बंगाल में तनाव बरकरार: BJP का दावा- 5 कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या, 18 लापता
उत्तर 24 परगना में भाजपा के झंडे निकालकर फेंकने पर विवाद, गोलियां चलीं मुकुल रॉय बोले- गृह मंत्री अमित शाह को रिपोर्ट भेजी, हिंसा के लिए तृणमूल जिम्मेदार सोमवार को भाजपा सांसदों की टीम संदेशखली इलाके का दौरा करेगी
कोलकाता. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प.बंगाल के उत्तर 24 परगना में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसा पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच राजनीति द्वंद अब हिंसा झड़प में बदल चुकी है. लगातार हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. बंगाल के 24 परगना में शनिवार देर शाम बीजेपी कार्यकर्ताओं और टीएमसी के बीच विवाद हुआ. जिसमें कथित रूप से आठ लोग मारे गए हैं जबकि कई लोग घायल भी हैं. हालांकि पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना के संदेशखाली क्षेत्र में रविवार को भी तनाव बरकरार है.
हिंसा पर बीजेपी के सूत्रों ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं ने पांच बीजेपी कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी है. जबकि 18 लोग लापता भी बताए जा रहे हैं. जबकि तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि इस घटना में उनकी पार्टी के तीन कार्यकर्ता भी मारे गए हैं.
टीएमसी और बीजेपी आए आमने-सामने
दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे पर इस हिंसा का षडयंत्र रचने का आरोप लगा रही हैं. नाजट पुलिस थाना के अंर्तगत आने वाले इस क्षेत्र और इसके आस-पास के इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है. उत्तरी 24 परगना के संदेशखाली क्षेत्र में शनिवार रात हिंसा भड़क उठी थी.
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री ने ममता सरकार से हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है। मुझे विश्वास है कि इस घटना को केंद्र गंभीरता से लेगा। लोगों के बीच में हिंसा को लेकर गुस्सा है।
सायंतन बसु ने दावा किया है कि गोलीबारी में तीन कार्यकर्ता सुकांता मंडल, प्रदीप मंडल और शंकर मंडल की मौत हो गई। तीनों के शव बरामद हो चुके हैं। दो और कार्यकर्ता लापता हैं। भाजपा नेता मुकुल रॉय ने कहा, ”तृणमूल के गुंडों ने भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की। हमारे सांसदों की टीम सोमवार को इलाके का दौरा करेगी। फिलहाल, गृह मंत्री अमित शाह को रिपोर्ट भेज दी है। मुख्यमंत्री और तृणमूल के नेता बंगाल को आतंकी क्षेत्र बना रहे हैं। हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराएंगे।”
अपहरण के बाद तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या
तृणमूल ने भी एक कार्यकर्ता की हत्या का दावा किया है। पार्टी के वरिष्ठ राज्य मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपहरण के बादतृणमूल समर्थक कयूम मुल्ला की गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात के वक्त कयूम तृणमूल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जा रहे थे।
1960 के दशक में शुरू हुआ राजनीतिक हिंसा का दौर
बंगाल में राजनीतिक हिंसा की शुरुआत 1960 के दशक में हुई. इस राजनीतिक हिंसा के पीछे तीन अहम कारण हैं- राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, विधि शासन पर सत्ताधारी दल का वर्चस्व. अभी एक अन्य प्रमुख कारण यह भी है कि जिस तरह से भाजपा का उभार हुआ है, उससे तनाव बढ़ा हुआ है.
1977 से 2007 तक 28 हजार राजनीतिक हत्याएं
पश्चिम बंगाल विधानसभा के एक जवाब के मुताबिक 1977 से 2007 तक (लेफ्ट फ्रंट की सत्ता) 28,000 राजनीतिक हत्याएं हुई थीं. सिंगूर और नंदीग्राम का आंदोलन भी हिंसा का एक नमूना है. लेकिन बहुत सारी घटनाएं तो ऐसी होती हैं, जो रिपोर्ट ही नहीं हो पातीं.
मोदी Vs ममता
मोदी और ममता की सियासी जंग किसी से छुपी हुई नहीं है. 2014 में भाजपा को बंगाल में सिर्फ 2 सीटें मिली थीं, लेकिन पार्टी ने पिछले 5 साल में यहां संगठन को काफी मजबूत किया है. इसका नतीजा है कि भाजपा राज्य में चौथे नंबर से दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है. वहीं, अब बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा हो या फिर NRC ऐसे तमाम ज्वलंत मुद्दों पर दोनों दलों के बीच तलवारें पहले से खिंची हुई हैं. हालांकि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी बंगाल में बीजेपी के लिए कोई भी स्पेस नहीं देना चाहती हैं.