नई दिल्ली। 57 सदस्य देशों वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने जम्मू-कश्मीर में एक विशेष दूत नियुक्त किया है. मुस्लिम बहुल देशों के संगठन ने “जम्मू-कश्मीर के लोगों के वैध अधिकारों” का भी समर्थन किया. सोमवार को भारत ने ओआईसी के बयान को खारिज करते हुए कहा कि संगठन को देश के अभिन्न हिस्से से जुड़े मामले में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है.
31 मई को मक्का में हुई ओआईसी की बैठक के दौरान सऊदी अरब के युसूफ अल्डोबे को जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष दूत नियुक्त किया गया.
मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए संयुक्त राष्ट्र कमीशन की स्थापना करने की मांग भी उठाई
ईरान के खिलाफ लड़ाई में सऊदी अरब पाकिस्तानी आर्मी की मदद की तरफ देख रहे
विशेष दूत की नियुक्ति का फैसला ओआईसी के कुछ देशों द्वारा ही किया गया
खाड़ी देशों को पाकिस्तानी सेना के समर्थन की जरूरत ने भी कश्मीर मुद्दे पर ओआसी का रुख
यूएई ने पाकिस्तान को साफ संदेश देते हुए कहा था कि वह भारत के साथ
यूएई और सऊदी अरब भारत के पक्षधर
यह संगठन खुद की पहचान मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज के तौर पर करता है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है लेकिन इसके बावजूद भारत ना तो OIC का सदस्य है और ना ही इसे पर्यवेक्षक का दर्जा मिला है. पाकिस्तान लगातार भारत को इस मंच से दूर रखने की कोशिश करता रहा है.