इमरान खान ने रविंदर नाथ टैगोर की लाइनों को खलील जिब्रान का बताया, यूजर्स ने कहा- अपने तथ्य ठीक करिए
इमरान ने एक ट्वीट किया, इसमें उन्होंने टैगोर की लाइनों का क्रेडिट लेबनानी-अमेरिकी लेखक खलील जिब्रान को दे दिया एक यूजर ने लिखा- हम सभी को पता है कि आपकी जीत में व्हाट्सएप का अहम योगदान था, लेकिन इससे मिली जानकारी शेयर मत करें
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्विटर पर रवींद्रनाथ टैगोर की कविता की कुछ लाइनें शेयर कीं और कहा कि येलेबनानी-अमेरिकी लेखक खलील जिब्रान की हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर वे ट्रोल होने लगे। यूजर्स ने इमरान को तथ्य ठीक करने और इंटरनेट पर पढ़ी जानकारी पर विश्वास न करने की भी सलाह दी।
इमरान खान ने भारत के कवि रविंद्रनाथ टैगोर की लिखी लाइनों “मैं सो गया और सपना देखा कि जीवन आनंदमय था। मैं जागा और देखा कि जीवन सेवा है। मैंने सेवा की और पाया कि सेवा ही खुशी थी”को शेयर किया। उन्होंने इन लाइनों का क्रेडिट खलील जिब्रान को दे दिया। इसके बाद वे ट्रोल होने लगे।
Those who discover and get to understand the wisdom of Gibran's words, cited below, get to live a life of contentment. pic.twitter.com/BdmIdqGxeL
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) June 19, 2019
ऑनलाइन मिलने वाली जानकारी शेयर करना बंद करें’
ताहा सिद्दिकी ने लिखा, हम सभी को पता है कि आपकी जीत में व्हाट्सएप का अहम योगदान था। लेकिन ऑनलाइन मिलने वाली जानकारी को शेयर करना बंद करिए, खासकर तब जब वे गलत हों। इसी की तरह, जिसे खलील जिब्रान ने नहीं बल्कि रविंद्रनाथ टैगोर ने लिखा है।
Dear PM @ImranKhanPTI. We all know #WhatsApp had a big role in getting you "selected" but stop putting the fwds u rcv there online, especially when they are false. Like this one, which has not been said by Kahlil Gibran but Rabindranath Tagore: https://t.co/UBcNSTmykv pic.twitter.com/ljdKlwuyJK
— Taha Siddiqui (@TahaSSiddiqui) June 19, 2019
एक अन्य ट्विटर यूजर घरिदा ने लिखा, महोदय ये रवींद्रनाथ टैगोर के शब्द हैं, न कि खलील जिब्रान के।
Those who discover and get to understand the wisdom of Gibran's words, cited below, get to live a life of contentment. pic.twitter.com/BdmIdqGxeL
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) June 19, 2019