नई दिल्ली. सरकार की योजना अलीबाबा जैसा मार्केटप्लेस बनाने के लिए एक पोर्टल विकसित करने की है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस तरह के पोर्टल पर देश के एमएसएमई क्षेत्र के सभी अंशधारक मांग और आपूर्ति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। एमएसएमई सचिव अरुण कुमार पांडा ने कहा कि इस बारे में बातचीत अभी शुरू हुई है। यहां एक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को देश के एमएसएमई क्षेत्र की वृद्धि को सुनिश्चित कर ही हासिल किया जा सकता है। सरकार अलीबाबा की तरह एक पोर्टल बनाने पर विचार कर रही है, ताकि एमएसएमई को बड़ा और खुला बाजार मिल सके। इस पोर्टल पर उपभोक्ता अपनी पसंदीदा वस्तु को खरीद सकेंगे।
इस तरह के पोर्टल पर देश के एमएसएमई क्षेत्र के सभी अंशधारक मांग और आपूर्ति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस बीच, एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि सरकार की विश्व बैंक,एशियाई विकास बैंक और केएफडब्ल्यू विकास बैंक के साथ बातचीत चल रही है कि वे देश के एमएसएमई क्षेत्र में कैसे अधिक निवेश कर सकते है।
गडकरी ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि आने वाले कुछ सालों में एमएसएमई का देश की जीडीपी में 50% योगदान रहे, जो कि वर्तमान में 29% है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस सेक्टर 15 करोड़ से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिले। वर्तमान में इस सेक्टर में 11.1 करोड़ लोग कार्यरत हैं।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘इस सेक्टर में युवाओं के भागीदार होने के साथ रिसर्च और नए प्रयोगों की बेहद जरूरत है। हमें विकास के लिए वैश्विक स्तर पर विकसित नई तकनीकों को भी इस सेक्टर में शामिल करना होगा।’’
गडकरी ने कहा, ‘‘हम एक नई वेबसाइट बनाने के बारे में विचार कर रहे हैं, जहां युवा अपने सुझाव, नए विचार और आविष्कार सरकार के सामने रख सकें। हम एक ऐसे बैंक का विकास करेंगे, जहां नए उद्यमियों को मदद मिलेगी।’’कार्यक्रम में गडकरी के साथ एमएसएमई के राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी भी उपस्थित रहे। एमएसएमई सचिव अरुण कुमार पांडा ने कहा कि अलीबाबा की तर्ज पर पोर्टल बनाने को लेकर बातचीत शुरू हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर (करीब 345 लाख करोड़ रुपए) के पार हो। मोदी का यह सपना तभी पूरा होगा, जब हम सब मिलकर इन सभी छोटे-बड़े उद्योगों एमएसएमई को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दें और मिलकर काम करें।’’