बठिंडा में पहले विदेश भेजने के नाम पर 30 लाख ठगे बाद में पैसे के बदले दुकान देने के नाम पर 10 लाख की ठगी

-आरोपियों में एक ही परिवार के तीन लोग शामिल वही पिछले दिनों आत्महत्या करने वाले ग्रीन सिटी व्यापारी का नाम भी शामिल -ग्रीन सिटी व्यापारी व पत्नी की मौत के चलते एफआईआर में नाम शामिल पर कारर्वाई नहीं   

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बठिंडा. सिविल लाइन पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर करीब 40 लाख रुपए की जलसाजी करने वाले जिरकपुर वासी तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में जहां विदेश भेजने के नाम पर 30 लाख रुपए तो बाद में राजीनामा करवाने के नाम पर 10 लाख की ठगी मारी गई। आरोपी व्यक्ति पहले बठिंडा में शोरुम व बाद में क्राउन इन्वेस्टमेंट व इमीग्रेशन का काम करते थे लेकिन जिले में करीब दो अन्य लोगों से मारी गई लाखों की ठगी के बाद उक्त लोग बठिंडा से जिरकपुर शिफ्ट हो गए थे। सिविल लाइन पुलिस के पास दर्ज शिकायत में उक्त तीन लोगों के इलावा पिछले दिनों ग्रीन सिटी बठिंडा में सुसाइड करने वाले परिवार के दविंदर गर्ग व उनकी पत्नी का नाम भी दर्ज किया गया लेकिन दोनों की मौत हो जाने के चलते उन्हें आरोपियों में नामजद नहीं किया जा सका है हालांकि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपी लोगों ने पुराने पैसे दिलवाने के नाम पर एक दुकान का सौदा शिकायतकर्ता के नाम पर करने का वायदा किया था व 10 लाख रुपए की राशि मृतक दविंदर गर्ग व उनकी पत्नी के खातों में जमा करवाई थी।

सिविल लाइन पुलिस के पास दर्ज करवाई शिकायत में  विजय कुमार वासी गुरु तेगबहादुर  नगर बठिंडा ने बताया कि उसका बिजनेंस के चलते रवि कुमार, उसकी पत्नी रुबी गर्ग व बेटे अरुण गर्ग वासी जिरकपुर के साथ अच्छी जानपहचान थी। उक्त लोग दो साल पहले तक बठिंडा में श्री हनुमान चौक नजदीक माल रोड पर एक क्लीनिक व बाद में क्राउन इन्वेस्टमेंट व इमीग्रेशन नाम की कंपनी का संचालन करते थे। इसमें जहां विभिन्न प्रोजेक्टों में पैसा लगाने का काम किया जाता था वही लोगों को विदेश भेजने का दावा भी करते थे। उक्त लोगों को विजय कुमार ने बताया कि वह अपने लड़के कमलदीप को विदेश भेजना चाहता है व पक्की पीआर के लिए अप्लाई भी करना चाहता है। इसमें उक्त लोगों ने उसे हनुमान चौक स्थित दफ्तर में बुलाया व बताया कि इस काम में करीब 30 लाख रुपए का खर्चा आएगा। उक्त लोगों के झांसे में आकर उसने विभिन्न किस्तों में 30 लाख रुपए की राशि नगद व बैंक ट्रांसफर कर दी। करीब तीन साल तक आरोपी उन्हें जल्द वीजा लगने की बात करते रहे लेकिन जब लड़के का वीजा नहीं लगा तो विजय कुमार ने आरोपियों पर केस दर्ज करवाने की बात कही। इसके बाद रवि गर्ग व रुबी गर्ग के साथ अरुण गर्ग ने समझौता करने के लिए दबाव बनाय़ा व इसमें ग्रीन सिटी वासी दविंदर गर्ग व उनकी पत्नी से मिलवाया। आरोपी लोगों ने बताया कि महावीर दल अस्पताल के पास उनकी करीब 40 लाख रुपए की बाजार कीमत की दुकान है। वह उसे यह दुकान दे सकते हैं। इसमें 30 लाख रुपए उन्होंने देना है जबकि 10 लाख रुपओ अन्य उन्हें दे तो दुकान उसके नाम कर देंगे। इसमें आरोपियों ने दुकान की चाबी दविंदर गर्ग के पास होने की बात कही व दस लाख रुपए की राशि समझौता करवा रहे व्यापारी दविंदर गर्ग के खाते में डालने के लिए कहा। शिकायतकर्ता ने दुकान के कागजात व दस्तावेज देखने के बाद एक बार फिर से उन पर विश्वास कर लिया व दस लाख रुपए की राशि दविंदर गर्ग को ट्रांसफर कर दी। इस मामले में भी काफी समय तक उक्त लोग दुकान की लिखित जल्द करवाने की बात करते रहे लेकिन एक साल बीतने के बाद भी न तो आरोपियों ने दी राशि उसे वापिस की और न ही दुकान उसके नाम करवाई। मामले में 23 अक्तूबर 2020 को दविंदर गर्ग व उनकी पत्नी की मौत हो चुकी है इस स्थिति में पुलिस ने उन्हें छोड़कर तीन अन्य लोगों को मामले में नामजद कर जांच शुरु कर दी है।

विदेश भेजने के नाम पर एक और व्यक्ति ने मारी 14 लाख की ठगी

इसी तरह एक अन्य मामले में मौड पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर 14 लाख की जालसाजी करने वाले एक व्यक्ति को नामजद किया है। इसमें पुलिस के पास जसकरण सिंह वासी ढड्डे ने शिकायत दी कि परविंदर सिंह वासी गांव घग्गा जिला पटियाला लोगों को विदेश भेजने का काम करता था। व्यापार के सिलसिले में आवागमन करने के दौरान उसके साथ जानपहचान हुई। इसमें परविंदर सिंह ने जसकरण सिंह को कैनाडा भेजने का झांसा दिया व वर्क परमीट भी दिलवाने की बात कही। इस काम के बदले उसने करीब 14 लाख रुपए की राशि उससे वसूल कर ली लेकिन दो साल बीतने के बावजूद आरोपी व्यक्ति ने न तो उसे विदेश भेजा और न ही राशि वापिस की। इसके बाद उसने मामले की शिकायत एसएसपी बठिंडा के पास कर दी जिसमें पुलिस ने ईओ विंग से जांच करवाने के बाद आरोपी के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज कर लिया है। उक्त मामलों में अभी किसी भी आरोपी कि गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

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