120 फीट नीचे है 2 साल का मासूम, 64वें घंटे में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
संगरूर जिले के गांव भगवानपुरा में गुरुवार शाम साढ़े 4 बजे बोरवेल में गिरा था बच्चा एनडीआरएफ के बाद दूसरे दिन सेना जुटी है रेस्क्यू ऑपरेशन में, लगभग 118 फीट की गहराई तक पहुंच चुकी टीम सुनाम और आसपास के इलाके में हर सरकारी और बड़े निजी अस्पताल में एक कमरा वेंटीलेटर के साथ रिजर्व
संगरूर. संगरूर जिले के भगवानपुरा में 120 की गहराई में बोरवेल में अटके 2 साल के फतेहवीर सिंह के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार को चौथे दिन भी जारी है।मौके से मिली जानकारी के मुताबिक सुनाम और आसपास के इलाके में हर सरकारी और बड़े निजी अस्पताल में एक कमरा वेंटीलेटर की सुविधा के साथ रिजर्व रखा गया है।आस है तो बस कुछ ही घंटे के अंतराल पर उसे बाहर निकाल लिया जाए और ईश्वर उसकी सांसों की डोर को जोड़े रखें। वह गुरुवार शाम करीब साढ़े 4 बजे खेलते-खेलते 140 फीट के बोरवेल में जा गिरा था। बोरवेल मेंपाइप की चौड़ाई कम होने से बच्चा नीचे 120 फीट पर अटक गया था। लगभग 64 घंटे से भी ज्यादा समय से एनडीआरएफ, डेरा प्रेमी और आर्मीकोशिशें कर रही हैं। सलामती के लिए दुआएं भी हो रही हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में फिर से व्यवधान आ गया
रेस्क्यू ऑपरेशन में फिर से व्यवधान आ गया। बताया जा रहा है कि टनल की खुदाई में इस्तेमाल किए जा रहे लोहे के रिंग और सीमेंट पाइप्स के बीच लगभग 2 फीट का गैप आ गया। अब विंडाे स्टाइल में खुलने वाले रिंग्स मंगवाए गए हैं। हालांकि प्रशासन की नीयत सही होती तो ये रिंग ऐहतियान पहले भी तैयार रखे जा सकते थे। बहरहाल आस बरकरार रहनी जरूरी है।
- मैटल के विंडो स्टाइल रिंग मंगवाए गए हैं, जिन्हें टनल में डाला जा रहा है। इन्हीं के जरिये बच्चे को निकाला जाएगा, आस है कि कुछ ही देर में अच्छी खबर आएगी।
- रेस्क्यू ऑपरेशन एक बार फिर शुरू हुआ। डेरा प्रेमी जग्गा सिंह टेढ़ी हो चूकी पाइप्स के नीचे से मिट्टी निकालने के लिए एक बार फिर से टनल में उतरा।
इस तरह हुआ हादसा
घटना गुरुवार शाम करीब साढ़े 4 बजेकी है। मिली जानकारी के अनुसार सुनाम इलाके में पड़ते सुगरूर जिले के गांव भगवानपुरा निवासी सुखविंदर सिंह का परिवार खेत में काम कर रहा था। इस दौरान उनका खेल रहा 2 साल का बेटाफतेहवीर सिंह न जाने कब उस तरफ चला गया, जहां पिछले 10 साल से बंद पड़े बोरवेल को प्लास्टिक के कट्टेडालकर ढक रखा था। धूप और बारिश वगैरह में कमजोरहो चुके कट्टे पर जैसे ही बच्चे का पैर पड़ा, वह उसी में ही उलझकर बोरवेल में नीचे चला गया।
बच्चे के नीचे गिरने का पता चलते ही घर वालों के हाथ-पैर फूल गए। उन्होंने आनन-फानन में पुलिस प्रशासन को सूचित किया। देखते ही देखते इस घटना कीजानकारी इलाके में फैलती चली गई और मौके पर लोगों का हुजूम उमड़ना शुरू हो गया। पूरे जेसीबी और ट्रैक्टर्स की मदद से बच्चे को रेस्क्यू किए जाने की कोशिशें शुरू कर गई।
