कर्नाटक: मान मनौव्वल में जुटे कुमारस्वामी, गिर सकता है कांग्रेस का एक और विकेट

कर्नाटक में कांग्रेस-JDS सरकार कभी भी अल्पमत में आ सकती है. बीजेपी कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिराने में सिर्फ एक कदम दूर है. मतलब एक सरकार खेमे का एक विधायक इस्तीफा देता है तो सरकार गिर जाएगी. कर्नाटक सरकार के मंत्री डीके शिवकुमार ने सरकार पर संकट की तमाम खबरों के बीच कहा है कि सभी विधायक वापस आ जाएंगे और सरकार पर कोई खतरा नहीं होगा.

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  • कर्नाटक में सियासी हलचल तेज, कांग्रेस-जेडीएस के 13 विधायकों ने दिया इस्तीफा
  • कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल और सिद्धारमैया नाराज विधायकों को मनाने में जुटे 
  • हलचल के बीच CM कुमारस्वामी बेंगलुरु रवाना, अभी 106 विधायक साथ
  • अभी तक 13 विधायकों का इस्तीफा मंजूर नहीं, विधानसभा स्पीकर जल्द लेंगे फैसला 

बेंगलुरु. कर्नाटक में सियासी संकट गहराता जा रहा है. राज्य की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार में से 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जो फिलहाल मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं. इनमें से 10 विधायक कांग्रेस और 3 जनता दल यूनाइटेड (जेडीएस) के हैं. इन विधायकों के इस्तीफे के कारण एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने का खतरा बढ़ गया है.कर्नाटक में एक बार फिर सियासी नाटक ने जोर पकड़ा है.

कांग्रेस और जेडीएस के कुल 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद एचडी कुमारस्वामी की सरकार संकट में है. भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने को लेकर एक्टिव होती दिख रही है. जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है, वह अभी मुंबई में हैं. और पार्टी की तरफ से सभी को मनाने की कोशिश की जा रही हैं.कर्नाटक में जारी संकट के बीच कांग्रेस के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस विधायक अंजलि निबंलकर कल अपना इस्तीफा दे सकती हैं.

सरकार के संकट में होने के बीच मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी एक गुमनाम जगह चले गए हैं. खास बात ये भी है कि वह जहां गए हैं वहां अपने साथ सुरक्षा नहीं ले गए हैं. वह कहां गए हैं, किसी को पता नहीं. लेकिन सियासी संकट के इस बीच इस तरह सीएम का चला जाना हर किसी को हैरान कर रहा है. ना सिर्फ कुमारस्वामी बल्कि JDS के रामालिंगा रेड्डी भी किसी अज्ञात जगह पर निकल गए हैं. बताया जा रहा है कि वह सीएम एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात कर सकते हैं.

जीटी देवगौड़ा बोले- मैं इस्तीफा देने को तैयार

सीनियर नेताओं की बैठकें चल रही हैं. कांग्रेस को भरोसा है कि इस्तीफा देने वाले विधायक वापस आ जाएंगे. कांग्रेस को विधायकों की घर वापसी का इंतजार है लेकिन बागी विधायकों का कहना है कि इस्तीफा लौटाने का सवाल ही नहीं है. स उठापटक के बीच कांग्रेस ने सर्कुलर जारी कर सभी विधायकों को नौ जुलाई को हाजिर रहने का निर्देश दिया है. डर तो इस बात का भी है कि कहीं कोई और इस्तीफा ना दे दे.

इस्तीफा देने वाले कांग्रेस-जेडीएस के विधायक इस वक्त मुंबई के एक होटल में डेरा जमाए बैठे हैं. इधर बीजेपी ने भी विधायकों की आज शाम पांच बजे बैठक बुलाई है. राज्यपाल के फैसले का इंतजार हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल 17 जुलाई तो बहुमत परीक्षण के लिए कह कहते हैं. 12 जुलाई से कर्नाटक विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है.

कांग्रेस का आखिरी दांव, सभी मंत्रियों से दिलवा सकती है इस्तीफा

कर्नाटक सरकार पर बढ़ते संकट के बीच कांग्रेस एक नया दांव चल सकती है. पार्टी अपने कोटे के सभी मंत्रियों को इस्तीफा दिलवा सकती है. ताकि नाराज़ विधायकों के लिए एक रास्ता बन सके. पार्टी ने ऑप्शन पर विचार कर रही है, ये उनमें से ही एक है. दूसरी ओर एचडी कुमारस्वामी भी लगातार एक्टिव हैं, सोमवार सुबह उन्होंने इसी मसले पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से मुलाकात की

