अटल भूजल योजना लॉन्चः पीएम मोदी बोले- पानी का विषय महत्वपूर्ण, जानें- किन-किन राज्यों को मिलेगा लाभ
मंगलवार को कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया था कि पानी की समस्या से निपटने के लिए अटल भूजल योजना लागू किया जाए. इस परियोजना पर पांच साल में 6,000 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा.
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जयंती के मौके पर ‘अटल भूजल योजना’ की शुरुआत की है. इस योजना के लिए सरकार की ओर से 6 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. अटल भूजल योजना का लाभ छह राज्यों को मिलेगा. भूजल योजना में उतर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र शामिल हैं. केंद्र सरकार की ओर से शुरू किए गए इस योजना का लाभ 8,350 गांवों को लाभ मिलेगा.
इस योजना को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”पानी का विषय अटल जी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, उनके हृदय के बहुत करीब था. अटल जल योजना हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइंस. ये 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ा कदम हैं.” उन्होंने कहा, ”पानी का ये संकट एक परिवार के रूप में, एक नागरिक के रूप में हमारे लिए चिंताजनक तो है ही, एक देश के रूप में भी ये विकास को प्रभावित करता है”
‘जब लोगों ने मंत्रालय का उड़ाया था मजाक’
दिल्ली के विज्ञान भवन में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”न्यू इंडिया को हमें जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है. इसके लिए हम पांच स्तर पर एक साथ काम कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”चुनाव से पहले जब हमने पानी के लिए समर्पित जब हमने जल शक्ति मंत्रालय की बात की थी तो कुछ लोगों को लगा कि कैसा वादा है. लेकिन बहुत कम लोगों ने इस बात पर गौर किया कि क्यों इसकी जरूरत थी.”
योजना की लॉन्चिंग के दौरान उन्होंने कहा,”एक तरफ जल जीवन मिशन है, जो हर घर तक पाइप से जल पहुंचाने का काम करेगा और दूसरी तरफ अटल जल योजना है, जो उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे है.”
‘किसके लिए है यह योजना’
बता दें कि मंगलवार को कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया था कि पानी की समस्या से निपटने के लिए अटल भूजल योजना लागू किया जाए. इस परियोजना पर पांच साल में 6 हजार करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा. इसमें 3,000 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक और 3,000 करोड़ रुपये सरकार देगी. योजना का लक्ष्य देश के उन इलाकों में भूजल स्तर को ऊपर उठाने का है, जिन इलाकों में ये बहुत ही ज्यादा नीचे जा चुका है.