कांग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम पर नहीं बन रही सहमति, अब इस दिन हो सकता है फैसला

कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कार्यसमिति की बैठक बुलाने का मामला 22 जुलाई तक टल गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का सुझाव, महासचिवों को चुनाव में जाने वाले राज्यों के बारे में फैसले लेने का अधिकार दे दिए जाए.

नई दिल्ली। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में नए अध्यक्ष को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. माना जा रहा है कि अब संसद के बजट सत्र के बाद ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कोई फैसला हो पाएगा. फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कार्यसमिति की बैठक 22 जुलाई तक टल गई है.

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सुझाए कई विकल्प

सूत्रों के मुताबिक, अध्यक्ष के लिए किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाने की सूरत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कई अन्य विकल्प भी सुझाए हैं. इसके तहत कार्यसमिति की बैठक बुलाकर राहुल का इस्तीफा मंजूर किया जाए. इसके बाद महासचिवों को चुनाव में जाने वाले राज्यों के बारे में फैसले लेने का अधिकार दे दिए जाए. साथ ही कार्यसमिति संगठन के चुनाव कराने को मंजूरी दे दे.

फिलहाल महासचिव देखेंगे राज्यों का कामकाज
इससे छह महीने के भीतर पार्टी के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने पर नया अध्यक्ष और नई कार्यसमिति मिल जाएगी. तब तक महासचिव अपने-अपने राज्यों का काम देखते रहें. बता दें कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राहुल को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की भरसक कोशिश की, लेकिन वह अड़े रहे. उन्होंने इस्तीफा वापस नहीं लिया.

21 साल बाद नेहरू-गांधी परिवार के इतर होगा अध्यक्ष
राहुल गांधी ने त्यागपत्र सार्वजनिक कर सभी संभावनाओं को भी खत्म कर दिया. इस्तीफे के साथ कांग्रेस को ‘गांधी परिवार’ से मुक्त रखने की दिशा में भी कदम बढ़ा दिया है. राहुल के इस फैसले के साथ ही तय हो गया कि 21 साल बाद कांग्रेस की कमान फिर नेहरू-गांधी परिवार से बाहर किसी नेता के हाथ में होगी. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बाद ‘गांधी परिवार’ से सोनिया गांधी 1998 में अध्यक्ष बनीं. वह 2017 तक पद पर रहीं. इस दौरान कांग्रेस 10 साल तक केंद्र की सत्ता पर काबिज रही.

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