बठिंडा. कोरोना महामारी के दौरान दिन रात ड्यूटी करने वाले पंजाब के मेडीकल प्रेकटीशनर्स को कैप्टन सरकार सेहतकर्मी की मान्यता दे जिससे वह अपनी, सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में रेगुलर कर सकें। इससे आम लोगों को लाभ मिलेगा व कोरोना महामारी में जागरुक करने के साथ प्राथमिक मेडिकल सुविधा देने में सुविधा होगी। इन शब्दों का प्रगटावा मेडीकल प्रेक्टीश्नर ऐसोसिएशन पंजाब के प्रदेश प्रधान रमेश कुमार बाली ने बठिंडा प्रेस क्लब में पत्रकार सम्मेलन के दौरान किया।
वह आज बठिंडा में जिला पदाधिकारियों व वर्करों की मीटिंग में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कारण चाहे हर क्षेत्र में हस्पताल बंद हो गए थे परन्तु मेडीकल प्रैकटीशनर्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को सेहत सेवा उपलब्ध करवाई। परन्तु अफसोस की बात है कि कैप्टन सरकार के कांग्रेसी विधायकों ने ही मेडीकल प्रैकटीशनर्स को काली भेड़ तक कहा, जो कि निंदनीय है। उन बताया कि देश भर में 20 लाख मैडीकल प्रैक्टिशनर अपनी, सेवाओं निभा रहे हैं और अब सरकार को चाहिए कि उनको दसवीं पास और 10 साल का तजुर्बा रखने वाले मेडिकल प्रेक्टीशर्नस को मान्यता दे। इस मौके दूसरे के इलावा जगदेव सिंह बरगाड़ी, करनैल सिंह, जोगानन्द, बलजिन्दर सिंह ज़िला प्रधान, ब्लाक प्रधान रेशम सिंह सिद्धू, राजवीर सिंह, ज्ञान चंद उपस्थित थे।
Hari Dutt Joshi/ Chief Editor
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