पंजाब: पंजाब में सबसे बड़े 6000 करोड़ के अंतराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट का सरग़ना अनूप सिंह काहलों ज़मानत मिलने के बाद फ़रार हो गया है. काहलों कनाडा का नागरिक है. पासपोर्ट ज़ब्त होने के बावजूद वह साउथ अफ़्रीका पहुंच चुका है यह खुलासा तब हुआ जब भारत सरकार को अफ़्रीका में अनूप सिंह काहलों को हिरासत में लेने की सूचना मिली. एक महीने से पिछली लगातार दो तारीख़ों पर काहलों कोर्ट में पेश नहीं हुआ. ED ने काहलों का रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की सिफ़ारिश की है.
पंजाब पुलिस ने काहलों को साल 2013 में मोहाली के जीरकपुर में उसके फ़्लैट से गिरफ़्तार किया था. फ़्लैट की सीलिंग से 16 किलो हेरोईन के पैकेट बरामद किए गये थे.
अनूप काहलों की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस ने बॉक्सर विजेंदर पर भी शिकंजा कसा था. इसी केस में आगे ड्रग्स लॉर्ड और पंजाब पुलिस के बर्खास्त DSP जगदीश सिंह उर्फ़ भोला पहलवान की गिरफ़्तारी हुई थी. ड्रग्स के इस इंटरनैशनल रैकेट के तार कनाडा और हौलैंड तक जुड़े थे. पंजाब के नेताओं पर भी ED और पुलिस की गाज गिरी थी.
अभी तक तस्करी के जितने भी केस पुलिस ने पकड़े हैं, उसमें यह सामने आया है कि कनाडा में जाने वाले सामान में ही हेरोइन और आइस जाती है। पिछले साल नारकोटिक्स स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर इंदरजीत सिंह ने तस्कर हरजिंदर सिंह को काबू किया तो पता चला कि वह लेडीज सैंडिल की एड़ी काटकर उसमें हेरोइन भरता था और यह सैंडिल एनआरआई के माध्यम से कनाडा पहुंचाता था। इसी तरह पंजाब से जाने वाले फोटोफ्रेम और मूर्तियों में भी हेरोइन छिपाकर भेजी जाने के मामले सामने आए हैं।
मुश्किल है गिरफ्तारी
पंजाब पुलिस के अधिकारियों के लिए दिक्कत यह है कि कनाडा या विदेशों में बैठे एनआरआई को सीधे केस में शामिल तो कर सकते हैं लेकिन उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया लंबी है। इसके लिए पुलिस सीबीआई को लिखती है। सीबीआई प्रत्यार्पण के लिए आवेदन करती है। लेकिन उन देशों से ही अपराधियों को वापस लाया जा सकता है, जिनके साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है।
यह मामले आए हैं सामने
– ड्रग तस्करी में एनआरआई की भूमिका 2006 में सामने आई थी। नकोदर पुलिस द्वारा दर्ज केस में प्रसिद्ध पॉप गायक केएस मक्खन समेत कई एनआरआई का नाम शामिल थे। तभी कनाडा के नागरिक राजा बोपाराय व लखविंदर लक्खा का नाम सामने आया था, जो पंजाब से कनाडा हेरोइन की सप्लाई करते थे।
– भोला की गिरफ्तारी के बाद 32 एनआरआई के नाम उजागर हुए। इन सभी के नाम तो सार्वजनिक नहीं किए गए, लेकिन पंजाब का खुफिया विभाग इंटरपोल की मदद लेकर इनकी जांच करवा रहा है।
-15 मार्च 2013 को कनाडा के नागरिक अनूप काहलों और मनप्रीत सिंह गिरफ्तार किए गए। दोनों ड्रग तस्करी में लिप्त थे और पंजाब से ड्रग की सप्लाई कनाडा व अन्य देशों में करते थे।
– जालंधर में 2012 में 200 करोड़ की सिंथेटिक ड्रग का रैकेट पकड़ा गया, जिसका मुख्य सरगना यूके सिटीजन राजा कंदोला था। कंदोला सिंथेटिक ड्रग का कारोबार करता था और पंजाब से विदेशों में ड्रग्स भेजता था। इस धंधे में उसका बेटा वैली सिंह (यूके नागरिक) भी गिरफ्तार किया गया था।
– नवांशहर पुलिस ने कनाडा में बसे एनआरआई हरपिंदर सिंह को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से करीब 10 करोड़ की हेरोइन बरामद की थी।
– हाल ही में पंजाब पुलिस ने कनाडा के नागरिक वरिंदर संधू को काबू किया, जिसका नाम 300 करोड़ की ड्रग तस्करी में है। पुलिस के मुताबिक वरिंदर संधू ने दवा की फैक्टरी खोल रखी है लेकिन इसकी आड़ में वह सिंथेटिक ड्रग तैयार कर ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूके में सप्लाई करता था। उसे संदीप संधू व नगिंदर बठिंडा के साथ गिरफ्तार किया गया।
– फगवाड़ा के मूल निवासी यूके सिटीजन कुलवंत सिंह को दिल्ली के माहिलपुर इलाके में उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह यूके जाने की तैयारी में था। उसके पास से 30 किलो ड्रग्स बरामद की गई।
– पुलिस को प्रदेश में कबड्डी की आड़ में ड्रग तस्करी के इनपुट मिले, जिसके बाद पिछले साल पुलिस ने डेरा सिंह मठूडा (प्रोमोटर कबड्डी क्लब) कनाडा, सर्बजीत सिंह निक्क निवासी कनाडा, निरंकारा सिंह ढिल्लों कनाडा, हरबंस सिंह सिद्धू कनाडा को अंडर स्कैनर रखकर जांच शुरू की गई।