राशन कार्ड के बिना भी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में अनाज देगी मोदी सरकार, ऐसे मिलेगा लाभ
देशभर में 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इकोनॉमिक पैकेज के तहत दूसरे दिन के ऐलान में इसकी जानकारी दी.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार अब देशभर में प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को मुफ्त में अनाज देगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने आज राहत पैकेज (Economic Package) के दूसरे हिस्से के ऐलान के दौरान बताया कि केंद्र सरकार अब अगले दो महीने तक इन सभी मजदूरों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराएगी. इससे सीधे तौर पर करीब 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को समय पर भोजन मिल सकेगा.
Free food grains supply to all migrants for the next 2 months. For non-card holders, they shall be given 5kg wheat/rice per person & 1 kg chana per family/month for 2 months. 8 crore migrants will benefit- Rs 3500 crores to be spent on this: FM pic.twitter.com/CNmYR5EwOX
— ANI (@ANI) May 14, 2020
राशन कार्ड नहीं तो भी मिलेगा अनाज
वित्त मंत्री ने बताया कि सभी राज्यों के प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराया जाएगा. इसमें वो मजदूर भी शामिल हो सकेंगे, जिनके पास राशन कार्ड (Ration Card) नहीं है और वो नेशनल फूड सिक्योरिट एक्ट (NFSA) के तहज रजिस्टर्ड नहीं है. वित्त मंत्री ने बताया कि सभी प्रवासी मजदूरों को प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अनाज और प्रति परिवार 1 किलोग्राम चना मुहैया कराया जाएगा. यह लगातार दो महीनों तक इन लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा.
केंद्र सरकार के इस कदम से सीधे तौर पर कुल 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को लाभ मिल सकेगा. दो महीने में केंद्र सरकार इस पर कुल 3,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस पूरे खर्च का वजन केंद्र सरकार खुद करेगी.
सरकार ने बताया कि इस योजना को सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश लागू करेंगे. राज्यों का काम होगा कि वो प्रवासी मजदूरों की पहचान करें और उन्हें इस योजना के तहत लाभ मुहैराएं.
बता दें कि इसके पहले केंद्र लॉकडाउन के ठीक बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भी गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को प्रति माह 5 किलोग्राम अनाज देने का ऐलान किया था. इस दौरान भी केंद्र सरकार ने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज के साथ प्रति परिवार 1 किलोग्राम दाल भी 3 महीनों के लिए मुहैया कराने का ऐलान किया था.