प्रज्ञा को जवाब देने ‘प्रकट’ हुए करकरे, बोले- शाप से नहीं मरा, देश के लिए शहीद हुआ

विधान परिषद में हेमंत करकरे का लिबास पहनकर आने का विधायक का मकसद साध्वी प्रज्ञा समेत देश को ये बताना था कि वे आतंकी हमले में देश के लिए शहीद हुए थे न कि किसी के शाप से मरे थे.

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को लोग हैरान रह गए जब उन्होंने अपने बीच एक ऐसे शख्स को पाया जो मुंबई एटीएस के पूर्व चीफ शहीद हेमंत करकरे का यूनिफॉर्म पहनकर आया था. बाद में पता चला कि हेमंत करकरे का लिबास पहनने वाले ये शख्स थे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक प्रकाश गजभिये.

गजभिये ने बुधवार को सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा जब वे महाराष्ट्र विधान परिषद में पूर्व शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के वेश में आए. प्रकाश गजभिये दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर की टिप्पणी से बेहद आहत थे. विधान परिषद में हेमंत करकरे का लिबास पहनकर आने का उनका मकसद साध्वी प्रज्ञा समेत देश को ये बताना था कि वे आतंकी हमले में देश के लिए शहीद हुए थे न कि किसी के शाप से मरे थे.

इस दौरान हेमंत करकरे ने एक प्लेकार्ड लिया हुआ था. इस प्लेकार्ड पर मराठी भाषा में लिखा था, “यह कहना कि मैं प्रज्ञा के शाप से मारा गया, अंधविश्वास है, मैं देश के लिए शहीद हुआ.”

गजभिये के इस तरह के प्रदर्शन से हैरान सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें वहां से हटा दिया. लेकिन तबतक वहां मौजूद पत्रकारों ने उनकी कई तस्वीरें ले ली थीं. बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान मालेगांव 2008 के बम विस्फोट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर ने महाराष्ट्र के पूर्व आतंकवाद रोधी दस्ते के प्रमुख करकरे पर खुद को यातना देने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि करकरे की मौत उनके शाप की वजह से हुई थी. प्रज्ञा के इस बयान पर कांग्रेस समेत कई पार्टियां भड़क गई थीं और बाद में प्रज्ञा ने अपना बयान वापस ले लिया और इसके लिए माफी मांगी.

प्रकाश गजभिये ने कहा कि किसी तरह का अंधविश्वास नहीं होना चाहिए, इसे खत्म होना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक नागपुर के रहने वाले गजभिये अक्सर सामाजिक मुद्दों को असामान्य तरीके से उजागर करते रहते हैं.

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