बिहार बोर्ड के टॉपर्स की पांच कहानियां / गरीबी भी नहीं रोक पाई सफलता का रास्ता, मेहनत के दम पर बने टाॅपर; किसी के पिता सब्जी बेचते हैं तो कोई मजदूर का बेटा
मंगलवार को जारी किए गए दसवीं बोर्ड परीक्षा में रोहतास के हिमांशु राज बने टॉपर समस्तीपुर के दुर्गेश कुमार को दूसरा व अरवल की जूली कुमार को तीसरा स्थान
पटना. मंगलवार को बिहार बोर्ड ने मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया। टॉप 10 में 41 छात्र-छात्राओं ने जगह बनाई है। इस बार 80.59% छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। टॉपर्स लिस्ट में जगह बनाने वाले ज्यादातर बच्चों के घर की माली हालत ठीक नहीं है। लेकिन, इसके बावजूद इन्होंने हौसला नहीं हारा और दिन रात पढ़ाई में जुटे रहे। टॉप आए बच्चों में किसी के पिता मजदूर हैं तो कोई खेती कर अपने परिवार को पालते हैं। इन बच्चों में किसी का सपना आईआईटी से इंजीनियरिंग करने का है तो कोई डॉक्टर बन देश की सेवा करना चाहता है।
रैंक-1, हिमांशु राज
सब्जी बेचने वाले का बेटा बना टॉपर
मैट्रिक परीक्षा में टॉप करने वाले हिमांशु राज के पिता सब्जी बेचते हैं। रोहतास के रहने वाले हिमांशु को 96.2 प्रतिशत अंक मिले हैं। उन्होंने बताया- “मैं हर रोज 14 घंटे कड़ी मेहनत करता था। उम्मीद थी कि अच्छे नंबर मिलेंगे लेकिन टॉप करना किसी सपने के सच होने जैसा है। मेरा सपना सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का है।” पिता कहते हैं बेटे के सपने को पूरा करने के लिए आर्थिक स्थिति को आड़े नहीं आने दूंगा।
रैंक-2, दुर्गेश कुमार
आईआईटीयन बनना है किसान के बेटे का सपना
मैट्रिक परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाले समस्तीपुर के दुर्गेश कुमार के पिता पेशे से किसान हैं। दुर्गेश को परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक मिले हैं। उन्होंने कहा- “मैं रिजल्ट से खुश हूं, लेकिन एक नंबर और आ जाता तो टॉप कर जाता। मेरा सपना आईआईटीयन बनने का है।” पिता जय किशोर सिंह कहते हैं चार भाई-बहनों में सबसे छोटा दुर्गेश के सपने को पूरा करने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे।
रैंक-3, जूली कुमारी
…कहीं आर्थिक स्थिति की वजह से टूट न जाए डॉक्टर बनने का सपना
बिहार के टॉप तीन में एक छात्रा ने जगह बनाई है। अरवल की जूली कुमारी को तीसरा स्थान मिला है। उसे 95.6 प्रतिशत अंक मिले हैं। जूली कहती हैं- “मेरा सपना डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने का है। लेकिन, डर लगता है कि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते यह सपना टूट न जाए।” पिता मनोज सिन्हा मध्य विद्यालय में शिक्षक हैं। पिता का कहना है कि मेरी बेटी शुरू से ही पढ़ने में अच्छी रही है। अगर सरकार मदद करे तो मेरी बेटी का सपना पूरा हो सकता है।
रैंक-4, सन्नू कुमार
मजदूर के बेटे ने टॉपर्स लिस्ट में बनाई जगह, आईएएस बनने का है ख्वाब
लखीसराय के सन्नु कुमार को मैट्रिक परीक्षा में चौथा स्थान हासिल हुआ है। पिता शंभू कुमार और मां पंचा देवी मजदूर कर परिवार का पेट पालती है। सन्नु का सपना है कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करे। सन्नु ने बताया कि उसने बोर्ड परीक्षा के लिए विशेष मेहनत की थी। रटने की बजाय हमेशा कॉन्सेप्ट क्लीयर करने पर ध्यान दिया।
रैंक-6
शिक्षक के बेटे को छठा स्थान, इंजीनियर बनने का है सपना
औरंगाबाद के अंकित कुमार को मैट्रिक परीक्षा में छठा स्थान मिला है। उसे 95 प्रतिशत अंक हासिल हुए हैं। अंकित ने बताया कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है। उसका कहना है कि कभी कोचिंग नहीं गया। सेल्फ स्टडी की बदौलत अच्छे नंबर आए। उसने बताया कि सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। साथ ही दूसरे छात्रों को भी सलाह दी है कि अगर सफलता प्राप्त करनी है तो सोशल मीडिया से दूरी बनानी होगी।