शादी के 5साल बादजन्मी इकलौती संतान है फतेहवीर
परिजनाें ने बताया कि फतेहवीर उनकी इकलौती संतान है।सुखविंदर सिंह और गगनदीप कौर की शादी करीब 7 साल पहले हुई थी, जिसके पांच सालकी मन्नतों के बादजन्मा फतेहवीर सिंह 10 जून को 2 साल का हो जाएगा।
मांके हाथ में रद्दी कट्टे का टुकड़ा ही आया
उसकी मां गगनदीप कौर ने बताया कि हालांकि उसने बेटे को पकड़ने की कोशिश की थी, मगर हाथ में सिर्फ रद्दी हो चुके कट्टे का टुकड़ा आया।
घर के सामने ही खेतों में खेलते समय नौ ईंच चौड़े 140 फीट गहरे बोरवेल में गिरे दो वर्षीय फतेहवीर सिंह को बचाने के लिए 52 घंटे से रैसिक्यू आपरेशन जारी है। रैसिक्यू टीम को बच्चे तक अगले चार-पांच घंटे में पहुंचने की उम्मीद है। शनिवार रात में भी टनल की खुदाई का कार्य मैन्यूअल तरीके से जारी है। 105 फीट तक खुदाई हो चुकी है। 120-125 फीट बीच फतेहवीर की लोकेशन का अनुमान है, जिसके चलते 20 फीट और खुदाई बाकी है।
52 घंटे से रैसिक्यू आपरेशन जारी, चार-पांच घंटे तक संपन्न होने की उम्मीद
इसके साथ ही खुदाई के साथ ही टनल में सीमेंट के ब्लाक्स (पाइप) डालने का भी कार्य साथ-साथ ही जारी है। इसके चलते 115-120 फीट की खुदाई के बाद एनडीआरएफ की टीम के जवान टनल में उतरेंगे और आगे खुदाई की जरूरत का जायजा लेंगे। अगर और गहराई तक खुदाई करने की जरूरत महसूस हुई तो फिर पांच फीट खुदाई की जाएगी। 12वें पाइप डालने कार्य जारी है, जिसके चलते 14 से करीब पाइप डाले जाएंगे।
टनल की खुदाई के बाद बोरवेल की तरफ खुदाई का कार्य एनडीआरएफ की टीम खुद करेंगी व फतेहवीर की लोकेशन के समीप से पाइप को काटा जाएगा। एनडीआरएफ ने रात तीन बजे तक फतेहवीर को बाहर निकालने का समय निर्धारित किया है। अगर सब कार्य बिना किसी विघ्न के जारी रहा तो 3 बजे तक रैसिक्यू आपरेशऩ खत्म होने का अनुमान है।
बोरवेल के बराबर में चार फीट चौड़ा टनल की खुदाई चल रही है, जिसमें 36 ईंच चौड़े सीमेंट के पाइप डालकर टनल बनाया जा रहा है। इस टनल के माध्यम से जवान नीचे उतरकर पाइप में फतेहवीर की लोकेशन की जांच करेंगे तथा वही पर से पाइप को काटकर फतेहवीर को पाइप से बाहर निकालने की योजना है।
इससे पहले रैसिक्यू आपरेशन शुक्रवार मध्यरात्रि के बाद से बेहद सुस्त पड़ गया है। मशीनरी की तकनीकी खराबी के कारण मैन्यूअल तरीके से काम किया जा रहा है। रात तक जहां टनल में सीमेंट के पाइप डालने का काम खत्म कर लिया जाने वाला था, वहां अभी तक सात पाइप ही डाले गए हैं। कुल 12 पाइप डालने के बाद ही आगे की खुदाई का काम आरंभ होगा। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सांसद भगवंत मान भी मौके पर मौजूद हैं।