संकट का मुद्दा आज संसद में भी उठ सकता 

कर्नाटक में सरकार गिरने का संकट का मुद्दा आज संसद में भी उठ सकता है. कांग्रेस की ओर से इसके लिए नोटिस दिया गया है. कांग्रेस का आरोप  है कि BJP राज्य में सरकार को गिराना चाहती है.एचडी कुमारस्वामी अभी भी एचडी देवगौड़ा के घर पर मुलाकात कर रहे हैं. इस बीच एचडी रेवन्ना भी वहां पर पहुंचे हैं. दूसरी ओर सोशल मीडिया पर रामलिंगा रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया जा रहा है.
इस मामले पर एचडी कुमारस्वामी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री जीटी देवगौड़ा ने कहा, अगर मेरी पार्टी चाहेगी तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं. मैं बीजेपी के साथ नहीं जा रहा. हमारी गठबंधन सरकार राज्य की भलाई के लिए है. जेडीएस हेडक्वॉटर्स में उन्होंने कहा, मैंने एच विश्वनाथ से बात की है. अगर दोनों पार्टियां तय करती हैं कि सिद्धारमैया सीएम बनें या कोई और तो मुझे कोई परेशानी नहीं है.
कर्नाटक में जारी संकट के बीच उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वरा का कहना है कि उन्होंने कांग्रेस कोटे के सभी मंत्रियों को ब्रेकफास्ट मीटिंग पर बुलाया है. इस बीच वह राज्य के हालात पर चर्चा होगी, हमें जानते हैं कि बीजेपी क्या चाहती है. अगर जरूरत पड़ी तो हम सभी इस्तीफा दे देंगे.

बेंगलुरु पहुंचे मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी

 

13 विधायकों के इस्तीफे के बाद क्या होगा और फिलहाल विधानसभा का गणित क्या है

हालांकि, अब तक इन विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं हुए हैं. विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने कहा, रविवार को छुट्टी है. सोमवार को वह बेंगलुरु में नहीं हैं. लिहाजा मंगलवार को इस मसले को देखेंगे. 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद क्या होगा और फिलहाल विधानसभा का गणित क्या है, आइए आपको बताते हैं.

बीजेपी को डर, कहीं उल्टा ना पड़ जाए ऑपरेशन लोटस !

कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच एक नई बात उभर कर आ रही है. भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों की मानें को जिस तरह ऑपरेशन लोटस के उल्टा पड़ जाने की आशंका जताई जा रही है. उस बीच विधायकों ने किसी रिजॉर्ट में जाने से इनकार कर दिया है. साथ ही साथ विधायकों की ओर से बीएस येदियुरप्पा को कह दिया गया है कि भले ही वह उनपर विश्वास ना करें, लेकिन वे पार्टी के लिए वफादार हैं.

कर्नाटक विधानसभा में किसके पास कितनी सीटें

कर्नाटक की 225 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन सरकार के पक्ष में 118 विधायक थे. यह संख्या बहुमत के लिए जरूरी 113 से पांच ज्यादा थी. इसमें कांग्रेस के 79 विधायक (विधानसभा अध्यक्ष सहित), जेडीएस के 37 और तीन अन्य विधायक शामिल रहे हैं. तीन अन्य विधायकों में एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से, एक कर्नाटक प्रग्न्यवंथा जनता पार्टी (केपीजेपी) से और एक निर्दलीय विधायक है. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 105 विधायक हैं.

कांग्रेस और जेडीएस के मिलाकर अब 106 विधायक हैं,

जेडीएस के 37 विधायक हैं और उसके 3 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. अब उसके सदस्यों की संख्या 34 हो गई है. वहीं कांग्रेस के कुल 80 विधायक हो गए थे, जिनमें से 10 ने इस्तीफा दिया है (जिसमें आनंद सिंह का इस्तीफा भी शामिल है) तो उसके विधायक 70 हो गए हैं, जिसमें स्पीकर भी शामिल हैं. बसपा और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं. कांग्रेस और जेडीएस के मिलाकर अब 106 विधायक हैं, जिनमें बसपा और निर्दलीय विधायक भी शामिल है.

  • फिलहाल बसपा और निर्दलीय विधायक का कहना है कि वे गठबंधन सरकार के साथ हैं. 224 विधायकों (स्पीकर के बिना) वाली कर्नाटक विधानसभा में 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद सदस्यों की संख्या 211 हो गई है. लेकिन स्पीकर उनका इस्तीफा मंजूर करने में वक्त ले सकते हैं. अगर स्पीकर इस्तीफा मंजूर करते हैं तो कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जाएगी और फ्लोर टेस्ट पास नहीं कर पाएगी.

राज्य विधानसभा का 10 दिवसीय मॉनसून सत्र 12 जुलाई से होना है, जिस दौरान मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राज्य के बजट को मंजूरी दी जानी है और लंबित विधेयकों व विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होनी है, जिसमें किसानों की कर्जमाफी, सूखा राहत कार्य और जल संकट शामिल हैं. गौरतलब है कि यह कोई लिखित प्रक्रिया नहीं है कि इस्तीफा देने के बाद उसे स्पीकर कितने वक्त में मंजूर करे. लेकिन मानदंड के मुताबिक यह जल्द से जल्द मंजूर होना चाहिए.

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