रेलवे में एसआई और सिपाही की 9 हजार भर्तियों में 50% से ज्यादा पद महिलाओं के होंगे

गोयल ने राज्यसभा में कहा- आरपीएएफ में महिला अफसरों और कॉन्स्टेबलों की संख्या आगे भी बढ़ाई जाएगी रेलमंत्री ने कहा- कानून-व्यवस्था संभालना जीआरपी का काम, आरपीएफ रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा के लिए

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नई दिल्ली. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि रेलवे में होने वाली सब-इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल की 9 हजार भर्तियों में से 50% से ज्यादा पद महिलाओं के लिए होंगे। उन्होंने कहा- रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) का काम रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर, ट्रेनों और स्टेशनों की हिफाजत करना है। गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) जो कि राज्य सरकार के तहत आती है, उसका काम कानून-व्यवस्था की देखभाल करना है।

गोयल ने कहा- महिलाओं-बच्चों के मुद्दे पर सफलतापूर्वक काम किया

रेल मंत्री ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा- पिछले दो साल के दौरान हमने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सफलतापूर्वक काम किया है। हमने छोटे बच्चों का गलत तरीके से इस्तेमाल किए जाने और उन्हें गुमराह करने पर भी रोक लगाई है।

उन्होंने कहा- मौजूदा समय में आरपीएफ में महिला कॉन्स्टेबलों की तादाद कुल संख्या का महज 2.5% है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने भर्तियों के निर्देश जारी किए।

“भर्ती प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी। 8619 सब-इंस्पेक्टर की भर्तियों में 4216 पद महिलाओं के लिए रिजर्व हैं। इसी तरह 1120 कॉन्स्टेबलों में 201 पद महिलाओें के लिए रखे गए हैं। भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है। आरपीएफ में महिला अफसरों और कॉन्स्टेबलों की संख्या आगे और बढ़ाई जाएगी।’

जिस तरह बिहार सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण दिए जाने का फैसला दिया है, क्या ऐसी किसी योजना पर केंद्र भी विचार कर रही है? इस सवाल के जवाब में गोयल ने कहा- ऐसे किसी आरक्षण का फैसला केंद्र के स्तर पर नहीं किया गया है तो ऐसी किसी फैसले के लंबित होने का सवाल ही नहीं है।

  • केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगाड़ी ने कहा- रेलवे में भर्ती की प्रक्रिया जारी है। हमारी सरकार पर्याप्त संख्या में महिला कॉन्स्टेबलों की नियुक्ति कर रही है। एक अन्य सवाल के जवाब में अंगाड़ी ने कहा महिला कॉन्स्टेबलों को वॉकी-टॉकी दिए जाने पर बातचीत की जा रही है।
ट्रेनों में वाईफाई सुविधा योजना खारिज की गई’

गोयल ने बताया- रेलवे ने ट्रेनों में वाईफाई की सुविधा मुहैया कराने की योजना को खारिज कर दिया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हावड़ा-राजधानी ट्रेन में सैटेलाइट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के जरिए वाईफाई से इंटरनेट की सुविधा दी जा रही थी। लेकिन, यह किफायती नहीं थी।

उन्होंने कहा, “रेलवे के 1606 स्टेशनों पर फ्री वाईफाई की सुविधा दी जा रही है और इसे बचे हुए 4,791 स्टेशनों तक भी बढ़ाया जाएगा। हमने प्रीमियम, मेल, एक्सप्रेस और सब-अर्बन ट्रेनों के कोचों में सीसीटीवी लगाने का कदम उठाया है। पहले चरण के तहत 7020 कोचों में सीसीटीवी लगाए जाएंगे।”

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