बठिंडा. सजायाफता कैदी को अपील में बरी करवाने के लिए पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के जज को 36 लाख रुपए देने के नाम पर ठगी मारने वाले एक व्यक्ति व उसकी पत्नी के खिलाफ केस दर्द किया है। इसमें कैदी ने मामले की शिकायत जिला पुलिस के पास की जिसमें पुलिस ने पति-पत्नी के खिलाफ जालसाजी व विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। सिविल लाइन पुलिस को दी शिकायत में कुलविंदर सिंह वासी भांगीबांदर बठिंडा ने बताया कि तलवंडी साबों पुलिस ने उसके खिलाफ 31 जुलाई 2011 को नशा तस्करी करने के मामले में केस दर्ज किया था। इसमें जिला बठिंडा कोर्ट में चालान पेश कर सुनवाई की गई जिसमें फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने उसे नशा तस्करी में दोषी मानते डेढ़ साल की सजा सुना दी।
इस संबंध में सजा मिलने के बाद उसकी पत्नी को उनके मौसा के एक जानकार गुरप्रीत सिंह का फोन आया व कहा कि उसकी पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में जजों के साथ अच्छी जान पहचान है। इसमें करीब 40 लाख का खर्च देना पड़ेगा। उक्त राशि देने के बाद वह कुलविंदर सिंह को मामले में बरी करवा देगा। उक्त व्यक्ति का उसकी पत्नी सर्वजीत कौर वासी सुखानंद ने भी समर्थन किया। इन दोनों पर विश्वास कर उन्होंने ब्याज में कर्जा लेकर 4 अगस्त 2015 को 10 लाख, 6 मई 2016 को 17 लाख, 20 जून 2016 को 5.5 लाख, 22 जुलाई 2016 को 3.5 लाख रुपए की नगद राशि गुरप्रीत सिंह और उसकी पत्नी सर्वजीत कौर को दिए। काफी समय बीतने के बाद भी जब उक्त केस में किसी तरह की पैरवी नहीं की गई तो उन्होंने आरोपी गुरप्रीत सिंह से जानकारी ली तो बताया गया कि उसने तो आगे एक पुलिस मुलाजिम के कहने पर जज से पहचान होने की बात कही थी। जांच की गई तो पता चला कि जिस पुलिस मुलाजिम का वह नाम ले रहा है उसने कभी उससे पैसे लिए ही नहीं थे। इसमें रिश्तेदारों के पास जब ठगी की बात की तो पता चला कि उक्त दोनों आरोपियों ने इससे पहले बी उसके मौसा हरकोमल के साथ दो करोड़ रुपए की ठगी मारी जो वर्तमान में कनाड़ा में रह रहे हैं। इसमें डीएसपी सिटी गुरजीत सिंह रोमाणा के पास उक्त केस की पहले की जांच चल रही है व पुलिस के सामने उसने 30 लाख रुपए देने की बात भी कही। मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी के खिलाफ केस दर्ज कर दिया है लेकिन इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।