योगदान में कमी आने से ईएसआई योजना के अंतर्गत आने वाले सभी कर्मचारियों और एम्प्लॉयर्स को फायदा होगा. ESI में योगदान में कमी से कर्मचारियों को राहत मिलेगी. ESI स्कीम के तहत ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों का एनरोलमेंट हो सकेगा. वहीं एम्प्लॉयर्स के योगदान में कटौती से कंपनियों पर वित्तीय बोझ कम पड़ेगा. इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को भी बढ़ाया जा सकेगा. यह भी उम्मीद की जाती है कि ईएसआई योगदान की दर में कमी से कानून का बेहतर अनुपालन होगा.
Government of India: Rate of contribution under the ESI Act has been reduced from 6.5% to 4% (employers’ contribution reduced from 4.75% to 3.25% & employees’ contribution reduced from 1.75% to 0.75%). Reduced rates will be effective from 1st July 2019.
— ANI (@ANI) June 13, 2019
- ESI अधिनियम के तहत, कर्मचारी और एम्प्लॉयर्स दोनों को योगदान देना होता है. श्रम और रोजगार मंत्रालय के जरिए से भारत सरकार के ESI अधिनियम के तहत योगदान की दर तय करती है. वर्तमान में, योगदान की दर 6.5 फीसदी पर फिक्सड है. इसमें एम्प्लॉयर्स की हिस्सेदारी 4.75 फीसदी और कर्मचारी की हिस्सेदारी 1.75 फीसदी है. यह दर 1 जनवरी 1997 से प्रचलन में है.बता दें कि कर्मचारी बीमा एक्ट 1948 के तहत कर्मचारियों को मेडिकल, कैश, मैटरनिटी, विकलांगता जैसे स्थिति में सुरक्षा मिलती है. कर्मचारी राज्य बीमा ईएसआईसी द्वारा संचालित किया जाता है.