नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करके दूसरी बार सत्ता में काबिज होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेश और रोजगार को लेकर बड़ा फैसला लिया है. उनकी सरकार निवेश और रोजगार को लेकर कैबिनेट कमेटियों का गठन करेगी. निवेश को लेकर बनने वाली कैबिनेट कमेटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और रेलमंत्री पीयूष गोयल के अलावा केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री शामिल होंगे।
कैबिनेट कमेटी में 10 मंत्रियों को शामिल किया
वहीं, रोजगार और कौशल विकास को लेकर बनने वाली केंद्रीय कैबिनेट कमेटी में 10 मंत्रियों को शामिल किया जाएगा. इस कैबिनेट कमेटी का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद करेंगे. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी समेत अन्य इस कमेटी के सदस्य होंगे।
कैबिनेट ने इन कमेटियों के गठन को मंजूरी दे दी है.
इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने इन कमेटियों के गठन को मंजूरी दे दी है. इसकी सिफारिश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी जा चुकी है. वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसकी अधिसूचना जारी करने के लिए कैबिनेट सचिव को भेज दी है. इसके अलावा मोदी सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण कराने की भी तैयारी शुरू कर दी है. यह आर्थिक सर्वेक्षण पहले ठेले, रेहड़ी और छोटा-मोटा कारोबार करने वाले लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कराया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक आर्थिक सर्वेक्षण जून के आखिरी हफ्ते में शुरू होगा।
2020 तक देश के सात करोड़ असंगठित रोजगारों की तस्वीर साफ हो जाएगी
बताया जा रहा है कि इससे जनवरी 2020 तक देश के सात करोड़ असंगठित रोजगारों की तस्वीर साफ हो जाएगी. इसके बाद सरकार इस सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर रोजगार को लेकर आगामी रणनीति तैयार करेगी.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जीडीपी और रोजगार से जुड़े आंकड़े जारी किए,
इससे पहले मोदी सरकार की ताजपोशी के बाद शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जीडीपी और रोजगार से जुड़े आंकड़े जारी किए, जिसमें देश की जीडीपी दर में चौथी तिमाही में गिरावट देखने को मिली. जनवरी-मार्च में जीडीपी दर घटकर 5.8 फीसदी के निचले स्तर पर पहुंच गई. कृषि, उद्योग और मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में मंदी के चलते जीडीपी दर में ये गिरावट दर्ज की गई है.
बेरोजगारी की दर 45 साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आकंड़े के मुताबिक बेरोजगारी की दर 45 साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है. इसके अलावा 31 मार्च 2019 के आखिर में राजकोषीय घाटा 6.45 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया. हालांकि बजट में राजकोषीय घाटा 6.34 लाख करोड़ रुपये रहने का संशोधित पूर्वानुमान जताया गया था।