घरेलू उड़ानों के टिकटों लिए सरकार ने बनाए 7 स्लैब, 2000 से 18,600 के बीच होगा किराया
घरेलू उड़ानों के टिकटों लिए सरकार ने बनाए 7 स्लैब, 2000 से 18,600 के बीच होगा किराया
फ्लाइट के रूट को समय के आधार पर 7 कैटेगरी में बांटा
कैटेगरी | उड़ान की अवधि | लोअर प्राइस लिमिट | अपर प्राइस लिमिट |
1 | 40 मिनट से कम की उड़ान | 2000 रु. | 6000 रु. |
2 | 40-60 मिनट की उड़ान | 2500 रु. | 7500 रु. |
3 | 60-90 मिनट की उड़ान | 3000 रु. | 9000 रु. |
4 | 90-120 मिनट की उड़ान | 3500 रु. | 10 हजार रु. |
5 | 120-150 मिनट की उड़ान | 4500 रु. | 13 हजार रु. |
6 | 150-180 मिनट की उड़ान | 5500 रु. | 15 हजार 700 रु. |
7 | 180-210 मिनट की उड़ान | 6500 रु. | 18 हजार 600 रु. |
40% सीटें सस्ते में मिलेंगी
पुरी के साथ मौजूद रहे सिविल एविएशन सेकेट्री प्रदीप सिंह खरौला ने बताया कि 40% सीटें प्राइस बैंड के मिडपॉइंट के कम प्राइस पर बेची जाएंगी। उन्होंने उदाहरण दिया कि 3 हजार 500 रुपए से 10 हजार रुपए के प्राइस बैंड का मिडपॉइंट 6 हजार 700 रुपए होता है। यानी इस प्राइस बैंड में 40% सीटें 6 हजार 700 रुपए से कम प्राइस पर बुक करनी होंगी।
मिडिल सीट भी बुक होगी
पुरी ने बताया शुरुआत में एक तिहाई फ्लाइट ही ऑपरेट की जाएंगी। एक बार शुरुआत करने के बाद 4-5 दिन देखेंगे, हालात सही लगे तो 10-15 फीसदी और बढ़ा देंगे। दो यात्रियों के बीच की सीट खाली रखेंगे तो भी सोशल डिस्टेंसिंग लागू नहीं हो पाएगी, इसलिए एयरलाइंस को मिडिल सीट बुक करने की परमिशन होगी।
वंदे भारत मिशन के जरिए 17 दिन में 20 हजार भारतीयों को वापस लाए
पुरी ने कहा कि 5 मई को वंदे भारत मिशन की शुरुआत हुई और इसके तहत अब तक 20 हजार भारतीयों को लाया गया है। आज 21 मई है और सच्चाई ये है कि हम स्थितियों को सामान्य करने और नई शुरुआत करने के मामले में पहले से ज्यादा आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। हम अभी भी विदेशों में फंसे उन भारतीयों को वापस लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, जो तनाव और मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। यही वंदे भारत मिशन का उद्देश्य है। बीते दो हफ्ते में हम वंदे भारत मिशन में तेजी लाए। इसके तहत लाने वाले लोगों की संख्या दोगुनी की, इसे और बढ़ाने का प्लान है।