विकास दुबे ने पूछताछ में कबूला- जलाना चाहता था पुलिसवालों के शव

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) की टीम मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार मोस्ट वांटेड क्रिमिनल विकास दुबे (Vikas Dubey) को लेकर कानपुर देहात पहुंच गई है. आज उसे कोर्ट में पेश किया जाना है. इससे पहले उज्जैन में पुलिस के सामने विकास दुबे का कुबूलनामा (Confession) सामने आया. सूत्रों के अनुसार पुलिस के सामने विकास दुबे ने घटना की रात को लेकर बयान दिया. इस बयान में पता चलता है कि किस तरह से नृशंस तरीके से कानपुर के विकरू गांव में सीओ और पुलिसकर्मियों की हत्या की गई.

यही नहीं पुलिसकर्मियों के शवों को जलाने की भी साजिश थी ताकि सबूत मिट जाएं. विकरू गांव में इस साजिश के सबूत बिखरे पड़े हैं. वीडियो में पुलिस वालों के पास जो तेल के गैलन और डिब्बे दिख रहे हैं, कहा जा रहा है कि ये विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों को जलाने के लिए जुटाए थे.

मौका नहीं मिला जलाने का और फरार हो गया

पुलिस सूत्रों के अनुसार अपने कबूलनामे में विकास दुबे ने बताया कि कानपुर में घटना के बाद उसके घर के ठीक बग़ल में कुएं के पास 5 पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था, जिससे उनमें आग लगा कर सबूत नष्ट कर दिये जाए. आग लगाने के लिये घर में गैलनों में तेल रखा गया था. एक 50 लीटर के गैलन में तेल से जलाने का इरादा था. लेकिन लाशें इकट्ठा करने के बाद उसे मौक़ा नहीं मिला और वह फ़रार हो गया.

सीओ देवेंद्र मिश्रा से मेरी नहीं बनती थी, इसलिए काटा गया पैर

वहीं विकास दुबे ने शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बारे में बताया कि देवेंद्र मिश्र से मेरी नहीं बनती थी. कई बार वो मुझसे देख लेने की धमकी दे चुके थे. पहले भी बहस हो चुकी थी. विनय तिवारी ने भी बताया था कि सीओ तुम्हारे ख़िलाफ़ है. लिहाजा मुझे सीओ पर ग़ुस्सा था. सीओ को सामने के मकान में मारा गया था. मैंने नहीं मारा सीओ को लेकिन मेरे साथ के आदमियों ने दूसरी तरफ़ के आहाते से कूदकर मामा के मकान के आंगन में मारा था. पैर पर भी वार किया था क्योंकि मुझे पता चला था कि वो बोलता है कि विकास का एक पैर गड़बड़ है. दूसरा भी सही कर दूंगा. सीओ का गला नहीं काटा था. गोली पास से सिर मे मारी गयी थी, इसलिये आधा चेहरा फट गया था.

कानपुर शूटआउट के आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन पुलिस ने यूपी एसटीएफ के हवाले कर दिया है। विकास पर उज्जैन में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। एसपी उज्जैन मनोज कुमार ने बताया कि चार्जशीट बनाकर यूपी पुलिस को सौंप दी गई है। हालांकि, मीडिया के इन सवालों का जवाब मनोज कुमार नहीं दे पाए कि विकास पर केस क्यों नहीं दर्ज किया गया। सवालों के बीच में ही वे उठकर चले गए।

हालांकि, उन्होंने ये जरूर बताया कि विकास से 8 घंटे तक पूछताछ की गई। इस पूछताछ की जानकारी अभी पुलिस ने आधिकारिक तौर पर नहीं दी है। लेकिन, सूत्रों और रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आया है कि विकास ने शूटआउट से पहले अपने सभी साथियों को असलहों के साथ घर बुलाया था। उसने घर पर 30 लोगों का खाना बनवाया था।

शवों के जलाने की तैयारी कर रहा था विकास- सूत्र

सूत्रों के मुताबिक, विकास ने पुलिस को बताया कि एनकाउंटर के डर से उनसे बिकरू गांव में दबिश डालने गई पुलिस टीम पर फायरिंग की थी। उसने यह भी बताया कि और फोर्स नहीं आती तो वह सबूत मिटाने के लिए पुलिस वालों के शव जला देता, इसके लिए तेल भी मंगवाया था।

गैंगस्टर ने बताया- पुलिस के लोग मेरे संपर्क में थे। उन्होंने दबिश की जानकारी दी थी। मैंने अपने साथियों को हथियार के साथ बुलाया था। घर पर 30 लोगों के लिए खाना बनवाया था। घटना के बाद मैंने सभी साथियों को अलग-अलग भागने को कहा था।

उसने कहा- मुझे किए पर अफसोस है, पर मुझे गोली चलाने के लिए मजबूर किया गया था। मैं मंदिर के परिसर में बैठकर बहुत रोया हूं।

पुलिसवाले ने बोला- धक्का-मुक्की की तो चांटा जड़ दिया
विकास को पकड़ने वाले महाकाल चौकी में पदस्थ विजय सिंह राठौर ने बताया कि विकास ने भागने की कोशिश की थी। उसने सुरक्षाकर्मी से धक्का-मुक्की की थी, तो उसकी घड़ी टूट गई थी। उसने मेरे भी धक्का-मुक्की की तो मैंने उसे दो चांटे जड़ दिए थे।

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