श्रीनगर: सुरक्षाबलों ने हिज्बुल के दो आतंकियों को किया ढेर, 15 घंटे चली मुठभेड़ में पांच जवान ज़ख्मी

जुनैद 2017 में MBA की पढ़ाई करके नौकरी की तलाश में था, लेकिन अचानक मार्च 2018 को वह एक दिन गायब हो गया और फिर सोशल मीडिया के ज़रिये एक तस्वीर जारी कर उसने अपने हिज्बुल में शामिल होने की घोषणा कर दी थी.

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  • सैयद अली शाह गिलानी के बाद मो. अशरफ सहराई हुर्रियत प्रमुख बने थे, इन्हीं का बेटा है जुनैद
  • रियाज नायकू के मारे जाने के बाद हफ्तेभर पहले ही हिजबुल कमांडर बने सैफुल्ला को डिप्टी चीफ बनाया था
  • डाउनटाउन में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच रात 2 बजे से शुरू हुई थी मुठभेड़, तीन जवान जख्मी; मोबाइल और फोन इंटरनेट बंद

श्रीनगर. यहां डाउनटाउन इलाके में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया है। सोमवार रात 2 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ था। घनी आबादी वाले नवाकदल में हिजबुल मुजाहिदीन के 2 आतंकी छिपे थे, जिनमें से एक अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत के प्रमुख मोहम्मद अशरफ सहराई का बेटा जुनैद भी था। जानकारी के मुताबिक, 29 साल का जुनैद अपने साथी तारिक अहमद शेख के साथ बीती रात यहां फंस गया था। पुलिस को टेक्निकल इंटेलिजेंस के जरिए उसकी मौजूदगी को लेकर पुख्ता जानकारी मिली थी।

रात 2 बजे पुलिस ने घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया था। एक घंटे बाद छिपे हुए आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड फेंका जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। ग्रेनेड ब्लास्ट में दो पुलिसवाले और एक सीआरपीएफ जवान घायल हुए हैं। सुरक्षाबलों ने उस घर में ब्लास्ट कर दिया जहां जुनैद छिपा था।

जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार के अनुसार मुठभेड़ आज सुबह तड़के उस समय शुरू हुई, जब सुरक्षाबलों ने एक ख़ुफ़िया जानकारी के आधार पर श्रीनगर के पुराने शहर के नवाकदल इलाक़े में एक घर को घेरे में लिया. अंदर छुपे हुए आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड फेंका और फ़ायरिंग कर दी, जिसमें सीआरपीएफ के चार और जम्मू कश्मीर पुलिस का एक जवान ज़ख़्मी हुआ. आतंकियों ने इसी अफरा तफरी का फायदा उठाकर अपने ठिकाने से निकल कर एक दूसरे घर में पनाह ली. सुरक्षाबलों के लिए इस बात से भी मुश्किल बढ़ गई थी कि जिस इलाके में मुठभेड़ चल रही थी, वह बहुत ज्यादा घनी आबादी वाला है और घर एक दूसरे के काफी करीब हैं.

 

सभी एहतियात बरतते हुए सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन चलाया और जवाबी कार्रवाई में 15 घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को मार गिराया. मुठभेड़ शुरू होते ही पूरे श्रीनगर में मोबाइल इन्टरनेट बंद कर दी गई और सुबह होते होते बीएसएनएल को छोड़ कर बाकी सभी मोबाइल सेवाओ को बंद कर दिया गया. कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक शवों को घर वालों को नहीं सौंपा जाएगा. करीब दो साल के बाद श्रीनगर में यह पहली मुठभेड़ हुई है.

