केंद्रीय मंत्रालय का सलाहकार बन दंपती ने आसाराम की जमानत के लिए किया था 50 लाख में सौदा, गिरफ्तार

दंपती खुद को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय का मुख्य सलाहकार बताकर रौब झाड़ता था,आरोपियों ने नौकरी दिलाने से लेकर जमानत कराने तक के नाम पर करोड़ों रुपए ठगे, आरोपियों ने 7 महीने में 4 बार जोधपुर जेल में बंद आसाराम से मुलाकात की थी

जयपुर. राजस्थान पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर युवाओं से करोड़ों रुपए ठगने वाले दंपती को गिरफ्तार किया है। पति-पत्नी खुद को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय का मुख्य सलाहकार बताकर लोगों को झांसे में लेते थे। इतना ही नहीं उन्होंने दुष्कर्म केस में सजा काट रहे आसाराम को पैरोल और जमानत के लिए 50 लाख रुपए में सौदा भी कर रखा था। आरोपी पति ने 7 महीने में चार बार जोधपुर जेल में आसाराम से मुलाकात की बात कही है।
आसाराम का पैरोल दिलाने के नाम पर करने वाले थे शिकार, गिरफ्तार फिल्म सेंसर बोर्ड की सदस्या का खुलासा
एसओजी एएसपी करण शर्मा के मुताबिक, फर्जीवाड़े के आरोपी नितिन और शिखा गुप्ता ने पूछताछ में अहम खुलासे किए हैं। उनके करीब 8 बैंक खातों और कॉल डिलेट की पड़ताल हो रही है, ताकि ठगी की रकम और पीड़ितों के बारे में जानकारी मिल सके। नितिन आसाराम के एक वकील के संपर्क में था। दंपती ने सुपरिंटेंडेंट को रौब दिखाकर जेल में आसाराम से मुलाकात की थी। नितिन ने कहा है कि आसाराम जमानत के एवज में 50 लाख रुपए देने को तैयार था।
रसूख बताया- मेरी कई नेताओं से जान-पहचान है

नितिन ने एसओजी अफसरों को बताया कि वह अलीगढ़ के पास स्थित अचरोली का रहने वाला है। उसके पिता गांव के इंटर स्कूल में प्रिंसिपल थे। इसी स्कूल में एक टीचर थे जो वर्तमान में राजस्थान में उच्च पद पर तैनात हैं। नितिन ने उन्हीं का नाम लेकर आसाराम की जमानत कराने की बात कही थी। आरोपी दंपती की कॉल डिटेल खंलाली जा रही हैं। ताकि पता चल सके कि वे कौन से अफसर और नेताओं के करीबी हैं।

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गिड़गिड़ाया- एक फोन कर लेने दो, रुपए लौटा दूंगा
ठग दंपती की गिरफ्तारी के बाद एसओजी ने जैसे ही आरोपियों से पूछताछ की तो आरोपी नितिन ने पुलिस अफसरों को कहा कि मुझे केवल एक फोन कर लेने दीजिए। जिसने भी मामला दर्ज कराया है उसके सारे रुपए लौटा दूंगा।

दावा- उपराष्ट्रपति ऑफिस के पीएस की सिफारिश से कमेटी में शामिल हुआ
जांच में पता चला है कि नितिन उत्तर-पश्चिम रेलवे की जोनल रेलवे यूजर कंसलटेंट कमेटी का सदस्य है। यह कमेटी रेलवे के द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की निगरानी करती है। नितिन चार महीने पहले कमेटी में शामिल हुआ था। पूछताछ में उसने दावा किया है कि कमेटी की सदस्यता के लिए उपराष्ट्रपति कार्यालय में तैनात एक पीएस ने उसकी सिफारिश की थी।

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