चिदंबरम पर एक नहीं भ्रष्टाचार के 6 मामले चल रहे; रिश्वत के पैसों से मलेशिया, ब्रिटेन और स्पेन में जमीन खरीदी

ईडी ने जांच का दायरा बढ़ाया, चार सौदों में चिदंबरम की भूमिका संदिग्ध अलग-अलग मामलों में पत्नी, बेटा और बहू भी जांच के दायरे में आईएनएक्स मीडिया में नाम इंद्राणी मुखर्जी के बयान के बाद आया उसने बताया था- चिदंबरम ने डील के बदले बेटे कार्ति को विदेशी धन के मामले में मदद करने की बात कही थी

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नई दिल्ली.  कांग्रेस नेता, देश के वित्त और गृह मंत्री रह चुके पी.चिदंबरम के खिलाफ भ्रष्टाचार और हेरफेर से जुड़े 6 बड़े मामले दर्ज हैं। ये सभी केस निचली या ऊपरी अदालतों में पेंडिंग हैं। सभी में सीबीआई, इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी), आईटी चिदंबरम से पूछताछ कर रही हैं या उन्हें समन भेज चुकी हैं। 3 केस में चिदंबरम को अंतरिम जमानत भी मिल चुकी है।

 

यहीं नहीं, भ्रष्टाचार के 3 मामलों में चिदंबरम के साथ उनकी पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति और बहू भी आरोपी हैं। बेटे कार्ति जमानत पर रिहा हैं। चिदंबरम के ऊपर सिर्फ आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस के मामले ही नहीं चल रहे हैं. ईडी के अधिकारी इसी तरह के 4 दूसरे मामले भी देख रहे हैं. ईडी को संदेह है कि वित्तमंत्री रहते हुए पी चिदंबरम ने 4 कंपनियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया. फ़र्स्टपोस्ट को मिली जानकारी के मुताबिक ईडी डियागो स्कॉटलैंड, कटारा होल्डिंग्स, एस्सार स्टील लिमिटेड और एलफोर्ज लिमिटेड को फायदा पहुंचाने में पी चिदंबरम के रोल को खंगाला जा रहा है.

ईडी ने चिदंबरम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच का दायरा बढ़ा दिया है। जांच एजेंसी को संदेह है कि आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस के अलावा 4 और कारोबारी सौदों में कथित अवैध एफआईपीबी मंजूरी देने में चिदंबरम की भूमिका संदिग्ध है। साथ ही, कई शेल कंपनियों के मार्फत करोड़ों रुपए की रिश्वत ली थी। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। ये 4 मामले डियाजियो स्कॉटलैंड लिमिटेड, कटारा होल्डिंग्स, एस्सार स्टील लिमिटेड और एलफोर्ज लिमिडेट से संबद्ध हैं।

 

एजेंसी की जांच में पाया गया है कि पिता-पुत्र द्वारा ली गई रिश्वत की राशि का इस्तेमाल उनके व्यक्तिगत खर्चों में, विदेशों में दो दर्जन से अधिक खाते खोलने और उनमें पैसे जमा करने तथा मलेशिया, ब्रिटेन, स्पेन सहित अन्य देशों में अचल संपत्ति खरीदने में किया गया। कार्ति से जुड़ी एक कंपनी को एक ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड स्थित कंपनी से भारी रकम भुगतान हुआ। इस बीवीआई का जिक्र पनामा पेपर में भी हुआ था।

शेल कंपनियों में डाली गई घूस की रकम
ईडी को शक है कि इन कंपनियों को गलत तरीके से एफआईपीबी का अप्रूवल दिया गया. इसके एवज में कुछ शेल कंपनियों के जरिए चिदंबरम को बड़ी रकम मिली. बताया जा रहा है कि वो शेल कंपनियां कार्ति चिदंबरम अपने कुछ कर्मचारियों और बिजनेस एसोसिएट्स के नाम पर चला रहे थे.

ईडी इस बात की भी जांच कर रही है कि घूस की रकम कहां निवेश की गई. ईडी मनी लाउंड्रिंग की भी जांच कर रही है. ईडी एयरसेल मैक्सिस डील में मनी लाउंड्रिंग के मामले की भी जानकारी इकट्ठा कर रही है. चिदंबरम पर आरोप है कि वो इस मामले की जानकारी जानबूझकर छिपा रहे हैं.

