शरद पवार ने कहा- राकांपा कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में संघ के दृढ़ निश्चय से सीख लें

राकांपा प्रमुख ने कार्यकर्ताओं से कहा- लोकसभा चुनाव नतीजों से निराश न हों 'अगले 4-5 महीने में होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटें'

0 800,915

पुणे.राकांपा प्रमुख शरद पवार ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से सीख लेने की बात कही। पवार गुरुवार को पिम्परी-चिंचवाड़ इलाके में राकांपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कहता कि हमें संघ कार्यकर्ताओं की हर बात का पालन करना है, लेकिन हम मतदाताओं से मिलते वक्त उनके दृढ़ निश्चय और दृढ़ता से बहुत कुछ सीख सकते हैं।’

पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से कार्यकर्ताओं को निराश नहीं होना चाहिए। अब अक्टूबर-नवंबर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारे कार्यकर्ता किसी के घर जाते हैं और अगर वहां कोई न मिले तो पार्टी का पंपलेट दरवाजे पर डालकर चले आते हैं। लेकिन भाजपा का प्रचार करने वाले संघ के कार्यकर्ताओं को अगर सुबह घर बंद मिले तो वे शाम को दोबारा लोगों से मिलने जाते हैं। वे तब तक उस घर का दौरा करते हैं, जब तक कि परिवार के हाथों में खुद पंपलेट सौंपकर न आएं। हमारी कोशिश भी क्षेत्र के हर वोटर तक पहुंचने की होनी चाहिए।

पवार ने केदारनाथ दौरे को लेकर मोदी पर तंज कसा
राकांपा प्रमुख ने लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे और वहां की एक गुफा में ध्यान लगाने पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि हमें देखना चाहिए कि दुनिया किस ओर बढ़ रही है, विज्ञान कहां पहुंच रहा है और हमारे प्रधानमंत्री किसी गुफा में ध्यान लगाने बैठ गए।

मोदी के शपथ समारोह में नहीं जाने की वजह बताई

30 मई को राष्ट्रपति भवन में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे पांचवीं लाइन में सीट मिली थी, इसलिए नहीं गया। मेरे पास पर ‘वी’ लिखा था, दो बारजानकारी जुटाने पर बताया गया कि इसका मतलब 5वीं लाइन है। अब राष्ट्रपति भवन की ओर से कहा गया है कि ‘वी’ का मतलब वीवीआईपी था। अब चैप्टर ओवर हो चुका है।

राकांपा-कांग्रेस के सिर्फ 5 उम्मीदवार जीते
लोकसभा चुनाव में राकांपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। राकांपा ने 19 सीट और कांग्रेस ने 25 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। इनमें से शरद पवार की पार्टी के चार और कांग्रेस के एक उम्मीदवार को ही जीत मिली। जबकि भाजपा-शिवसेना गठबंधन को राज्य की 48 में से 41 सीटों पर कामयाबी मिली।

Leave A Reply

Your email address will not be published.