कर्नाटक: कुमारस्वामी सरकार की विदाई तय! राज्यपाल बोले- आप खो चुके हैं बहुमत

मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में राज्यपाल ने कहा है कि आपकी सरकार बहुमत खो चुकी है. आप सिर्फ फ्लोर टेस्ट टालने के लिए बहस को अंजाम दे रहे हैं., विधानसभा उपाध्यक्ष कृष्णा रेड्डी ने कांग्रेस सदस्यों द्वारा भारतीय जनता के खिलाफ की जा रही नारेबाजी के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

0 863,666

कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार की विदाई लगभग तय हो गई है. राज्यपाल वजुभाई वाला ने लगातार दूसरे दिन राज्य सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है. इस बीच मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में राज्यपाल ने कहा है कि आपकी सरकार बहुमत खो चुकी है. आप सिर्फ फ्लोर टेस्ट टालने के लिए लंबी बहस को अंजाम दे रहे हैं. गौरतलब है कि राज्यपाल ने कुमारस्वामी सरकार को शुक्रवार शाम 6 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है.

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को लिखी गई चिट्ठी में राज्यपाल ने लिखा है कि मैं पहले ही कह चुका हूं कि आपके पास बहुमत नहीं है और आप फ्लोर टेस्ट टालने के लिए बहस को बढ़ा रहे हैं. मुझे लगातार इस तरह की रिपोर्ट्स आ रही हैं कि अभी विधायकों की खरीद-फरोक्त हो रही है. ऐसे में मेरी आपसे मांग है कि आप जल्द से जल्द विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करें.

राज्यपाल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया था. लेकिन, स्पीकर और सरकार ने शुक्रवार को ऐसा नहीं होने दिया. इसी के बाद स्पीकर ने शाम 6 बजे तक का समय दिया.

कर्नाटक की राजनीति में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो सका है. गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा पेश किए गए विश्वास मत के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. हालांकि राज्यपाल ने कुमारस्वामी से कहा है कि वह आज दोपहर 1.30 तक बहुमत साबित करें.

राज्यपाल की इस दूसरी चिट्ठी पर मुख्यमंत्री ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि मेरे पास राज्यपाल की तरफ से दूसरा लव लेटर आया है, जिसमें वह हमारी सरकार पर विधायकों की खरीद-फरोक्त का आरोप लगा रहे हैं. कुमारस्वामी ने बताया कि अब राज्यपाल कह रहे हैं कि होर्स ट्रेडिंग हो रही है जो विधानसभा के लिए ठीक नहीं है.

गौरतलब है कि अगर 16 बागी विधायक विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट का हिस्सा नहीं होते हैं तो कुमारस्वामी की सरकार अल्पमत में आ जाएगी. ऐसी स्थिति में कांग्रेस-जेडीएस के पास 100 और भारतीय जनता पार्टी के पास 105 विधायकों की संख्या होगी. बीजेपी भी यही आरोप जेडीएस-कांग्रेस पर लगा रही है. बीजेपी का कहना है कि सरकार बहस को जानबूझ कर बढ़ा रही है.

वहीं दूसरी ओर सिद्धारमैया की ओर से भी कहा गया है कि अभी उनकी तरफ से 20 लोग विधानसभा में बोलने वाले वक्ता बचे हैं, इसलिए बहस पूरी होने के बाद ही फ्लोर टेस्ट होगा. यानी फ्लोर टेस्ट सोमवार के लिए टाला जा सकता है. राज्यपाल के आदेश के खिलाफ कांग्रेस और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं.

 

विधानसभा उपाध्यक्ष कृष्णा रेड्डी ने कांग्रेस सदस्यों द्वारा भारतीय जनता के खिलाफ की जा रही नारेबाजी के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी. हालांकि उस वक्त तक सदन में कुमारस्वामी की ओर से विश्वास मत पर उनका बात रखी जानी बाकी थी. सदन की कार्यवाही में गुरुवार को 20 विधायक नहीं पहुंचे. इनमें 17 सत्तारूढ़ गठबंधन के हैं. बागी विधायकों में से 12 फिलहाल मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं.

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में विधान सौदा में कहा कि जब तक हमें सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश पर स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता, तब तक उस सत्र में फ्लोर टेस्ट लेना उचित नहीं है जो संविधान के खिलाफ है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया है कि हम 101 प्रतिशत आश्वस्त हैं. वे 100 से कम हैं, हम 105 हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनकी हार होगी.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को कहा था कि आज मैं इसलिए नहीं आया हूं कि ये सवाल उठ रहा है कि मैं गठबंधन सरकार चला सकता हूं या नहीं. बल्कि मैं इसलिए यहां पर हूं क्योंकि विधानसभा स्पीकर पर भी दबाव बनाया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट जाएगी बीजेपी और कांग्रेस
कर्नाटक मामले पर बीजेपी और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. बीजेपी अपनी याचिका में कोर्ट से स्पीकर को फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग करेगी. वहीं कांग्रेस ये स्पष्टीकरण मांगेगी कि क्या पार्टी द्वारा जारी किया हुआ व्हिप 15 विधायक मानने के लिए बाध्य हैं या नहीं. दरअसल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 15 विधायकों को बाध्य नहीं किया जा सकता कि वो विधानसभा सत्र में भाग लें. कांग्रेस पूछेगी कि क्या 15 विधायक व्हिप मनाने के लिए बाध्य हैं या नहीं? क्योंकि व्हिप पार्टी का है न कि स्पीकर का.

