Bathinda-कोरोना की नई वैक्सीन की तैयारी के बीच आए 25 नए पोजटिव केस, 70 की रिपोर्ट नेगटिव

वैक्सीन लगाने के लिए स्टाफ को जागरुक करने का काम तेज, जनवरी के पहले सप्ताह पहुंच सकती है दवा

बठिंडा. जिले में रविवार को कोरोना संक्रमित 25 नए लोगों की पहचान हुई है। बढ़ती ठंड के बीच खासी जुकाम व वायरल की शिकायतों के साथ सास लेने में दिक्कत होने के कारण अस्पतालों में कोरोना जांच के लिए लोगों की तादाद पिछले कुछ दिनों से बढ़ी है। इसमें करीब 105 लोगों ने कोरोना टेस्ट करवाया जिसमें 70 लोगों की रिपोर्ट नेगटिव मिली है जबकि तीन लोगों के सैंपल फिर से जांच के लिए फरीदकोट मेडिकल अस्पताल स्थित कोविड टेस्ट सेंटर में भेजे गए है।
जिले के विभिन्न ब्लाकों में रिकवरी रेट 90% से अधिक है। मतलब इन स्थानों में 90% से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। सबसे ज्यादा रिकवरी रेट रामा मंडी का है। यहां अब तक 98.6% मरीज ठीक हो चुके हैं। दूसरे नंबर पर सैनिक छावनी है। यहां 98.5% लोग रिकवर हो चुके हैं। जिले में पिछले पांच माह में सर्वाधिक कोरोना के केस रामा मंडी, सैनिक छावनी व माडल टाउन जैसे इलाकों से मिल रहे थे। वर्तमान में इन स्थानों में नए केसों का आना कम हुआ है वही बीमार हुए अधिकतर लोग भी रिकवर हुए है। जिला सेहत विभाग की तरफ से नवंबर माह में मास गैदरिंग इलाकों में सैंपलिंग लेने व कोरोना के टेस्ट करने का भी लाभ मिला है जिससे कोरोना मरीजों की समय पर पहचान कर उन्हें उपचार शुरू हो सका व इससे मृतकों की तादाद को बढ़ने से रोकने में सहायता मिली है। जिला सेहत विभाग अभी भी लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक कर रहा है व जारी हिदायतों की सख्ती से पालना करने के लिए कह रहा है। सेहत विभाग की अपील के बावजूद अधिकतर लोग अभी मास्क लगाने से गुरेज कर रहे हैं व विवाह शादियों व समागमों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण पुलिस की सख्ती कम होना भी रहा है। पुलिस पिछले दो माह में लोगों को जागरुक करने का काम नहीं कर रही है वही पुलिस कभी कभार सरकारी आदेश का पालन कर बिना मास्क पहले घूम रहे लोगों का चालान काट रही है लेकिन यह नाकाफी होने के कारण लोग मास्क पहनने से भाग रहे हैं।
कोरोना के बढ़ते मामले व मृतकों की तादाद 190 के पार पहुंचने के बाद कोरोना से बचाव की वैक्सीन के टीकाकरण के लिए सेहत विभाग की ओर से तैयारी जोरों पर शुरू कर दी है। इसके लिए सेहत विभाग की ओर से वैक्सीन को कोल्ड चेन में सुरक्षित रखने व वैक्सीनेशन के लिए जरूरत अनुसार कर्मचारियों को ब्लाक स्तर पर ट्रेनिंग देने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। सेहत विभाग अधिकारियों का मानना है कि जनवरी माह के किसी भी सप्ताह में कोरोना वैक्सीन बठिंडा पहुंच सकती है। जिला सेहत विभाग की ओर से पहले चरण के लिए करीब 10 हजार 500 सरकारी व निजी अस्पताल के डॉक्टर, फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स और स्टॉफ को यह वैक्सीन लगाया जाएगा।
इसके लिए जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक तैयारी की जा रही है। इसके बाद 50 साल से अधिक आयु के लोगों को यह वैक्सीन लगेगा, फिर नंबर नॉन कम्युनिकेबल डिजीज यानि डायबिटीज, हाइपरटेंशन और कैंसर के मरीजों का आएगा। सेहत अधिकारियों के अनुसार कोरोना वैक्सीन आने के बाद जरूरत पड़ने पर कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले व अन्य प्राइवेट अस्पताल के डाक्टर, स्टाफ के अलावा अन्य विभागों में तैनात कर्मचारियों का सहयोग लिया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की दिक्कत न हो।
टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टॉस्क फोर्स और ब्लॉक लेवल की तैयारी हो गई है। जिले में कोरोना वैक्सीन के लिए अलग-अलग स्थानों पर वॉकिंग कोल्ड के साथ-साथ कुल 41 कोल्ड चेन प्वाइंट बनाए गए हैं। सरकार के आदेशानुसार जिला स्तर पर सेहत कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। जिले में जैसे ही वैक्सीन आएगी, उसके एक सप्ताह के अंदर लोगों को लगाना प्रारंभ कर दिया जाएगा। जिले में 41 फोकल कोल्ड चैन प्वाइंट बनाए गए हैं, इनमें 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर डोज रखे जा सकते हैं। यदि यहां किसी बड़े डिफॉल्ट की वजह से बिजली भी चली जाती है तो वैक्सीन को 60 घंटे तक कोई नुकसान नहीं होगा।
सिविल सर्जन बठिंडा डा. अमरीक सिंह संधू ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों में कमी दर्ज की गई है। वहीं कोरोना संक्रमितों के ठीक होने का आंकड़ा भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन जनवरी माह के किसी भी सप्ताह में आने की उम्मीद है। कोरोना वैक्सीन के रखरखाव संबंधी पूरी तैयारी कर ली गई है। वहीं संबंधित कर्मचारियों को ब्लाक स्तर पर ट्रेनिंग भी दी जा रही है। वहीं जरूरत पड़ने पर निजी अस्पताल के कर्मचारियों की भी मदद ली जाएगी। विभाग के पोर्टल पर अपलोड किए गए नाम व नंबर के अनुसार वैक्सीन लगाई जाएगी।

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