रियाज़ नायकू के बाद हिज्बुल को दूसरा झटका
रियाज़ नायकू के 6 मई को एनकाउंटर में मारे जाने के बाद हिज्बुल मुजाहिद्दीन के लिए ये एक दूसरा बड़ा झटका है. जहां रियाज़ हिज्बुल में मई 2012 में शामिल हुआ था, वहीं जुनैद मार्च 2018 में हिज्बुल के साथ जुड़ा. दोनों ही बहुत पढ़े लिखे थे. रियाज़ गणित विषय में पोस्ट ग्रैजुएट था तो जुनैद कुरुक्षेत्र से एमबीए और दोनों ही कश्मीर में युवाओं को हिज्बुल के साथ जोड़ने में एक मैगनेट की तरह काम कर रहे थे.

 

जुनैद 2017 में MBA की पढ़ाई करके नौकरी की तलाश में था, लेकिन अचानक मार्च 2018 को वह एक दिन गायब हो गया और फिर सोशल मीडिया के ज़रिये एक तस्वीर जारी कर उसने अपने हिज्बुल में शामिल होने की घोषणा कर दी थी. जुनैद उस समय हिज्बुल में शामिल हुआ जब बड़ी संख्या में पढ़े लिखे युवा आतंक के रास्ते चल पड़े थे, जिन में एमयू के स्कॉलर मन्नान वाणी और कश्मीर युनिवर्सिटी में सोशियोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रफ़ी भी शामिल हुए.

लेकिन जुनैद ने हिज्बुल में शामिल होने के बाद, केवल प्रोपेगैंडा का काम ना करते हुए कई आतंकी वारदात को अंजाम दिया. श्रीनगर और आस पास के इलाकों में पुलिस कर्मियों पर कई हमले करके उनसे हथियार छीने और सुरक्षाबलों के खिलाफ कई ऑपरेशन में शामिल भी हुआ. इसीलिए जुनैद को कुछ दिनों के अंदर ही श्रीनगर और बडगाम का कमांडर बनाया गया.

जहां कुछ दिन पहले तक जुनैद के रियाज़ नायकू की जगह हिज्बुल के कमांडर बनने की बात चल रही थी, लेकिन नायकू के एनकाउंटर के 13 दिन बाद आज दो साल से कुछ ज्यादा समय तक सक्रिय रहने के बाद आज उसके आतंक के करियर का अंत हो गया.

दो साल पहले हिजबुल में शामिल हुआ था जुनैद

मार्च 2018 में आतंकी जुनैद के पिता मोहम्मद अशरफ ने हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी की जगह ली थी। इसी के बाद जुनैद हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हुआ था। 2018 में ही वह जुमे की नमाज के बाद श्रीनगर में अपने घर बागात इलाके से गायब हो गया था। इसके बाद उसकी बंदूक पकड़े तस्वीरें सोशल मीडिया पर नजर आई थीं।

उसके परिवार ने मार्च 2018 में उसके गायब होने की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। हालांकि उसे लौटने के लिए परिवार ने कोई अपील नहीं की। सहराई का परिवार भारत पाक सीमा से सटे कुपवाड़ा जिले का रहनेवाला है और 1990 में श्रीनगर चला आया था।

जिस घर को सुरक्षाबलों ने ब्लास्ट कर उड़ाया वहां, वहां एनकाउंटर खत्म होने के बाद कुछ ऐसा नजारा था।

दो साल बाद श्रीनगर में इस तरह की मुठभेड़ हुई है। इससे पहले करन नगर में अक्टूबर 2018 में एक एनकाउंटर हुआ था। जिसमें लश्कर कमांडर मेहराजउद्दीन बांगरू को मार गिराया था।

एनकाउंटर के लिए सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया था।

घाटी में इंटरनेट बंद
हालात पर काबू रखने के लिए श्रीनगर में बीएसएनएल के अलावा सभी फोन और मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिए गए हैं। अभी दो हफ्ते पहले 6 मई को ही सुरक्षाबलों ने पुलवामा में हिजबुल के कश्मीर कमांडर रियाज नायकू को मार गिराया था। सहराई नायकू के बाद बने नए कमांडर डॉक्टर सैफुल्लाह का डिप्टी चीफ है।

