आपके पीएफ बचत को लगेगा दोहरा झटका, कोरोना संकट में EPFO ने लिया ये फैसला
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नियोक्ताओं को EPF में देर से डिपॉजिट करने की अनुमति दे दी है. ईपीएफओ के इस फैसले से कर्मचारियों को दो तरीकों से नुकसान होगा. पहले ही सरकार ने पीएफ पर ब्याज दरों (Interest on PF) को घटा दिया है.
नई दिल्ली. अगर आपके कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में नए वित्त वर्ष के दौरान कोई डिपॉजिट नहीं हुआ है तो सरप्राइज न हों. लॉकडाउन की वजह से कैश फ्लो को झटका लगा है, जिसकी वजह से यह डिपॉजिट नहीं हो पा रहे हैं. 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के अब चौथे चरण का ऐलान कर दिया गया है. इसके मद्देनर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नियोक्ताओं को EPF अकाउंट में देर से डिपॉजिट करने की अनुमति दे दी है.
क्या है डिपॉजिट का मौजूदा नियम
EPF के नियमों के तहत, अगले महीने की 15 तारीख तक सभी नियोक्ताओं को कर्मचारियों के EPF खाते में डिपॉजिट कर देना होता है. 10 दिन के ग्रेस पीरियड के बाद नियोक्ताओं (Employers) को पेनाल्टी भी देनी पड़ती है. उदारहण की मदद से समझें तो मार्च महीने की ईपीएफ योगदान (EPF Contribution) को 15 अप्रैल तक डिपॉजिट कर देना होता है. इसके बाद नियोक्ताओं को 25 अप्रैल तक ग्रेस पीरियड के मिलता है. अगर 25 तारीख तक यह डिपॉजिट नहीं होता है तो पेनाल्टी देनी होती है.
EPFO ने क्या कहा?
लॉकडाउन की वजह से वित्तीय संकट को देखते हुए, EPFO ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें कहा है कि लॉकडाउन की पूरी अवधि के दौरान अगर EPF अकाउंट में डिपॉजिट नहीं किया जाता है तो इसके लिए पेनाल्टी नहीं लगाई जाएगी.
EPFO ने नोटिफिकेशन में कहा, ‘मौजूदा संकट को ध्यान में रखते हुए डिपॉजिट में देरी करना नियोक्ता द्वारा संभव है, क्योंकि उन्हें वित्तीय परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.’
कर्मचारियों को होगा नुकसान
बता दें कि भारत में कुल 6.5 लाख ऐसी ईकाईयां हैं तो EPFO के दायरे में आती हैं. ऐसे में संभव है कि इनमें से अधिकतर नियोक्ता इस ढील का लाभ लेंगे. कर्मचारियों पर ईपीएफओ के इस कदम का असर दो तरीकों से पड़ेगा.
1. घट जाएगी विड्रॉल रकम: अगर आप अगले कुछ दिनों में अपने EPF अकाउंट से विड्रॉल (PF Withdrawal) के बारे में सोच रहे हैं तो इसमें लेटेस्ट डिपॉजिट नहीं जुड़ पाएगा. विड्रॉल की रकम आपके अकाउंट में डिपॉजिट कुल रकम के आधार पर तय होगी. ऐसे में नई डिपॉजिट की वजह से इसपर असर पड़ेगा.
बता दें कि हाल ही में सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर कहा था कि कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 75 फीसदी या तीन महीने की सैलरी जितनी रकम निकाल सकते हैं. इसमें से जो भी रकम कम होगी, वहीं रकम ही कर्मचारी को निकालने की अनुमति होगी.
2. कम मिलेगा ब्याज: EPF अकाउंट में नियोक्ता की तरफ से देर से डिपॉजिट होने पर आपको मिलने वाला ब्याज कम हो जाएगा. पीएफ अकाउंट में जमा रकम पर ब्याज हर महीने की शुरुआत में जमा कुल रकम के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है. इस ब्याज को वित्त वर्ष खत्म होने के बाद अप्रैल महीने में क्रेडिट कर दिया जाता है. ऐसे में डिपॉजिट में देरी से ब्याज कम हो जाएगा.
आपको यह भी ध्यान रखना है कि सरकार ने आर्थिक पैकेज में ऐलान में कहा है कि तीन महीनों के लिए EPF योगदान को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है. हाल ही में सरकार ने पीएफ अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज में भी कटौती की है.