UP / आंधी-तूफान से हुए हादसों में 26 की मौत, 57 से ज्यादा जख्मी; 3 दिन इसी तरह बदलेगा मौसम का मिजाज

गुरुवार देर रात आंधी-तूफान से 9 जिलों में हादसे हुए, मैनपुरी में सबसे ज्यादा 6 लोगों की जान गई, ज्यादातर मौतें बिजली गिरने से हुईं

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में गुरुवार रात आंधी-तूफान से हुए अलग-अलग हादसों में 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि 57 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। मैनपुरी में सबसे अधिक 6 लोगों की जानें गईं। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने शुक्रवार को बताया कि आंधी का खतरा अभी टला नहीं है। अगले दो से तीन दिनों तक परेशानी बनी रहेगी। लोगों को आंधी चलने के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बीती रात प्रदेश के मैनपुरी, एटा, कासगंज, मुरादाबाद, महोबा, हमीरपुर, फर्रुखाबाद, बदायूं और पीलीभीत में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। कई जिलों में ओले भी गिरे। नेशनल और स्टेट हाईवे पर गिरे पेड़ों के कारण आवागमन बाधित हुआ है। पुलिस के मुताबिक, देर रात आए आंधी-तूफान के कारण अपने घरों में सो रहे ज्यादातर लोगों ने अपनी जान गंवाई या जख्मी हुए। उन्हें संभलने को मौका नहीं मिला।

मृतकों के परिवार को 4 लाख की आर्थिक मदद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवार के लिए 4 लाख रुपए बतौर आर्थिक मदद देने का ऐलान किया। सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार जिला कलेक्टर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। पीड़ितों को सभी जरूरत की चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि वह (योगी) सभी संबंधित मंत्री से सीधे संपर्क में हैं।

ज्यादातर मौतें बिजली गिरने से हुईं

तूफान और बारिश का सबसे ज्यादा असर प्रदेश के मैनपुरी में हुआ। यहां 6 लोगों की मौत के अलावा 41 से ज्यादा जख्मी भी हुए हैं। वहीं, एटा और कासगंज में 3-3, बाराबंकी, फर्रूखाबाद और बदायूं में 2-2 मौत हुईं। इनके अलावा मुरादाबाद, पीलीभीत, मथुरा, कन्नौज, सम्भल, गाजियाबाद, अमरोहा और महोबा में 1-1 मौत हुई। इनमें से ज्यादातर मौतें बिजली और आंधी के दौरान पेड़ गिरने की वजह से हुईं।

अमरोहा में दीवार गिरने से बच्चे की मौत

शुक्रवार देर शाम आए तूफान और बारिश ने मुरादाबाद समेत पश्चिमी यूपी में तबाही मचा दी। तकरीबन सवा नौ बजे इस कदर तूफान आया कि अफरा-तफरी मच गई। कई जगह पेड़ गिर गए, बिजली के पोल टूटे और होर्डिंग-बोर्ड उखड़ गए। अमरोहा में दिवार गिरने से मलबे में दबकर बच्चे की मौत हो गई तो संभल में आंधी में उड़ी टिन की चपेट में आकर युवक की गर्दन कट गई। मुरादाबाद के कटघर में एक स्कूल की दीवार गिरने से महिला घायल हो गई।दिल्ली रोड पर एक कार पर पेड़ गिर गया। उन लोगों की मुसीबत ज्यादा हो गई जो सड़क पर सफर कर रहे थे। कई लोग तूफान की चपेट में आ कर चोटिल हो गए।तूफान ने ऐसा डराया कि लोग बेचैन हो गए। इसे अब तक के सीजन की पहली सबसे तेज तूफान माना गया। तूफान के साथ बारिश भी हुई। बीस मिनट में ऐसा लगा कि खिड़कियां दरवाजे तक उखड़ जाएंगे। दिल्ली रोड पर एक पेड़ कार पर गिर गया। वहीं एक बस भी पेड़ की चपेट में आ गई।

आंधी का अध्ययन करेगी सरकार

भारत सहित दुनिया के विभिन्न भागों में आंधी के लगातार बढ़ते दौर को देखते हुए सरकार ने इसके पीछे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन कराने का फैसला किया है। इसके लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय समिति गठित की है। मंत्रालय के सचिव एम राजीवन नायर ने शुक्रवार को बताया कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में एक ही समय औसतन लगभग 10 हजार स्थानों पर आंधी आती है। उन्होंने कहा कि भारत भी इस प्रभाव से अछूता नहीं है।

गांवों के मौसम की जानकारी मिलेगी

मौसम विभाग से अब राज्य या शहर की ही नहीं, बल्कि गांव-गांव के मौसम की भी सटीक जानकारी मिल सकेगी। इसके लिए मौसम विभाग ने शुक्रवार को ‘न्यू इन्सेंबल प्रिडिक्शन सिस्टम’ नामक प्रणाली की शुरुआत की है। इसके जरिये मात्र 12 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में अगले चार से 10 दिन की अवधि में बारिश की मात्रा और समय की सटीक जानकारी दी जा सकेगी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम राजीवन और मौसम विभाग के महानिदेशक के जे रमेश ने शुक्रवार को इस प्रणाली को शुरू करने की घोषणा की।

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