नई दिल्लीः मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिक और सामाजिक संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मदरसे को लेकर मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया है. संगठन के जनरल सेक्रेटरी मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मुसलमानों को राष्ट्र निर्माण का हिस्सा होना चाहिए. यह तभी संभव है जब उनकी क्षमता को विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है. मदनी ने कहा कि इसे सिर्फ घोषणा तक नहीं सीमित करना चाहिए बल्कि इस पर एक्शन लेते हुए लागू करना चाहिए. अगर ऐसा होता है तभी ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारा सही साबित होगा.
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मदरसों को औपचारिक शिक्षा से जोड़ा जाना चाहिए. देश के लाभ के लिए, समाज के सभी वर्गों को समान अवसर दिए जाने चाहिए, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में. हम हमेशा इस तरह की पहल का स्वागत करेंगे. दरअसल मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि मदरसों को अब मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाएगा. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बात की जानकारी दी थी.
क्या है केंद्र सरकार का फैसला?
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देशभर में बड़ी संख्या में मौजूद मदरसों को औपचारिक और मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाएगा, जिससे मदरसों के बच्चे भी समाज के विकास में योगदान दे सकें. जानकारी के मुताबिक इस योजना की शुरुआत अगले माह से हो जाएगी. मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन की 112 वीं संचालन परिषद एवं 65 वीं महासभा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि में मिलनी चाहिए. इसके साथ ही मुख्तार अब्बास नकवी ने खुलासा किया है कि सरकार ने अगले 5 साल में 5 करोड़ छात्रों को स्कॉलरशिप देने की 3E योजना बनाई है. 3E का मतलब है-एजुकेशन, एम्प्लायमेंट और एम्पावरमेंट. इनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को शामिल किया जाएगा.
सरकार ने अगले 5 साल में 5 करोड़ छात्रों को स्कॉलरशिप देने की 3E योजना बनाई है.
पीएम मोदी ने मुसलमानों के अच्छे दिन के लिए जो प्लान बनाया है, वो 17 करोड़ मुसलमान का आज नहीं बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों की जिंदगी बदल देगा. मोदी सरकार 2 में बड़ा फैसला होने जा रहा है. सरकार ने मदरसों के कायाकल्प का पूरा प्लान बनाया है. अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने खुलासा किया है कि सरकार ने अगले 5 साल में 5 करोड़ छात्रों को स्कॉलरशिप देने की 3E योजना बनाई है.
5 साल में 5 करोड़ छात्रों को स्कॉलरशिप देने का प्लान
3E का मतलब है-एजुकेशन, एम्प्लायमेंट और एम्पावरमेंट. इनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को शामिल किया जाएगा.केंद्र सरकार पांच करोड़ से ज्यादा गरीब अल्पसंख्यक वर्गों के गरीब छात्र छात्राओं को स्कॉलरशिप देगी. इसका मतलब साफ है कि अगर पढ़ेंगे बच्चे तो बढ़ेंगे बच्चे. अगर परिवार का एक बच्चा भी पढ़ लिया तो समझ लीजिए कि उससे आने वाली कई पीढ़ियों के लिए रास्ता खुलेगा.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देशभर में बड़ी संख्या में मौजूद मदरसों को औपचारिक और मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाएगा, जिससे मदरसों के बच्चे भी समाज के विकास में योगदान दे सकें. जानकारी के मुताबिक इस योजना की शुरुआत अगले माह से हो जाएगी.