एक शेल कंपनी में 300 करोड़ डाले जाने के सबूत
सूत्रों के मुताबिक, जांच में इस बात का पता चला है कि देश और विदेश में चल रही कार्ति चिदंबरम की शेल कंपनियों में घूस की रकम डाली गई थी. घूस की रकम चिदंबरम को गलत तरीके से कंपनियों को फायदा पहुंचाने के एवज में मिली थी. इसी तरह की एक शेल कंपनी में 300 करोड़ डाले जाने के सबूत मिले हैं. ईडी की जांच में पता चला है कि ये शेल कंपनियां कार्ति और पी चिदंबरम चला रहे थे.

चिदंबरम की पोती के नाम ट्रांसफर किए शेल कंपनी के शेयर्स
ईडी ने कहा है कि इनदोनों की मुख्य शेल कंपनी के शेयर होल्डर्स और डायरेक्टर्स ने सारे शेयर्स पी चिदंबरम की पोती के नाम कर दिए. शेयर होल्डिंग ट्रांसफर के वसीयत में मुख्त तौर पर कार्ति चिदंबरम का नाम था. एक शेल कंपनी को ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड से पैसे ट्रांसफर किए गए थे. ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड को टैक्स हेवेन माना जाता है.

चिदंबरम के विदेशों में दर्जनों बैंक अकाउंट्स- सूत्र
ईडी ने अपनी जांच में इस बात का भी खुलासा किया है कि इन शेल कंपनियों को जो पैसे मिले, उन पैसों को पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने निजी जरूरतों के लिए इस्तेमाल किए. जांच एजेंसी के मुताबिक, पिता-पुत्र की जोड़ी ने विदेशों में एक दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट खोल रखे हैं. दोनों ने मलेशिया, यूके और स्पेन में कई तरह की अचल संपत्ति में निवेश किया हुआ है.

पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के आवास और दफ्तर से इन मामलों से जुड़े कई दस्तावेज और ई-मेल सीज किए गए हैं. ईडी के अधिकारियों का कहना है कि दोनों ने जांच में सहयोग नहीं किया है. दोनों विदेशों में अपनी संपत्ति और बैंक अकाउंट्स की जानकारी छिपा रहे हैं.

p chidambaram arressted by cbi in inx media case ed investigate four others fipb approvals made by former finance minister


इन मामलों में पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम पर लग चुके हैं गंभीर आरोप

 

