प्रधानमंत्री का संदेश LIVE / मोदी ने कहा- प्रधानमंत्री ने कहा- पांच अप्रैल के दिन चाहिए आपके 9 मिनट, कोरोना के खिलाफ अब तक 9 दिन के लॉकडाउन में सभी लोगों ने अनुशासन और सेवा का परिचय दिया

कोरोना वायरस का संकट देश में तेजी से बढ़ रहा है. पिछले दो से तीन दिनों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है और ये आंकड़ा 2500 के पार चला गया है. इस महासंकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर देशवासियों से मुखातिब होंगे, पीएम मोदी आज अपना एक वीडियो संदेश जारी करेंगे.

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (Narendra Modi) ने एक वीडियो संदेश जारी किया. पीएम ने कहा सरकार, प्रशासन, लोगों ने लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए बहुत मेहनत की है.यह दुनिया के लिए एक मिसाल है. बहुत से देश हम जो कर रहे हैं, उसके प्रति आभार जता रहे हैं. पीएम ने कहा, कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं. इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव दोनों का परिचय दिया है वो अभूतपूर्व है. शासन प्रशासन और जनता ने इस स्थिति को अच्छे ढंग से संभालने का पूरा प्रयास किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा, आपने जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया वो भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है. आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं.  पीएम ने कहा. हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है. इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए.

5 अप्रैल को मांगे 9 मिनट
पीएम ने कहा, ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों  में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है. 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का. इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है. इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए, हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है.

प्रधानमंत्री ने कहा, इस रविवार 5 अप्रैल को, हम सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है. इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी के बीच शुक्रवार को देशवासियों के साथ एक वीडियो मैसेज साझा किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ अब तक 9 दिन के लॉकडाउन में सभी लोगों ने अनुशासन और सेवा का परिचय दिया। कोरोनावायरस के संक्रमण की चपेट में आने से देश में अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। देशभर में 2 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। मोदी लगातार सभी राज्यों के संपर्क में हैं। गुरुवार को उन्होंने मुख्यमंत्रियों के साथ दूसरी बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। प्रधानमंत्री ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ जागरुकता अभियान में धर्मगुरुओं की मदद ली जाए।

मोदी इस महामारी के खतरे के बीच 2 बार राष्ट्र के नाम संबोधन दे चुके हैं। पहली बार में उन्होंने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने और कोरोना फाइटर्स के सम्मान में ताली-थाली बजाने की बात कही थी। इसके बाद 24 मार्च के दूसरे संबोधन में 21 दिन के लॉकडाउन की बात कही थी। यह लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होगा।

धैर्य दिखाएं, लॉकडाउन का पालन करें

29 मार्च को प्रधानमंत्री ने मन की बात में लॉकडाउन के कारण लोगों को हुई परेशानियों के लिए माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि बीमारी से पहले ही इसके उपाय कर लेना चाहिए। कोरोना का इंसान को खत्म करने की जिद पर अड़ा है। ये जीवन और मृत्यु की लड़ाई है। इसलिए सब लोगों को एकजुट होकर लॉकडाउन का पालन करने का संकल्प लेना होगा। लॉकडाउन में धैर्य दिखाना ही है। कुछ लोग कोरोना गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। लेकिन मैं कहता हूं कि इस गलतफहमी में न रहें, कई देश बर्बाद हो गए। कोरोना से लड़ाई में योगदान दे रहे लोगों का सम्मान करें। गरीब और जरूरतमंदों की मदद करें।

‘कोरोना के संक्रमण चक्र तोड़ना होगा’
24 मार्च को मोदी ने कहा था, “हिंदुस्तान को बचाने के लिए 21 दिन का यह लॉकडाउन बेहद जरूरी है। यह जनता कर्फ्यू से ज्यादा सख्त होगा और यह एक तरह से कर्फ्यू ही है। बाहर निकलना क्या होता है, यह 21 दिन के लिए भूल जाइए। 21 दिन नहीं संभले तो आपका देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा। कोरोना से मुकाबले के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। हमें संक्रमण के चक्र को तोड़ना होगा। कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा न लांघी जाए।”

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