कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मिला चीनी प्रतिनिधिमंडल

भारत आए चीन के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से मुलाकात की. इससे पहले इस प्रतिनिधिमंडल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद से मुलाकात की.

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने गुरुवार को चीनी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. इससे पहले इस प्रतिनिधिमंडल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद से मुलाकात की थी. चीन का आठ सदस्यीय यह प्रतिनिधिमंडल ली शी के नेतृत्व में दिल्ली आया हुआ है. ली शी चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के पोलितब्यूरो के भी सदस्य हैं.

कांग्रेस पार्टी के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया, ‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने चीनी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ली शी कर रहे हैं. वो चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी के पोलिटिकल ब्यूरो के सदस्य भी हैं.’

इससे पहले चीनी प्रतिनिधिमंडल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद से मुलाकात की. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने भारत-चीन के आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा की. विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘गुरुवार को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पोलितब्यूरो के सदस्य और गुआंग्डोंग प्रांत के सेक्रेटरी ली शी से मुलाकात की. इस दौरान भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई. इस दरम्यान अपील की गई कि भारत-चीन के बीच आर्थिक संबंधों को संतुलित बनाने के लिए गुआंग्डोंग नेतृत्व करे.’

आपको बता दें कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का पोलितब्यूरो सबसे ज्यादा प्रभावशाली होता है यानी पोलितब्यूरो के सदस्य ही पूरी पार्टी और सरकार को चलाते हैं. चीनी प्रतिनिधिमंडल का भारत दौरा उस समय सामने आया है, जब चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर चल रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है. इसको लेकर चीन ने जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.

अमेरिका और चीन में जारी ट्रेड वॉर के बीच हाल ही में चीनी मीडिया ने कहा था कि दोनों देशों के बीच जारी ट्रेड वॉर का भारत को फायदा उठाना चाहिए. इसके लिए भारत को चीन के साथ व्यापार बढ़ाना चाहिए.

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के लेख में कहा गया था, ‘भारत से चीन में कृषि और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद की निर्यात की पूरी संभावना का दोहन नहीं हो पाया है. चीन और अमेरिका में ट्रेड वॉर बढ़ा तो ऐसी कई वस्तुओं से अमेरिकी आयात पर चीन जवाबी टैरिफ लगा सकता है. चीन अमेरिका द्वारा एकतरफा टैरिफ लगाने की किसी भी संभावित नुकसान से अपने को बचाने के लिए पूरी तरह तैयार है. यदि ट्रेड वॉर की वजह से कृषि उत्पादों की आपूर्ति में कमी आती है तो यह मेक इन इंडिया उत्पादों के लिए अवसर होगा.’

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