रिलायंस ग्रुप / अनिल अंबानी ने कहा- बीते 14 महीने में संपत्तियां बेचकर 35400 करोड़ रु. चुकाए

असेट्स बिक्री के जरिए बाकी कर्ज का भुगतान भी तय समय पर करने का भरोसा दिया रिलायंस ग्रुप पर 1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज, इसमें से आधा आरकॉम पर

मुंबई. रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने मंगलवार को कहा कि उनके समूह ने पिछले 14 महीने में संपत्तियां बेचकर 35,400 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया है। मीडिया से बात करते हुए अंबानी ने भरोसा दिया कि रिलायंस ग्रुप बाकी कर्ज का भुगतान भी समय पर करने में सफल रहेगा।

जनवरी से अब तक अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों की वैल्यू 65% घटी

अनिल अंबानी का बयान ऐसे समय आया है जब ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट देखी जा रही है। जनवरी से अब तक ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों की वैल्यू 65% घट चुकी है।

अनिल ने बताया कि अप्रैल 2018 से मई 2019 तक रिलायंस कैपिटल, रिलायंस पावर, रिलायंस इन्फ्रा और इनसे जुड़ी कंपनियों का जो कर्ज चुकाया गया है,उसमें 24,800 रुपए मूल राशि और 10,600 करोड़ रुपए का ब्याज शामिल है। इतने भुगतान के लिए कोई और कर्ज नहीं लिया गया।

अनिल अंबानी ने यह भी कहा है कि उनके ग्रुप की कंपनियों को अलग-अलग दावों के तहत 30,000 करोड़ रुपए मिलने हैं। रेग्युलेटर्स और अदालतों ने इन दावों पर आखिरी फैसले नहीं दिए हैं।

रिलायंस ग्रुप पर 1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें 49,000 करोड़ रुपए का कर्ज रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) पर है। कुछ महीने पहले आरकॉम ने दिवालिया होने की अर्जी दी थी जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

पिछले 2 साल में रिलायंस ग्रुप की जिन दो बड़ी संपत्तियों की बिक्री सफल रही, उनमें रिलायंस पावर का डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस और ग्रुप का म्यूचुअल फंड कारोबार शामिल है। मुंबई स्थित आरकॉम का डिस्ट्रीब्यूशन कारोबार 18,000 करोड़ रुपए में अडाणी ग्रुप को बेचा था। म्यूचुअल फंड बिजनेस में 6,000 करोड़ रुपए में पार्टनर निप्पन ग्रुप को हिस्सेदारी बेची थी। इंश्योरेंस कारोबार की बिक्री के लिए डील होना बाकी है। इसके अलावा रिलायंस कैपिटल ने बिग एफएम की बड़ी हिस्सेदारी 1,200 करोड़ रुपए में जागरण ग्रुप को बेचने की डील भी की है।

रिलायंस ग्रुप की जियो को स्पेक्ट्रम बिक्री की डील पूरी नहीं हो पाई थी। अनिल अंबानी की आरकॉम ने पिछले साल बड़े भाई मुकेश अंबानी की जियो को 23,000 करोड़ रुपए में स्पेक्ट्रम बेचने की डील की थी। लेकिन, सरकार की ओर से मंजूरी में देरी होने की वजह से दोनों कंपनियों ने सहमति से डील रद्द कर दी।

मुकेश अंबानी ने इस साल अप्रैल में 485 करोड़ रुपए देकर छोटे भाई अनिल अंबानी को जेल जाने से बचाया था। एरिक्सन के भुगतान के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी से कहा था कि तय समय पर भुगतान नहीं किया तो अवमानना की कार्रवाई होगी और जेल जाना पड़ेगा।

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