अलगाववादियों की नस्लें / किसी बड़े अलगाववादी के आतंकी बेटे की पहली बार मुठभेड़ में मौत, जबकि अलग-अलग कश्मीरी अलगाववादियों के 112 बच्चे विदेशों में पढ़ते और नौकरी करते हैं

गिलानी के दो बेटे हैं एक डॉक्टर और एक प्रोफेसर, जबकि मीरवाइज उमर फारुक का बेटा अभी बहुत छोटा है 2018 में इतिहास में पहली बार कश्मीर के अलगाववादी संगठन तहरीक ए हुर्रियत के प्रमुख का चुनाव हुआ और अशरफ सहराई उसका प्रमुख चुना गया

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श्रीनगर. जुनैद सहराई किसी अलगववादी नेता का पहला बेटा है जो आतकंवादी बना और मारा गया। कश्मीर युनिवर्सिटी से एमबीए जुनैद ने मार्च 2018 में हिजबुल ज्वाइन किया था। जुनैद आतंकी बननेवाला भी किसी बड़े अलगववादी नेता का पहला ही बेटा था। हुर्रियत के पूर्व चीफ सैयद अली शाह गिलानी के दो बेटे हैं- एक डॉक्टर और एक प्रोफेसर, जबकि मीरवाइज उमर फारुक का बेटा अभी बहुत छोटा है।

2018 में इतिहास में पहली बार कश्मीर के अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत के प्रमुख का चुनाव हुआ था और अशरफ सहराई उसका प्रमुख चुना गया था। हुर्रियत के इतिहास में ये पहला मौका था जब सैयद अली शाह गिलानी ने सन्यास लेने का फैसला किया था। कारण था उनकी तबियत खराब रहना।

2018 में ही पहली बार किसी बड़े अलगाववादी नेता का बेटा आतंकवादी बना था। वरना जुनैद के आतंकी बनने से पहले ये आलोचना होती थी कि अलगाववादी अपने बच्चों को जिहादी नहीं बनाते और कश्मीर के आम युवाओं को ऐसा करने के लिए उकसाते हैं।

23 मार्च 2018 को जुनैद जुमे की नमाज से गायब हो गया था। दुबई में रहनेवाले उसके भाई ने पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिखवाई। लेकिन परिवार ने उसे लौटने को नहीं कहा।

जब बेटा आतंकवादी बना तो किसी ने अशरफ सहराई से सवाल किया, ‘अशरफ साहब क्या आप अपने बेटे से आतंकवाद छोड़ वापस आने को नहीं कहेंगे?’ इस पर सहराई का जवाब था, ‘मेरा बेटा कोई पिकनिक गया है जो वापस आएगा।’ 74 साल का सहराई गिलानी से भी कट्‌टर माना जाता है। कहा जाता है वह गिलानी को भी उलटे जवाब दे चुका है।

अशरफ पहले शायर था, इकबाल, फैज और गालिब को पढ़ चुका है

पहले बात अशरफ सहराई की। जो इन दिनों तहरीक ए हुर्रियत का प्रमुख है। सहराई पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा के कुपवाड़ा जिले की लोलाब घाटी में पैदा हुआ। वह पहले कवि था। इकबाल, फैज और गालिब को खूब पढ़ चुका है। बचपन में धार्मिक तकरीरों में जमकर हिस्सा भी लिया करता था।

अशरफ सहराई गिलानी के बाद तहरीक ए हुर्रियत के प्रमुख बननेवाले पहले व्यक्ति हैं, जुनैद उन्हीं का बेटा है, उनका दूसरा बेटा दुबई में डॉक्टर है

अशरफ सहराई ने जब स्कूली पढ़ाई पूरी कर ली तो वह लोलाब से उप्र की अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी ऊर्दू में बीए करने चला गया। 1995 में वह सरकार विरोधी काम करने पर छह महीने जेल गया। 2016-17 में खराब हालात के दौरान एनआईए ने उसे हड़ताल के कैलेंडर और एंटी इंडिया एक्टिविटीज का दोषी पाया।

वह सामाजिक-राजनीतिक संगठन जमात-ए-इस्लामी के टिकट पर गांदरबल से शेख अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव हार चुका है।

कश्मीरी अलगाववादियों के 112 बच्चे विदेशों में रहते, पढ़ते और नौकरी करते हैं

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल एक लिस्ट जारी की थी। इसके मुताबिक, कश्मीरी अलगावावदियों के 210 रिश्तेदार अलग-अलग देशों में रहते हैं। जो कश्मीरी अलगाववादी कश्मीरी बच्चों और युवाओं को हड़ताल करवाकर स्कूल जाने से रोकते हैं उनके बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं। अलग-अलग अलगाववादियों के 112 बच्चे विदेशों में हैं, जिनमें से 14 बड़े अलगाववादी नेताओं के बच्चे हैं।

सैयद अली गिलानी का एक बेटा नईम गिलानी रावलपिंडी पाकिस्तान में डॉक्टर है। दूसरा बेटा जहूर भारत की ही एक प्राइवेट एयरलाइन में काम करता है। गिलानी की बेटी जेद्दा में टीचर है और उसका पति इंजीनियर।

तस्वीर में कश्मीर में हुर्रियत के दो अलग-अलग धड़ों के सबसे बड़े नेता हैं, एक सैयद अली शाह गिलानी और दूसरे मीरवाइज उमर फारूक

अशरफ सहराई का दूसरा बेटा और जुनैद का भाई आबिद सहराई दुबई में इंजीनियर है। जामा मस्जिद से तकरीर करनेवाले मीरवाइज उमर फारुक की बहन राबिया लंदन में डॉक्टर है। हाशिम कुरैशी के बेटे बिलाल और इकबाल भी लंदन में रहते हैं।

दुख्तरान-ए-मिल्लत आसिया अंद्राबी की बहन मरियम अपने परिवार के साथ मलेशिया में रहती है। आसिया का बड़ा बेटा मोहम्मद बिन कासिम मलेशिया से बीटैक कर रहा है, वह अपने छोटे बेटे को भी वहां पढ़ने भेजना चाहती थी लेकिन पहले उसका पासपोर्ट ही नहीं बन सका। बाद में वह ऑस्ट्रेलिया पढ़ने गया। हुर्रियत नेता बिलाल लोन के बेटे लंदन और ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे हैं।

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