 

बेडशीट के साथ पहुंचे बीजेपी विधायक
बीजेपी विधायक प्रभु चव्हाण विधानसभा में बेडशीट और तकिये के साथ पहुंचे. बता दें कि फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर बीजेपी विधायक सदन में ही डटे हुए हैं.

 

सदन में कांग्रेस-जेडीएस के 98 विधायक थे:येदियुरप्पा
येदियुरप्पा ने कहा कि हमने अविश्वास प्रस्ताव लाया था. लेकिन स्पीकर ने कहा कि सीएम ने प्रस्ताव लाया है. हमने कहा ठीक है, आप विश्वास प्रस्ताव ले लीजिए. विश्वास प्रस्ताव को लाया गया और वे 15 मिनट तक बोले. फिर वे (कांग्रेस और जेडीएस) गैरजरूरी मुद्दों पर चर्चा किए. कांग्रेस-जेडीएस को मिलाकर आज 98 विधायक थे. भाजपा 105 थी. लोकतंत्र आज क्षतिग्रस्त हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि 15 विधायक तय कर सकते हैं कि उन्हें सत्र में आना है या नहीं. कांग्रेस को व्हिप देने दीजिए, हमें कोई समस्या नहीं है.
विधानसभा में ही डटे बीजेपी के विधायक
विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद बीजेपी के विधायक सदन में ही डटे हुए हैं.

 

बीजेपी नेता पर श्रीमंत पाटिल के अपहरण का आरोप

कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा में आरोप लगाया कि उसके विधायक श्रीमंत पाटिल को गठबंधन सरकार गिराने के प्रयासों के तहत अगवा कर लिया गया है।कांग्रेस ने कहा कि पार्टी विधायकों के साथ एक रिजॉर्ट में होने के बाद पाटिल अचानक गायब हो गए और उसके बाद से वह किसी से संपर्क में नहीं हैं। विधानसभा में जब मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई तब वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार ने आरोप लगाया कि पाटिल को अगवा करके मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पाटिल का एक फोटोग्राफ सामने आया है जिसमें वह एक अस्पताल में लेटे और ईसीजी से जुड़ी जांच कराते दिख रहे हैं। इस मुद्दे को उठाते हुए शिवकुमार ने कहा,‘‘मैं हाथ जोड़ कर अध्यक्ष से अपील करता हूं कि मेरे पार्टी के विधायकों को अगवा किया गया है। मुझे परिजन का कॉल आया था। महोदय मैं चाहता हूं कि आप उन्हें वापस लाएं। हम पुलिस संरक्षण चाहते हैं।’’

येदियुरप्पा का हेल्थ चेकअप करते डॉक्टर

कांग्रेस विधायकों ने एक स्वर में कहा कि विधायक डर के साए में रह रहे हैं। पाटिल को अगवा किया गया, एक कमरे में रखा गया,उन्हें विशेष विमान से ले जा कर एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। शिवकुमार ने कहा कि वे ऐसे कागजात दिखा सकते हैं, जिनसे साबित हो सकता है कि पाटिल को विधानसभा में आने से रोकने के लिए उन्हें जबर्दस्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

 

विधानसभा में खाना खाते बीजेपी विधायक

कांग्रेस के राज्य इकाई के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने आरोप लगाया कि पाटिल बुधवार तक उनके साथ थे और वह एक बैठक में भी शामिल हुए। तक तक उनका स्वास्थ्य ठीक था। अचानक वे उस रिजॉट से लापता हो गए जहां उनके पार्टी के अन्य विधायक रह रहे थे।

राव ने कहा,‘‘जब हमने उन्हें तलाशने की कोशिश की तो वह हमें नहीं मिले । उनका स्वास्थ्य अच्छा था लेकिन भाजपा का नाटक देखो।’’ उनकी इस टिप्पणी से भाजपा के विधायक शोरगुल मचाने लगे। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस हुई। अफरा तफरी के इस माहौल में कुमारस्वामी ने कहा,‘‘पाटिल के मामले में आपको बताना चाहिए कि उनकी फोटो व्हाट्सएप पर किसने भेजी।

उनके साथ कौन विमान में यात्रा कर रहा था। विधायकों की रक्षा करना अध्यक्ष की जिम्मेदारी है क्योंकि मतदान में संख्या का महत्व है।’’ इस पर भाजपा के सी टी रवि ने कहा कि पाटिल कांग्रेस सदस्यों की हिरासत में है और संख्या कम होने के कारण वह उनकी पार्टी पर आरोप लगा रहे हैं।

घटनाक्रम से परेशान अध्यक्ष ने कहा,‘‘क्या मैं आंख पर पट्टी बांध लूं और कहूं कि मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है? हम किस ओर जा रहे हैं?’’ उन्होंने सदन को बताया कि उन्हें कथित तौर पर पाटिल का एक पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि उन्हें सीने में दर्द है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह पत्र किसी लेटरहेड पर नहीं है।

अध्यक्ष ने कहा,‘‘मेरे सामने जो साक्ष्य हैं वह सामान्य नहीं हैं….मैं परेशान हूं।’’ उन्होंने राज्य के गृह मंत्री एम बी पाटिल से मंत्री के परिजन से संपर्क करने,उनकी हालत के बारे में जानने और वापस अध्यक्ष को जानकारी देने को कहा ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.