सिद्धू ने दी कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीधी चुनौती ,कहा- मैं किसी व्‍यक्ति नहीं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह

उन्‍होंने कहा, अगर अन्य महकमों के बारे में सामूहिक जवाबदेही की बात करें तो जिनको (कैप्टन का नाम लिए बगैर) मेरे ऊपर विश्वास ही नहीं है उनके बगल में तीन इंच के फासले पर बैठने का क्या औचित्य है? अगर वह मेरे से नाराज थे तो मुझे बुलाकर कुछ भी कह सकते थे लेकिन उन्होंने सार्वजनिक तौर पर शहरी सीटों की हार के लिए मुझे जिम्मेवार ठहरा दिया जबकि आंकड़े कुछ और बोलते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने आधा सच बताया है, मैं पूरा सच बताऊंगा।

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चंडीगढ़ पंजाब के फायर ब्रांड नेता और कैबिनेट मंत्री आज यहां आयोजित पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं आए। कैबिनेट की बैठक में जाने के बजाय सिद्धू ने अलग से प्रेस कान्‍फेंस की और कांग्रेस नेतृत्‍व व सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को एक तरह से चुनौती दे दी। उन्‍होंने  फिर आक्रामक तेवर दिखाए और कहा कि मैं किसी व्‍यक्ति नहीं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह हूं। बताया जाता है कि वह एक-दो दिन बड़ा ऐलान कर सकते हैं। दूसरी ओर, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू का विभाग बदल दिया है। उनको स्‍थानीय निकाय विभाग की जगह ऊर्जा विभाग दिया गया है।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा- किसी व्‍यक्ति नहीं पंजाब के लोगों के प्रति हूं जवाबदेह

बता दें कि सिद्धू द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान की गई बयानबाजी से कैप्टन अमरिंदर सिंह और कई मंत्री  काफी नाराज हैं। अमरिंदर ने तो सिद्धू को नॉन परफॉर्मर मिनिस्टर तक दिया। इसका जवाब सिद्धू ने अपने विभाग के कामकाज के आंकड़े देकर भी करना चाहा, लेकिन दोनों के बीच दूरियां घटने के बजाए बढ़ती जा रही हैं। माना जा रहा था कि आज जब वह कैबिनेट की मीटिंग में शामिल होंगे तो यह दूरियां कुछ कम हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सिद्धू बोले- राजनीति में फैसला नफा नुकसान देखकर नहीं करता

सिद्धू ने कहा, राजनीति में मैं नफा-नुकसान देखकर निर्णय नहीं लेता। राजनीति मेरा प्रोफेशन नहीं है बल्कि मेरा पैशन है। मैं राजनीति में लाखों करोड़ों रुपये कमाने नहीं आया। मैं परफार्मर रहा हूं, चाहे वह क्रिकेट का मैदान हो या कमेंट्री या टीवी शो और राजनीति का। मैं हर जगह अपना सौ फीसदी देने की कोशिश की है।

कहा- सीएम को मुझ पर नहीं भरोसा, इसलिए नहीं गया कैबिनेट बैठक में

यह पूछे जाने पर कि आप कैबिनेट की बैठक में शामिल होने की जगह प्रेस कांन्‍फ्रेंस कर रहे है, बैठक में क्‍यों नहीं गए तो सिद्धू ने कहा कि कैबिनेट बैठक के एजेंडे में मेरे स्‍थानीय निकाय विभाग का कोई एजेंडा नहीं था। य‍दि बैठक में मेरे विभाग का एजेंडा होता तो उसमें जरूर शामिल होता। यह पूछे जाने पर कि क्‍या आपको बैठक के लिए सूचना या न्‍यौता आया था, नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, हां बुलावा आया था। लेकिन जब मेरे बॉस (कैप्‍टन अमरिंदर सिंह) का ही मुझ पर विश्‍वास नहीं रह गया है तो मैं वहां जाकर क्‍या करता।

विश्वास ही नहीं है उनके बगल में तीन इंच के फासले पर बैठने का क्या औचित्य

उन्‍होंने कहा, अगर अन्य महकमों के बारे में सामूहिक जवाबदेही की बात करें तो जिनको (कैप्टन का नाम लिए बगैर) मेरे ऊपर विश्वास ही नहीं है उनके बगल में तीन इंच के फासले पर बैठने का क्या औचित्य है? अगर वह मेरे से नाराज थे तो मुझे बुलाकर कुछ भी कह सकते थे लेकिन उन्होंने सार्वजनिक तौर पर शहरी सीटों की हार के लिए मुझे जिम्मेवार ठहरा दिया जबकि आंकड़े कुछ और बोलते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने आधा सच बताया है, मैं पूरा सच बताऊंगा।

यह बताया लोकसभा चुनाव में जीत का आंकड़ा

सिद्धू ने कहा कि 2014 के संसदीय चुनाव में भी मोदी लहर थी और कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से तीन सीटें जीतीं थीे जिनमें 37 असेंबली हलके बनते हैं। लेकिन इन चुनाव में आठ सीटें जीती हैं और कुल 69 असेंबली सीटें बनती हैं। इनमें लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, पटियाला और मोहाली जैसे महानगरों की 65 फीसदी शहरी सीटों पर कब्जा किया है। सिद्धू ने कहा कि पीपीसीसी के अपने मापदंडों के अनुसार राज्य की 117 सीटों में से 54 शहरी सीटें बनती हैं जिनमें कांग्रेस को 34 सीटों पर विजय मिली है। अगर पूरी तरह से अर्बन सीटों की बात करें तो वह 25 बनती हैं जिनमें से 16  पर उन्हें विजय मिली है जो 64 फीसदी बनती है जबकि रूरल सीटों पर 55 फीसदी सफलता मिली है।

सिद्धू के अगले सियासी कदम को लेकर चर्चाएं गर्म

इसके साथ ही सिद्धू को लेकर पंजाब की राजनी‍ति में कयासबाजी तेज हो गई है। कहा तक यह भी जा रहा है कि सिद्धू कोई अन्‍य राजनीतिक विकल्‍प तलाश सकते हैं। इस चर्चा को उस समय भी बल देने की कोशिश की गई जब आम आदमी पार्टी से अलग होकर अलग मोर्चा बनाने वाले सुखपाल सिंह खैहरा ने सिद्धू को साथ आने की दावत दी। बताया जा रहा है एक-दो दिन में सिद्धू बड़ी घोषणा कर सकते हैं। 

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