वायुसेना ने कहा- अब तक लापता विमान का मलबा नहीं मिला, 8 क्रू समेत 13 यात्री सवार थे

वायुसेना के एएन-32 विमान का सोमवार को जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद संपर्क टूटा विमान की खोज के लिए वायुसेना ने सुखोई-30 और सी-130 एयरक्राफ्ट लगाए तीन साल पहले भी भारतीय वायुसेना का एयरक्राफ्ट एएन-32 लापता हुआ था

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ईटानगर. असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद सोमवार को लापता हुए भारतीय वायुसेना के एएन-32 विमान का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। वायुसेना खोजी अभियान में आर्मी की ग्राउंड फोर्स की भी मदद ले रही है। वायुसेना ने ट्वीट किया, ”कुछ रिपोर्ट्स में क्रैश साइट को लेकर आशंका जताई गई थी, लेकिन अब तक किसी तरह का मलबा नहीं मिला।”

बताया गया है कि ग्राउंड सोर्स से आखिरी बार सोमवार दोपहर करीब 1 बजे विमान का संपर्क हुआ था। विमान में 8 क्रू मेंबर समेत 13 लोग सवार थे। विमान अरुणाचल प्रदेश के मेचुका एयर फील्ड के ऊपर से लापता हुआ है। यह क्षेत्र चीन सीमा के काफी करीब है। भारतीय वायुसेना ने फिलहाल विमान की खोज के लिए एक सुखोई-30, सी-130 स्पेशल ऑप्स एयरक्राफ्ट, एएन-32, दो एमआई-17 हेलिकॉप्टर और सेना के दो एएलएच हेलिकॉप्टर लगाए हैं।

1980 में शामिल हुआ था एएन-32 विमान
सोवियत एरा का यह एयरक्राफ्ट 1980 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। इसे लगातार अपडेट किया गया। हालांकि लापता प्लेन एएन-32 इन अपग्रेडेड एयरक्राफ्ट का हिस्सा नहीं है।

2016 में भी लापता हुआ था विमान
तीन साल पहले 22 जुलाई 2016 को भारतीय वायुसेना का एयरक्राफ्ट एएन-32 लापता हो गया था। इसमें 29 लोग सवार थे। एयरक्राफ्ट चेन्नई से पोर्ट-ब्लेयर की ओर जा रहा था। बंगाल की खाड़ी के बाद इसका संपर्क टूट गया।

उड़ान भरने के 35 मिनट बाद लापता

जानकारी के मुताबिक IAF का AN 32 विमान 8 क्रू मेंबर और पांच यात्रियों को लेकर अरुणाचल प्रदेश ( Arunachal Pradesh ) के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए रवाना हुआ था। ये लैंडिंग स्ट्रिप पश्चिम जियांग में स्थित है। जो भारत चीन सीमा से महज 30 किलोमीटर दूर है। तय स्थान पर नहीं पहुंचने पर वायुसेना के अधिकारियों ने दोपहर एक बजे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो सकी थी।

तलाश में रवाना हुए दो विमान

वायुसेना के अधिकारी ने बताया कि एक निश्चित समय के बाद जब विमान लैंडिंग स्ट्रिप एरिया के वायुक्षेत्र में नहीं आया, तब हमने संपर्क करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। लापता विमान में कुल 13 लोग सवार हैं। हम उसकी तलाश के लिए सुखोई 30 और C 123 रवाना कर चुके हैं।

गृहमंत्री ने वाइस चीफ एयर मार्शल से की बात

विमान लापता होने की खबर मिलते सरकार में खलबली मच गई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल राकेश सिंह भदौरिया से बात की। उन्होंने मुझे वायुसेना की ओर से चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन की जानकारी दी है। मैं सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।

क्या होता है AN-32 विमान ?

AN-32 का पूरा नाम Antonov -32 है। वायुसेना इसका इस्तेमाल खात तौर पर ट्रांसपोर्ट के लिए करती है। यह विमान 55°C से भी अधिक के तापमान में टेक ऑफ कर सकता है। इसलिए इसे मध्यम श्रेणी के विमान सेवा के लिए रीढ़ की हड्डी कही जाती है। भारतीय वायुसेना के पास इस वक्त करीब 100 AN-32 विमान हैं। इसमें कम से कम 5 क्रू-मेंबर होंते हैं। इसकी अधिकतम क्षमता 50 लोगों को ढोने की है।

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