शेखर कपूर के ट्वीट पर भड़के जावेद अख्तर, बोले- जाओ साइकेट्रिस्ट को दिखाओ
ऐसा कम ही होता है कि किसी की बात जावेद अख्तर को नाराज कर जाए. जावेद अपनी सोच को खुलकर बयां करते हैं लेकिन उन्हें गुस्सा होते शायद ही किसी ने देखा होगा. लेकिन रविवार को फिल्मकार शेखर कपूर के ट्वीट से जावेद अख्तर भड़क गए है और उन्होंने शेखर को दिमाग के डॉक्टर के पास जाने की हिदायत दे डाली.
नई दिल्ली। ट्विटर पर हम फिल्म इंडस्ट्री के किसी ना किसी सितारे को ट्रोल होते देखते हैं. जहां लोग स्टार्स को उनके कपड़ों, बातों और फिल्मों से लेकर तमाम चीजों के लिए खरी-खोटी सुनाते रहते हैं वहीं स्टार्स भी करारे जवाब देकर लोगों का मुंह बंद करवाते हैं. लेकिन ऐसा कम ही होता है कि किसी की बात जावेद अख्तर को नाराज कर जाए. जावेद अख्तर यूं तो हर बात पर ध्यान देते हैं और अपनी सोच को खुलकर बयां करते हैं लेकिन उन्हें गुस्सा होते शायद ही किसी ने देखा होगा.
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
लेकिन ऐसा रविवार को हुआ, जब फिल्मकार शेखर कपूर के ट्वीट से जावेद भड़क गए. उन्होंने शेखर को दिमाग के डॉक्टर के पास जाने की हिदायत दे डाली. असल में शेखर कपूर ने शनिवार को एक ट्वीट कर लिखा था कि उन्हें इस देश में रिफ्यूजी जैसा महसूस होता है और उन्हें यहां के बुद्धिजीवियों से डर लगता है. उन्होंने लिखा, ‘बंटवारे के बाद एक रिफ्यूजी की तरह जिंदगी की शुरुआत की थी. माता-पिता ने बच्चों की जिंदगी बनाने के लिए सबकुछ दे दिया. हमेशा से बुद्धिजीवियों से डरता रहा. उन्होंने मुझे हमेशा छोटा महसूस करवाया. फिर अचानक से मेरी फिल्मों के बाद मुझे गले लगा लिया. मुझे आज भी उनसे डर लगता है. उनका गला सांप के काटने जैसा है. आज भी रिफ्यूजी जैसा हूं.’
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
इस बात के जवाब में जावेद अख्तर ने लगातार ट्वीट कर शेखर को करारा जवाब दिया. जावेद ने कड़े शब्दों में शेखर की निंदा करते हुए लिखा, ‘वो कौन से बुद्धिजीवी हैं जिन्होंने आपको गले लगाया और आपको वो सांप के काटने जैसा लगा? श्याम बेनेगल, आदूर गोपाल कृष्णा (अदूर गोपालकृष्णन), राम चंद्र गुहा? सच में? शेखर साहब आप ठीक नहीं है. आपको मदद की जरूरत है. इस बात में कोई शर्म नहीं है जाइये किसी मनोचिकित्सक से मिल लीजिए.’
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, ‘आपका क्या मतलब है कि आप अभी भी रिफ्यूजी हैं. क्या आपका मतलब है कि आपको भारतीय नहीं बल्कि बाहर के व्यक्ति जैसा महसूस होता है और ये लगता है कि ये आपका देश नहीं है. अगर भारत में आपको रिफ्यूजी जैसा लग रहा है तो कहां नहीं लगेगा, पाकिस्तान में? ये मेलोड्रामा करना बंद करो.’
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
जावेद ने आगे लिखा, ‘आप अपने आप को बीते कल से निष्पक्ष और आने वाले से निर्भय बताते हैं. कहते हैं कि आप आज में जीते हैं और वहीं आप कह रहे हैं कि आपको बंटवारे के बाद रिफ्यूजी जैसा लग रहा है और आप आज भी रिफ्यूजी हैं. इन दोनों बातों में फर्क देखने के लिए किसी को ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है.’
बता दें कि शेखर कपूर ने 49 आर्टिस्ट्स के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए लेटर लिखने के बाद ये ट्वीट किए थे. हालांकि इस लेटर के बदले कंगना रनौत, प्रसून जोशी समेत 62 कलाकारों ने इसके जवाब में एक और लेटर लिखा था. यहां तक कि शनिवार को ही शेखर कपूर ने प्रधानमंत्री की तारीफ भी की थी.