महाराष्ट्र / शिवसेना के मंत्री सावंत का मोदी कैबिनेट से इस्तीफा, 30 साल में दूसरी बार भाजपा-सेना के रास्ते अलग हुए
महाराष्ट्र में एक बार फिर सत्ता के खेल ने जोर पकड़ा है. चुनाव नतीजों के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल को बता दिया है कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है. अब शिवसेना से पूछा गया है कि क्या वह सरकार बनाना चाहेगी? ऐसे में एक बार फिर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी एक्टिव हो गए हैं. अब देखना होगा कि क्या महाराष्ट्र में इतिहास पलटेगा और इस बार शिवसेना का मुख्यमंत्री देखने को मिलेगा?
मुंबई/नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने पर सोमवार को कांग्रेस और राकांपा के शीर्ष नेताओं की बैठकें हुईं। इसबीच, शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। समर्थन को लेकर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कार्यसमिति कोई निर्णय नहीं ले पाई। अब कांग्रेस ने राज्य के वरिष्ठ नेताओं को चर्चा के लिए शाम 4 बजे दिल्ली बुलाया है। राकांपा ने कोर कमेटी की बैठक के बाद कहा कि हमारे विधायक सरकार बनाने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस के बगैर कोई फैसला नहीं लेंगे। राज्यपाल ने शिवसेना को संख्या बल बताने के लिए शाम 7:30 बजे तक का वक्त दिया है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सत्ता का समीकरण बनाने में पूरा जोर लगा रहे हैं। वे शरद पवार से मिलने पहुंचे हैं।
महाराष्ट्र में एक बार फिर सत्ता के खेल ने जोर पकड़ा है. चुनाव नतीजों के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल को बता दिया है कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है. अब शिवसेना से पूछा गया है कि क्या वह सरकार बनाना चाहेगी? ऐसे में एक बार फिर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी एक्टिव हो गए हैं. अब देखना होगा कि क्या महाराष्ट्र में इतिहास पलटेगा और इस बार शिवसेना का मुख्यमंत्री देखने को मिलेगा?
Shiv Sena MP Arvind Sawant has tendered his resignation as Union Minister for Heavy Industries and Public Enterprises https://t.co/b0Wv4FvHvc pic.twitter.com/fzcaVonqw9
— ANI (@ANI) November 11, 2019
शिवसेना ने आखिरकार सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. केंद्र सरकार में शिवसेना कोटे से मंत्री अरविंद सावंत अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं. वह सोमवार को केंद्र सरकार से इस्तीफा देंगे. अरविंद सावंत का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार गठन को लेकर एक फॉर्मूला तय हुआ था. लेकिन अब इस फॉर्मूले को मना किया जा रहा है. शिवसेवा हमेशा सच के साथ खड़ी होती है. ऐसे में इस गलत माहौल में दिल्ली सरकार के साथ क्यों रहना? इसलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं.
लोकसभा निवडणुकी आधी जागा वाटप आणि सत्ता वाटपाचा एक फॉर्म्युला ठरला होता. दोघांना तो मान्य होता.आता हा फॉर्म्युला नाकारून शिवसेनेला खोटे ठरवण्याचा प्रकार धक्कादायक तसेच महाराष्ट्राच्या स्वाभीमानास कलंक लावणारा आहे. खोटेपणाचा कळस करत महाराष्ट्रात भाजपाने फारकत घेतलीच आहे.. 1/2
— Arvind Sawant (@AGSawant) November 11, 2019
कांग्रेस के फैसले का इंतजार- नवाब मलिक
Nawab Malik, NCP after party's core group meeting on govt formation in Maharashtra: Congress MLAs are in favour of supporting Shiv Sena-led government, but Congress Working Committee (CWC) is the supreme body to decide on their party line. https://t.co/tNn3ZkIDUJ
— ANI (@ANI) November 11, 2019
सरकार नहीं बनाएगी भारतीय जनता पार्टी
क्या होगा जब मिलेंगे NCP+कांग्रेस और शिवसेना?
- कांग्रेस 44
- NCP 54
- शिवसेना 56
- कुल – 154
बहुमत के लिए आंकड़ा 145
सीएम तो शिवसेना का ही होगा: संजय राउत
शिवसेना और शरद पवार की होगी मुलाकात
हालांकि, शिवसेना के लिए NCP के साथ जाना आसान नहीं होगा क्योंकि NCP की ओर से कहा गया है कि अगर शिवसेना बीजेपी का साथ छोड़ती है और केंद्र सरकार से इस्तीफा देती है तो ही वह विचार कर सकती है.
