108 बच्चों की मौत के बाद अब मुजफ्फरपुर में अस्पताल के पीछे मिले कई नरकंकाल, हड़कंप
नरकंकाल के टुकड़ों की फोटोज सामने आने के बाद काफी लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाए हैं. कुछ यूजर्स ने यहां तक लिखा है कि कहीं मौतों को छुपाने के लिए तो नरकंकालों को फेंक नहीं दिया गया? एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि ये बहुत झटका देने वाला है. आखिर इस अस्पताल (श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) में हो क्या रहा है?
मुजफ्फरपुर.बिहार के मुजफ्फरपुर के चर्चित हॉस्पिटल के पीछे इंसानों के कंकाल पाए गए हैं. पिछले कुछ वक्त से मुजफ्फरपुर का श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बदइंतजामी की वजह से चर्चा में है. यहां एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार से अब तक 108 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं, पूरे बिहार में अब तक एईएस से 145 बच्चों की मौत हुई है.
Bihar: Human skeletal remains found behind Sri Krishna Medical College & Hospital, Muzaffarpur. SK Shahi, MS SKMCH says,"Postmortem dept is under Principal but it should be done with a humane approach. I'll talk to the Principal & ask him to constitute an investigating committee" pic.twitter.com/TBzuo2ZnqP
— ANI (@ANI) June 22, 2019
एएनआई के मुताबिक, हॉस्पिटल के पीछे नर कंकालों के कई टुकड़े पाए गए हैं. हॉस्पिटल प्रशासन ने इस मामले को लेकर जांच कराने की बात कही है.श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट एसके शाही ने कहा- ‘पोस्टमार्डम डिपार्टमेंट प्रिंसिपल के अंतर्गत आता है. मैं प्रिंसिपल से बात करुंगा और जांच के लिए कमेटी बनाने को कहूंगा.’
मरीजों के लिए बिस्तर व डॉक्टरों के अभाव और बच्चों को बेहतर इलाज न दिए जाने की वजह से ये हॉस्पिटल कुछ वक्त से सवालों के घेरे में है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ने के बाद कई बड़े नेता यहां आ चुके हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हाल ही में इस हॉस्पिटल का दौरा कर चुके हैं. बावजूद इसके हॉस्पिटल के आसपास नरकंकाल के टुकड़े मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
नरकंकाल के टुकड़ों की फोटोज सामने आने के बाद काफी लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाए हैं. कुछ यूजर्स ने यहां तक लिखा है कि कहीं मौतों को छुपाने के लिए तो नरकंकालों को फेंक नहीं दिया गया? एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि ये बहुत झटका देने वाला है. आखिर इस अस्पताल (श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) में हो क्या रहा है?
Bihar: An investigation team of Sri Krishna Medical College & Hospital, Muzaffarpur visits the spot where human skeletal remains have been found. SKMCH's Dr Vipin Kumar, says, "Skeletal remains have been found here. Detailed information will be provided by the Principal." pic.twitter.com/Te32KjfHOK
— ANI (@ANI) June 22, 2019
बता दें, बिहार में अभी तक करीब 130 बच्चों की मौत हो चुकी है. मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत का मामला लोकसभा में भी उठा है. भाजपा के एक सदस्य ने शुक्रवार को लोकसभा में सरकार से इस बात की जांच कराने की मांग की कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम से बच्चों की मौत के मामले में लीची को जिम्मेदार ठहराना कहीं इस फल को बदनाम करने की साजिश तो नहीं है. बिहार के सारण से लोकसभा सदस्य राजीव प्रताप रूड़ी ने शून्यकाल में इस विषय को उठाया और कहा कि मुजफ्फरपुर में हालात बहुत चिंताजनक हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमें बताया गया है कि मुजफ्फरपुर में बच्चों द्वारा लीची का सेवन करना इन्सेफेलाइटिस का कारण हो सकता है. हम बचपन से लीची खा रहे हैं लेकिन हमें इन्सेफेलाइटिस नहीं हुआ.’ रूड़ी ने कहा कि कुछ भ्रामक जानकारी की वजह से कई लोगों ने लीची खाना और लीची का जूस पीना बंद कर दिया है.साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को जांच करानी चाहिए कि मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम से बच्चों की मौत को लीची खाने से जोड़ना कहीं भारतीय लीची उत्पादक किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने का षड्यंत्र तो नहीं है.’ कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के लापरवाही पूर्ण रवैये के कारण बिहार में हालात सुधर नहीं रहे और एईएस की वजह से गरीब बच्चों की मौत हो रही है. चौधरी ने यह भी कहा कि बिहार में रोगियों और डॉक्टरों का अनुपात भी बहुत कम है.