कर्नाटक राज्य के जेडीएस प्रमुख ने पद छोड़ा, कहा- कुमारस्वामी पर ‘दोस्तों’ ने सितम किया

कर्नाटक जेडीएस चीफ विश्वनाथ ने इस्तीफे के बाद कहा- भाजपा में शामिल नहीं हो रहा विश्वनाथ ने कहा- लोकसभा चुनाव में देवेगौड़ा को तुमकुर से लड़ाना साजिश थी

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बेंगलुरु. कर्नाटक जनता दल एस के अध्यक्ष एएच विश्वनाथ ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए यह फैसला लिया। उन्होंने राज्य की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कुमारस्वामी से हमदर्दी जताते हुए कहा कि वे खराब स्वास्थ्य और दोस्तों के सितम के बावजूद सरकार चला रहे हैं।

बताया जा रहा है कि विश्वनाथ ने यह कदम इसलिए उठाया, क्योंकि पार्टी में अहम मुद्दों को लेकर उन्हें विश्वास में नहीं लिया जा रहा था और साइड लाइन कर दिया गया था। हालांकि उन्होंने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया। लोकसभा चुनाव में जेडीएस और कांग्रेस को एक-एक सीट मिली। वहीं भाजपा ने 25 सीटें जीतीं। भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवार सुमनलता अंबरीश को समर्थन दिया था, जिन्होंने मांड्या से चुनाव जीता।

सिद्धारमैया की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
गठबंधन सरकार को लेकर विश्वनाथ की हाल ही में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया से मतभेद भी सामने आए थे। विश्वनाथ ने गठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष के तौर पर सिद्धारमैया की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे और दोनों सहयोगियों के लिए साझा एजेंडा ना तैयार करने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने इस्तीफा देने के बाद कहा- सरकार गठन के एक साल बाद भी सिद्धारमैया सरकार के सुचारु संचालन के लिए एजेंडा तैयार नहीं कर रहे हैं। सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव गठबंधन समिति का हिस्सा नहीं रहे।

जेडीएस सुप्रीमो के खिलाफ साजिश रची गई- विश्वनाथ
विश्वनाथ ने कहा- जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा के खिलाफ साजिश रची गई। उन्हें तुमकुर से चुनाव लड़ाया गया और वे हार गए। मैंने जेडीएस प्रमुख को लिख पत्र में जिक्र किया था कि किस तरह से यह साजिश रची गई। राजनीति में विश्वास आवश्यक है। राज्य और देश के लिए योगदान देने वाले देवेगौड़ा जैसे नेता को भरोसा मिलना चाहिए था, लेकिन चुनाव में उनके साथ धोखा किया गया।

“मंत्री पद का ऑफर हुआ तो ठुकराऊंगा नहीं’
उन्होंने कहा, “एक-दो चीजों को छोड़कर कुछ खास हासिल नहीं हो रहा था। ऐसे में यह बेहद जरूरी था कि पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मैं अपनी निराशा जाहिर करूं। गठबंधन सरकार चलाने के लिए कुमारस्वामी के साथ मेरी सहानुभूति है। अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों और दोस्तों से मिले सितम के बावजूद वे सरकार चला रहे हैं।

विश्वनाथ ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी मंत्री बनने की कोई चाहत नहीं है। लेकिन, साथ ही यह भी कहा कि अगर उन्हें ऐसी कोई पोजिशन ऑफर की जाती है तो वे उसे ठुकराएंगे नहीं। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार को कार्यकाल पूरा करना चाहिए और जेडीएस के सरकार से बाहर आने का सवाल ही नहीं उठता है।

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