कोलकाता। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है. एक राष्ट्रीय और कई क्षेत्रीय पार्टियों का उन्होंने किला ही ढहा दिया. पश्चिम बंगाल भी इससे अछूता नहीं रहा. ममता बनर्जी के गढ पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने 18 लोकसभा सीटें जीतीं. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच राजनीतिक लड़ाई छिड़ी हुई है. जहां ममता बनर्जी बीजेपी पर आरोप लगा रही हैं, वहीं उन्हें बीजेपी की ‘जय श्री राम’ वाली तंज भरी चिट्ठियों की संख्या बढ़ती जा रही है. हालांकि इस राजनीति द्वंद में पोस्ट ऑफिस का काम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.
सूत्रों के अनुसार, दक्षिण कोलकाता के पोस्ट ऑफिस में कुल चिट्ठियों में से अकेले ममता बनर्जी के नाम 10 फीसदी चिट्ठियां आई हैं. चिट्ठियों की संख्या को देखते हुए अलग से एक डाकिया तैनात किया गया है. जिससे ममता बनर्जी की चिट्ठियां समय पर उनके पते पर पहुंचती रहे. देश भर के बीजेपी कार्यालय से ममता बनर्जी को चिट्ठी भेजी जा रही है. इसमें से ज्यादातर चिट्ठियों पर तंज स्वरूप ‘जय श्री राम’ लिखा हुआ है.
संत भी भेज रहे हैं पोस्टकार्ड
अयोध्या में संतों ने ममता बनर्जी को श्रीराम लिखा पोस्टकार्ड भेजना शुरू कर दिया है. तपस्वी छावनी में डॉ. राम विलास दास वेदांती व स्वामी परमहंस दास ने गुरुवार को ममता बनर्जी की सद्बुद्धि के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया. साथ ही देवी शक्ति यज्ञ के माध्यम से शीघ्र राम मंदिर निर्माण की बाधा दूर करने की प्रार्थना की गई. तपस्वी छावनी के महंत स्वामी परमहंस दास ने पोस्टकार्ड में लिखा है कि ममता बनर्जी, ‘जय श्रीराम का विरोध छोड़ो या तो फिर भारत छोड़ो.’
कथित रूप से श्रीराम विरोधी विचारधारा वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सद्बुद्धि आए, इसके लिए तपस्वी छावनी में बुद्धि शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया. आयोजन के मुख्य यजमान श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राम विलास दास वेदांती व स्वामी परमहंस दास थे. संतों ने ममता बनर्जी की राम विरोधी सोच के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया.
यज्ञ के बाद न्यास के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व सांसद डॉ. राम विलास दास वेदांती ने सीएम ममता बनर्जी को श्रीराम नाम लिखा पोस्टकार्ड लिखा, जिसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पोस्ट किया गया. साथ ही वेदांती ने संतों से आह्वान किया कि सभी लोग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को श्रीराम नाम लिखा पोस्टकार्ड भेजें.
ममता ने अधिकारियों से बैठक में की हार पर चर्चा
उन्होंने अन्य कई मुद्दों पर भी मीडिया से बातचीत की. इस दौरान नीति आयोग मामले पर उन्होंने कहा, ‘इस तरह का पत्र मुझे पहले भी दिया गया था. मेरे हिसाब से योजना आयोग, नीति आयोग से ज्यादा प्रभावी है. और वह नीति आयोग से ज्यादा सफल भी रहा है.
एक सवाल के जवाब में ममता बनर्जी ने कहा कि संघीय ढांचे की बात करने का कोई मतलब नहीं है. यह कोई शक्ति नहीं है, केवल दिखावा है. योजना आयोग को दोबारा वापस लाना चाहिए. प्रशांत किशोर से बातचीत पर उन्होंने कहा, ‘मेरी प्रशांत किशोर से कोई बातचीत नहीं हुई है. यह इंटरनल इशू है.’