- भाजपा ने रविवार को सरकार बनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से शिवसेना को सरकार बनाने के लिए न्योता मिला। राकांपा और कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने के लिए उसके एनडीए से अलग होने की शर्त रखी है। इसके बाद मोदी सरकार में शिवसेना के इकलौते केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार सुबह ट्वीट कर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।
- बदले हुए हालात में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन सकते हैं। जबकि, पहले वह अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सीएम बनाना चाह रहे थे। उधर, इस नए गठजोड़ में उप-मुख्यमंत्री का पद राकांपा को जा सकता है। वहीं, कांग्रेस को विधानसभा में स्पीकर का पद दिया जा सकता है।
‘उद्धव के आदेश पर अरविंद सावंत ने इस्तीफा दिया’
संजय राउत ने कहा, ”भाजपा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद बांटने के लिए तैयार नहीं है। वे किसी भी हालत में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद नहीं देंगे। चाहे उन्हें विपक्ष में ही क्यों न बैठना पड़े। इस व्यवहार को जनता के साथ धोखा कहा जाएगा या नहीं। भाजपा मानने के लिए ही तैयार नहीं तो कौन सा रिश्ता रहता है हमारा। हमसे पूछा तक नहीं गया। यह रिश्ता औपचारिकता रह गया। हमारे केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत उद्धव ठाकरे के आदेश पर केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ देने का फैसला लिया है।” राउत ने कहा कि बेहतर होता कि राज्यपाल संख्याबल बताने के लिए हमें और वक्त देते। शिवसेना को भाजपा से कम समय दिया गया है। यह महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की भाजपा की रणनीति है।
अपडेट्स
– राकांपा प्रमुख शरद पवार ने मुंबई में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक ली। इसमें प्रफुल पटेल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, जयंत पाटिल और अन्य नेता मौजूद रहे। पवार ने कहा- जो भी फैसला होगा, राकांपा और कांग्रेस मिलकर लेंगे। अभी शाम तक का समय है।
– कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए दिल्ली स्थित अपने आवास पर कार्यसमिति की बैठक बुलाई। इसमें अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य नेता शामिल हुए। इससे पहले खड़गे ने जयपुर में ठहरे महाराष्ट्र के विधायकों के साथ बैठक की।
– भाजपा ने विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस के आवास पर कोर कमेटी की बैठक बुलाई। शिवसेना के बड़े नेताओं की रविवार देर रात तक मातोश्री में बैठक हुई।
शिवसेना एनडीए गठबंधन से अलग होगी
शिवसेना के केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने ट्वीट किया- शिवसेना का पक्ष सच्चाई है। इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहे और इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इस संबंध में सुबह 11 बजे दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।
संभावित सरकार में कांग्रेस का शामिल होना तय नहीं
- कांग्रेस गठबंधन सरकार में शामिल होगी या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन, स्पीकर पद कांग्रेस के खाते में जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण इसके लिए पहली पसंद होंगे। उप-मुख्यमंत्री का पद राकांपा को देने की बात हो चुकी है, लेकिन गृह मंत्रालय को लेकर खींचतान जारी है। 1999 में कांग्रेस और राकांपा ने ऐसे ही हालात में राज्य में सरकार का गठन किया था। इसके बाद दोनों दल 15 साल तक सत्ता में रहे थे।
- कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने रविवार देर शाम जयपुर में कहा कि पार्टी राज्य की जनता पर राष्ट्रपति शासन थोपे जाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि नव-निर्वाचित पार्टी विधायक हाईकमान से सलाह लेंगे और उसके आधार पर फैसला करेंगे।
शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस साथ आए तो बहुमत
कुल सीटें: 288
बहुमत: 145
दल | सीटें |
शिवसेना | 56 |
एनसीपी | 54 |
कांग्रेस | 44 |
कुल | 154 |
निर्दलीय | 9 विधायक साथ होने का दावा |
कुल संख्या बल | 163 |
महाराष्ट्र में अन्य दलों की स्थिति
पार्टी | सीट |
भाजपा | 105 |
बहुजन विकास अघाड़ी | 3 |
एआईएमआईएम | 2 |
निर्दलीय और अन्य दल | 15 |
कुल | 125 |