  • आईएनएक्स मीडिया: चिदंबरम पर पहला बड़ा आरोप आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को 305 करोड़ रु. के विदेशी फंड लेने के लिए एफआईपीबी की मंजूरी में घपले का है। मामला, 2007 का है। तब चिदंबरम वित्त मंत्री थे। वो जांच एजेंसियों के रडार पर तब आए जब आईएनएक्स की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी से ईडी ने पूछताछ की। इंद्राणी ने बताया कि चिदंबरम ने डील के बदले बेटे कार्ति को विदेशी धन के मामले में मदद करने की बात कही थी।
  • सारदा चिटफंड में 1.4 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप : चिदंबरम की पत्नी नलिनी के खिलाफ सीबीआई सारदा चिटफंड घोटाले में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। उन पर 1.4 करोड़ रु. की रिश्वत लेने का आरोप है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी रोकी।
  • काला धन मामला में पत्नी, बेटे और बहू भी आरोपी हैं: चिदंबरम, पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति, बहू श्रीनिधि पर काला धन मामले में कर अधिनियम- 2015 के तहत आरोप है। मद्रास हाईकोर्ट ने 2018 में आईटी विभाग द्वारा केस चलाने के आदेश रद्द कर दिए थे।
  • एयरसेल-मैक्सिस सौदा में 3500 करोड़ रुपए की डील अकेले ही पास कर दी  : दूसरा मामला, एयरसेल-मैक्सिस के बीच 3500 करोड़ रु. के सौदे से जुड़ा है। इसमें सीबीआई जांच कर रही है। 2006 में मैक्सिस ने एयरसेल में 100% हिस्सेदारी ली थी। चिदंबरम तब वित्त मंत्री थे। 2जी से जुड़े इस केस में चिदंबरम पर हवाला केस दर्ज है। विदेशी निवेश को स्वीकृति देने की वित्त मंत्री की सीमा महज 600 करोड़ है, फिर भी 3500 करोड़ की डील कैबिनेट समिति की इजाजत के बिना पास कर दी।
  • एविएशन घोटाला में 1250 करोड़ के लाभ का आरोप : ईडी ने चिदंबरम को एविएशन घोटाले के आरोप में 23 अगस्त को पूछताछ के लिए समन भेजा है। इसमें 2007 में चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 111 यात्री विमान खरीद में घोटाले की जांच चल रही है।
  • इशरत जहां केस में हलफनामे में छेड़छाड़ का आरोप  : चिदंबरम के खिलाफ इशरत जहां मामले से जुड़े एक हलफनामे में छेड़छाड़ करने से जुड़ी शिकायत दिल्ली पुलिस में लंबित है। आरोप है कि जब हलफनामे में छेड़छाड़ की गई थी, तब चिदंबरम गृह मंत्री थे।
  • सीबीआई 1161 लोगों के खिलाफ जांच कर रही, इनमें 115 नेता शामिल : सीबीआई जून 2017 तक 14 बड़े नेताओं के खिलाफ जांच कर रही थी। इनमें चिदंबरम के अलावा हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत, लालू यादव जैसे नाम हैं। तब सीबीआई के पास 6414 केस अंडर ट्रायल थे। इनमें से 115 नेताओं पर थे। भ्रष्टाचार से जुड़े 339 केस 1161 लोगों के खिलाफ चल रहे थे।

कांग्रेस बोली- चिदंबरम के बहाने असल मुद्दों से ध्यान भटका रही मोदी सरकार

चिदंबरम की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

पूर्व वित्त और गृह मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने गुरुवार को मोदी सरकार को जमकर घेरा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर हुई कार्रवाई को दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या करार दिया. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि चिदंबरम की गिरफ्तारी से दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. बेटी की हत्या के एक आरोपी के बयान के आधार पर केस बनाया गया.

कांग्रेस की ओर से रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 2 दिन से भारत इस बात का गवाह बना कि किस तरह से दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या की गई और सरकार ने सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल करते हुए राजनीतिक बदला लेने की कोशिश की. चिदंबरम के खिलाफ जिस तरह की कार्रवाई की गई वो राजनीतिक बदले को दिखाता है.

हम चिदंबरम के साथ खड़ेः रणदीप

कांग्रेस नेता रणदीप ने चिदंबरम के साथ खड़े होने की बात करते हुए कहा कि हम चिदंबरम के साथ खड़े हैं. चिदंबरम पर हो रही कार्रवाई राजनीति प्रतिशोध के अलावा कुछ और नहीं है. हम देख रहे हैं कि देश की अर्थव्यवस्था चौंकाने वाली हो गई है. इंडस्ट्रीज बंद हो रहे हैं और लोगों की नौकरियां जा रही हैं. लोगों का इन मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. बेटी की हत्या की आरोपी को सरकारी गवाह बनाकर केस बनाया गया.

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पी चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा कि वह देश के सम्मानित अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ हैं. सुप्रीम कोर्ट में वकील रहे हैं. उन्होंने जांच के दौरान कुछ भी नहीं छुपाया. बीजेपी सरकार की ओर से दुश्मनी का माहौल बनाया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के कोई सबूत नहीं हैं. जिन लोगों पर अपराध करने के आरोप लगे हैं वो सुरक्षा के साये में स्वतंत्र घूम रहे हैं. जिस शख्स ने 40 साल देश की सेवा की आज उसे कानून से भागने वाला साबित करने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने आगे कहा कि कार्ति चिदंबरम के घर पर 4 बार छापा मारा गया और उन्हें जेल भी ले जाया गया. अब वह जमानत पर बाहर हैं. कार्ति ने जांच एजेसिंयों के साथ 20 बार सहयोग किया और जब भी समन मिला वो पेश भी हुए.


 

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