अब माओवादियों को पाकिस्तान दे रहा हथियार , कश्मीर के आतंकवादी संगठनों से संबंध
माओवादियों का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है. छत्तीसगढ़ में मारे गए माओवादियों के पास से पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली राइफल बरामद हुई है. इस विदेशी राइफल का भारत में इस्तेमाल नहीं होता है. भारतीय सेना भी इस राइफल का इस्तेमाल नहीं करती है. विस्तार से जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.
बस्तर। माओवादियों का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ पुलिस ने उत्तर बस्तर के कांकेर में मुठभेड़ के बाद माओवादियों के पास से जी-3 राइफल समेत अन्य आर्म्स और एम्युनिशन बरामद किया है. माओवादियों के पास से जो राइफल बरामद हुई है, उसको पाकिस्तानी सेना इस्तेमाल करती है. इस राइफल का इस्तेमाल भारतीय सेना नहीं करती हैं. माओवादियों के पास से विदेशी बंदूक बरामद होने के बाद से सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो गई हैं. यह राइफल जर्मनी के हेकलर एंड कोच कंपनी बनाती है.
पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी आतंकी संगठन माओवादियों के संपर्क में
माना जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी आतंकी संगठन माओवादियों के संपर्क में हैं. इनका एजेंडा भारत में कानून और व्यवस्था को बिगाड़ना है. पाकिस्तानी सेना और उसके आतंकी संगठन खालिस्तानी आतंकवादियों समेत इनसे जुड़े अलगाववादी संगठनों को आर्म्स और एम्युनिशन गैर कानूनी तरीके से उपलब्ध कराते आ रहे हैं. माना जा रहा है कि अब पाकिस्तानी सेना और उसके आतंकी संगठन ने माओवादियों को आर्म्स और एम्युनिशन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है.
बरामद जी 3 राइफल का इस्तेमाल भारतीय सुरक्षा बल नहीं करते
छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने भी बताया कि माओवादियों के पास से बरामद जी 3 राइफल का इस्तेमाल भारतीय सुरक्षा बल नहीं करते हैं. इसका इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना करती है. यह दूसरी बार है, जब माओवादियों के पास से पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली जी 3 राइफल बरामद हुई है. इससे पहले पिछले साल छत्तीसगढ़ पुलिस ने सुकमा में मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के पास से जी 3 राइफल बरामद की थी.
खत में कश्मीरी अलगाववादियों और उनके संगठनों का भी जिक्र
पिछले साल पुणे पुलिस ने अर्बन नक्सलियों के मामले की जांच के दौरान एक खत बरामद किया था. यह खत सुधा भारद्वाज द्वारा कामरेड प्रकाश को लिखा गया था. इस खत में एक बैठक में हिस्सा लेने वालों का जिक्र था. इस खत में कश्मीरी अलगाववादियों और उनके संगठनों का भी जिक्र था.
इसमें लिखा था- ‘कामरेड अंकित और कामरेड नवलखा कश्मीरी अलगाववादियों के संपर्क में हैं. कश्मीर में दुश्मनों द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन के मामले को सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए फैलाया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में पैलेट गन मामले में कानूनी मदद दी जाएगी, जिसके लिए कामरेड प्रशांत से संपर्क करना होगा.’
कुछ माओवादी कश्मीर का दौरा कर चुके
पुणे पुलिस के एक सीनियर अफसर भी खुलासा कर चुके हैं कि कुछ माओवादी कश्मीर का दौरा कर चुके हैं. इन माओवादियों के कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकियों से भी मुलाकात करने की आशंका जताई जा चुकी है. इसके अलावा अर्बन माओवादी द्वारा अलगाववादियों और उनसे जुड़े लोगों को कानूनी मदद देने की भी बात सामने आ चुकी है. इन सबके बदले में माओवादियों को आतंकवादी आर्म्स और एम्युनिशन उपलब्ध कराएंगे.