मोदी राज पार्ट-2 में सस्ती EMI का तोहफा, RBI ने रेपो रेट में की कटौती

अगर बैंक भी लोन की ब्याज दरों में 0.25% कटौती करें तो ग्राहकों को इतना फायदा होगा रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों को आरबीआई से कर्ज मिलता है, यह 6% से घटकर 5.75% हुआ जीडीपी ग्रोथ रेट घटने की वजह से आरबीआई पर ब्याज दर में कटौती का दबाव था बैंक लोन की दरें घटाएंगे तो लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए जमा की दरें भी बढ़ा सकते हैं

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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने गुरुवार को ब्याज दरों का ऐलान किया। रेपो रेट में 0.25% कटौती की गई है। यह 6% से घटकर 5.75% हो गया है। रेपो रेट में कमी से सभी तरह के लोन सस्ते होंगे। हालांकि, यह बैंकों पर निर्भर करता है कि वे रेपो रेट में कमी का फायदा ग्राहकों को कब तक और कितना देते हैं। रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई कॉमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है।

लगातार तीसरी बार कटौती

आरबीआई की पिछली दो बैठकों में भी एमपीसी रेपो रेट में क्रमश: 0.25  फीसदी की कटौती कर चुकी है. यानी जून में लगातार तीसरी बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट घटाई है. वहीं रिजर्व बैंक के इतिहास में पहली बार है जब आरबीआई गवर्नर की नियुक्‍ति के बाद लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कमी आई है. बता दें कि बीते दिसंबर महीने में उर्जित पटेल के इस्‍तीफे के बाद शक्तिकांत दास बतौर गवर्नर नियुक्‍त हुए थे.

क्‍या होगा आप पर असर

आरबीआई के रेपो रेट कटौती का फायदा आपको मिलेगा. दरअसल, आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंकों पर ब्‍याज दर कम करने का दबाव बनेगा. ब्‍याज दर कम होने की स्थिति में उन लोगों को फायदा मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है.इसके अलावा बैंक से नए लोन लेने की स्थिति में भी पहले के मुकाबले ज्‍यादा राहत मिलेगी.

जीडीपी का अनुमान घटाया

इस बीच, रिजर्व बैंक ने जीडीपी का अनुमान घटा दिया है. रिजर्व बैंक के मुताबिक जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान है. इससे पहले आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ को 7.2 फीसदी का अनुमान लगाया था. वहीं केंद्रीय बैंक ने 2019-20 की पहली छमाही में महंगाई दर 3 से 3.1 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है. वहीं साल की दूसरी छमाही में यह आंकड़ा 3.4%-3.7% तक रह सकता है.

ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन करने वालों को तोहफा

इसके अलावा ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन करने वालों को भी आरबीआई की बैठक से खुशखबरी मिली है. दरअसल, रिजर्व बैंक ने RTGS और NEFT लेनदेन पर लगाए गए शुल्क को हटा दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि अब RTGS और NEFT के जरिए ट्रांजेक्‍शन करने वाले लोगों को किसी भी तरह का एक्‍स्‍ट्रा चार्ज नहीं देना होगा.

क्‍या है RTGS और NEFT

रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम के तहत मनी ट्रांसफर का काम तुरंत होता है. आरटीजीएस का उपयोग मुख्यत: बड़ी राशि को ट्रांसफर करने के लिए होता है. इसके तहत न्यूनतम 2 लाख रुपये भेजे जा सकते हैं और अधिकतम राशि भेजने की कोई सीमा नहीं है. अलग-अलग बैंकों का आरटीजीएस चार्ज अमाउंट के हिसाब से अलग-अलग होता है.वहीं नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) में ट्रांसफर के लिए न्यूनतम और अधिकतम पैसे की सीमा नहीं है. यह चार्ज भी अमाउंट के हिसाब से बढ़ता जाता है.

ATM ट्रांजेक्‍शन चार्ज पर भी जल्‍द फैसला संभव

RBI की ओर से एटीएम ट्रांजेक्‍शन चार्ज को लेकर भी बड़े फैसले लेने के संकेत दिए गए हैं. केंद्रीय बैंक ने बैठक में एक समिति का गठन करने का निर्णय लिया है. इस समिति के जरिए ATM शुल्क से जुड़े मामलों की समीक्षा की जाएगी. यह समिति अपनी पहली बैठक के दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें आरबीआई को बताएगी.

विकास दर में सुस्ती और कम मुद्रास्फीति से आरबीआई को रेपो दर में कटौती का मौका मिला

अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा के मुताबिक विकास दर में सुस्ती और कम मुद्रास्फीति से आरबीआई को रेपो दर में कटौती का मौका मिला है. उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती होगी, लेकिन शीर्ष बैंक इससे अधिक कटौती भी कर सकता है.  हालांकि रेट में कटौती पर मॉनसून की प्रगति और कच्चे तेल की वैश्विक कीमत का भी प्रभाव पड़ेगा.”

इसके अलावा एडिलवीस सिक्युरिटीज की मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा, “हम जून की नीतिगत समीक्षा में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद रखते हैं, इसके बाद अगली बैठक में फिर से 25 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है. ” बता दें कि वर्तमान में रेपो रेट 6 फीसदी है.

क्‍या होगा आप पर असर

आरबीआई के रेपो रेट कटौती का फायदा आपको मिलेगा. दरअसल, आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंकों पर ब्‍याज दर कम करने का दबाव बनेगा. ब्‍याज दर कम होने की स्थिति में उन लोगों को फायदा मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है.इसके अलावा बैंक से नए लोन लेने की स्थिति में भी पहले के मुकाबले ज्‍यादा राहत मिलेगी.

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