जुनैद की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की।

रविवार को मारा गया था आतंकी ताहिर

16 मई की रात सुरक्षाबलों को डोडा के खोत्रा गांव में ताहिर के होने की सूचना मिली थी। जनवरी 2020 में हिजबुल आतंकी हारून के मारे जाने के बाद से यहां की आतंकी गतिविधियां ताहिर ही संचालित कर रहा था। रविवार सुबह 7 बजे के करीब एक घर के अंदर छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी। इसके बाद 5 घंटे चली मुठभेड़ में ताहिर मारा गया था।

2 महीने की शांति के बढ़ते तनाव के बीच सुरक्षाबल अब ज्यादा सतर्क हैं।

6 मई को रियाज मारा गया

कश्मीर में 6 मई को सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नायकू को मारा गिराया था। वह दो साल से मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। वह बीमार मां से मिलने पुलवामा के गांव बेगपोरा आया था। पुलिस को इस गांव में नायकू और उसके कुछ साथियों की मौजूदगी का इनपुट मिला था। सुरक्षाबलों ने नायकू के शव को परिवार के पांच लोगों के सामने सोनमर्ग के उस कब्रिस्तान में दफनाया था, जहां इन दिनों आतंकियों के शव दफनाए जाते हैं।

लॉकडाउन के बीच संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त जारी है।

कश्मीर में इस साल अब तक हुए अन्य एनकाउंटरः

22 अप्रैल: शोपियां में चार आतंकवादियों को मार गिराया।
17 अप्रैल : राज्य में दो अलग-अलग जगहों पर मुठभेड़ हुई, इसमें चार आतंकी मार गिराए गए थे।
11 अप्रैल:  कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, इसमें आतंकी हथियार छोड़कर भाग गए थे।
7 अप्रैल: सेना ने आमने-सामने की लड़ाई में 5 आतंकी मार गिराए थे। यह कश्मीर में साल का सबसे मुश्किल ऑपरेशन था। इसमें सर्जिकल स्ट्राइक कर चुकी पैरा यूनिट के 5 जवान शहीद हो गए थे।
4 अप्रैल: कुलगाम में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में हिजबुल के 4 आतंकियों को मार गिराया।
15 मार्च: अवंतीपोरा जिले के वटरीग्राम में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को मार गिराया।
22 फरवरी: दक्षिण कश्मीर के संगम बिजबेहरा में जवानों और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। दो आतंकी मारे गए।
19 फरवरी: पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर के दौरान 3 आतंकियों को ढेर किया।
5 फरवरी: श्रीनगर के पास मुठभेड़ में 2 आतंकी मारे गए थे, एक सीआरपीएफ जवान शहीद हुआ था। बाइक पर आए 3 आतंकियों ने सीआरपीएफ चैकपोस्ट पर फायरिंग की थी।
31 जनवरी: जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर ट्रक में छिपे 4-5 आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया था। ट्रक को नगरोटा के टोल प्लाजा पर चैकिंग के लिए रोका गया था। इसके बाद सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। मुठभेड़ के दौरान 3 आतंकी मारे गए, जबकि एक पुलिस जवान जख्मी हो गया। ट्रक का ड्राइवर पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आदिल डार का चचेरा भाई है और वही आतंकियों का मुख्य हैंडलर था।
25 जनवरी: पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें 2 पाकिस्तानी आतंकी कारी यासिर और बुरहान शेख मारे गए थे। यासिर जैश-ए-मोहम्मद का कश्मीर एरिया कमांडर था।
21 जनवरी: पुलवामा जिले के अवंतिपोरा में मुठभेड़ में 2 आतंकी मारे गए थे। सेना का एक जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एसपीओ शहीद हुए थे।
20 जनवरी: शोपियां जिले में मुठभेड़ के दौरान हिजबुल मुजाहिदीन के 3 आतंकी मारे गए थे।

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