गृह मंत्री अमित शाह ने शहादत को किया नमन, कहा- ‘जवानों की वीरता से ही हमारा भारत सुरक्षित’

अमित शाह ने नेशनल पुलिस मेमोरियल पहुंचकर जवानों को श्रद्धांजलि दी शहीद जवानों और उनके परिजनों को किया कोटि-कोटि नमन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद एक्शन में नजर आ रहे अमित शाह

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नई दिल्ली। देश के नए गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नई दिल्ली स्थित नेशनल पुलिस मेमोरियल पहुंचकर जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, ‘मैं इन सभी शहीद जवानों और उनके परिजनों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। यहां आकर अदम्य चेतना और उर्जा प्राप्त हुई और देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा और प्रबल हुई। वंदे मातरम।’ आपको बता दें कि गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद अमित शाह एक्शन में नजर आ रहे हैं। मंत्रालय संभालने के बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ ताबड़तोड़ बैठकें कीं।

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अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “मेरे गृहमंत्री बनने के बाद आज मैंने सबसे पहला सार्वजानिक कार्यक्रम ‘नेशनल पुलिस मेमोरियल’ पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने का किया। 34 हजार से ज्यादा पुलिस और सुरक्षाबलों के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि। इन शहीदों के सर्वोच्च बलिदान से ही आज हमारा महान भारत सुरक्षित है।” उन्होंने लिखा, ‘मैंने आज सुबह राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का दौरा किया और केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के हमारे शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने कर्तव्य की पंक्ति में अपने जीवन का बलिदान दिया है। मैं उनकी वीरता और साहस को सलाम करता हूं। एक कृतज्ञ राष्ट्र उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए उनका ऋणी है।’

असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई

नए गृह राज्यमंत्री कृष्ण रेड्डी ने हैदराबाद को आतंकियों का पनाहगाह बताकर बखेड़ा खड़ा कर दिया। उनके इस विवादित बयान पर हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई है। रेड्डी हैदाराबाद नगर के अंतर्गत आने वाले सिकंदराबाद संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि देश की किसी भी आतंकी घटना का तार हैदराबाद से जुड़ा होता है। इस बयान पर विवाद पैदा होने के बाद रेड्डी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा।

अमित शाह का ध्यान जम्मू एवं कश्मीर पर

कार्यभार संभालने के बाद पहले दिन शनिवार को खासतौर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का ध्यान जम्मू एवं कश्मीर पर रहा। इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन और केंद्रीय गृहसचिव राजीव गौबा ने कश्मीर घाटी के हालात के बारे में शाह को जानकारी दी, लेकिन शाह ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से 15 मिनट तक बंद कमरे में अलग से बात की। राज्य की स्थिति लगातार तनाव में, मगर नियंत्रण में है। राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है।

नए रक्षा मंत्री की पहली यात्रा

राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद पहली यात्रा में सबसे पहले सियाचिन ग्लेशियर जाएंगे जिसे दुनिया का सबसे खतरनाक युद्ध क्षेत्र कहा जाता है. यहां वह फील्ड कमांडरों और जवानों के साथ बातचीत करेंगे. रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत भी होंगे.

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि राजनात सिंह सियाचिन से श्रीनगर जाएंगे जहां उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी उन्हें पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर सुरक्षा हालात के बारे में और आतंकवाद निरोधक अभियानों के बारे में जानकारी देंगे.

कोराकोरुम रेंज में स्थित सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सर्वोच्च सैन्य क्षेत्र है, जहां जवानों को अत्यधिक सर्दी और तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है. सर्दियों में ग्लेशियर पर भूस्खलन और हिमस्खलन आम बात है. यहां तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है. सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री को 14 कोर और 15 कोर में पाकिस्तान की ओर से पैदा की गई किसी तरह की प्रतिकूल स्थिति से निपटने की भारत की तैयारी आदि पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी.

सियाचिन ग्लेशियर पर 1984 से भारत का कब्जा

सियाचिन ग्लेशियर हिमालय के पूर्वी काराकोरम पर्वत श्रंखला में स्थित है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा समाप्त होती है. सेना ने इस इलाके में एक ब्रिगेड तैनात कर रखे हैं, जहां कुछ चौकियां 6,400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं. सियाचिन ग्लेशियर पर 13 अप्रैल, 1984 से ही सेना का नियंत्रण है, जब पाकिस्तानी सेना को हरा कर चोटी पर कब्जे के लिए ‘ऑपरेशन मेघदूत’ (एक सैन्य कार्रवाई का कूट नाम) लांच किया गया था.

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