आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित 22 महिलाओं की सफल डिलीवरी

आगरा स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज में कोरोना संकट काल में 22 माताओं की गोद भरी है. सभी बच्चे कोरोना निगेटिव पाए गए हैं

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आगरा: ताज नगरी आगरा को एक वक्त यूपी का कोरोना कैपिटल तक कहा जाने लगा था. लेकिन अब यही शहर पटरी पर लौटने लगा है. संक्रमण का सबसे बड़ा केंद्र जो एसएल मेडिकल कॉलेज बना हुआ था, वहां स्तिथि अब सामान्य हो रही है. इस बीच एसएन मेडिकल कॉलेज से दिल को सुकून देने वाली खबर मिली है. एसएन मेडिकल कॉलेज में अब तक 22 कोरोना संक्रमित महिलाओं की सफल डिलीवरी हुई है जिसमें 21 महिलाओं की सिजेरियन और एक महिला की नॉर्मल डिलीवरी हुई है.

कुल मिलाकर 22 महिलाओं की डिलीवरी से इस समय मेडिकल कॉलेज वात्सल्य प्रेम के मन्दिर के तौर पर उभरा है. सफल डिलीवरी के साथ ही सबसे अच्छी बात ये है कि सभी माताओं के बच्चे कोरोना निगेटिव पाए गए हैं. इसे लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज के नव नियुक्त प्रिंसिपल संजय काला ने कहा कि ये उनके लिए गौरव करने का क्षण है और कोरोना की वजह से जब एसएन मेडिकल कॉलेज पर तमाम सवाल खड़े हुए, तब इसी बीच 22 घरों के आंगन में खुशियां लाना वाकई में पूरे कॉलेज स्टाफ की ईमानदार तरीके से की गई मेहनत को दर्शाता है.

प्रिंसिपल संजय काला ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती हैं. ऐसे में बाल रोग विभाग और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के बेहतर समन्वय का नतीजा है कि हम इस कठिन क्षण में भी इतनी बडी तादाद में सफल डिलीवरी करा पाए हैं.

 

वहीं स्त्री एवं प्रसूति रोग की विभागाध्यक्ष सरोज सिंह बताती हैं कि हमारे लिए चुनौतियां ही चुनौतियां थीं। MCH विंग जिसमें हमारा विभाग था, कॉविड अस्पताल बनने की वजह से हमें अपना विभाग जिला महिला चिकित्सालय में शिफ्ट करना पड़ा. ऐसे में हमने अपनी टीम को 3 हिस्सों में बांटा और लगातार कोरोना संक्रमण के दौर में गर्भवती महिलाओं की सफल डिलीवरी करते रहे.

 

सरोज सिंह ने कहा कि हमारे लिए जो चुनौती पूर्ण काम था, वो इन संक्रमित महिलाओं से होने वाले बच्चों में इंफेक्शन फैलने से रोकना साथ ही अपने स्टाफ को भी इंफेक्शन से बचाना. सरोज सिंह कहती है कि एक मां होने के नाते वो समझ सकती हैं कि कोरोना संकट काल में 22 माताओं की गोद भरना कितनी बड़ी उपलब्धि है.

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