अंधेरे ने रोका रेस्क्यू, हवा में अटकी 14 जिंदगियां:हेलिकॉप्टर से फिसलकर डेढ़ हजार फीट नीचे गिरा अधेड़, मौत; 33 लोग निकाले गए
झरखंड के देवघर में त्रिकुट पहाड़ के रोप-वे पर हुए हादसे में अब भी 14 जिंदगियां फंसी हुई हैं। सोमवार शाम छह बजे अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया है। अब मंगलवार सुबह दोबारा शुरू होगा। सेना, वायुसेना और NDRF ने सोमवार को MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू शुरू किया था। शाम तक 33 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन अब भी 14 लोग फंसे हैं। सभी फंसे पर्यटकों के खाने के लिए कुछ पैकेट, पानी और राहत सामग्री ड्रोन से भेजी जा रही है। रात भर प्रशासन की एक टीम उनकी सहायता के लिए रहेगी।
🔲 Operations are underway by #IAF to rescue stranded tourists and passengers on #Jharkhand ropeway at Trikut hill near Deoghar.
Nineteen tourists have been rescued till now by #IAF Mi17 V5 & Cheetah helicopters with Garud Commandos. pic.twitter.com/HSqEpMSCoe
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) April 11, 2022
वहीं, रेस्क्यू के वक्त शाम साढ़े पांच बजे 48 वर्षीय पर्यटक का हेलिकॉप्टर में चढ़ने के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूट गया। इससे वह करीब डेढ़ हजार फीट गहरी खाई में गिर गया। इससे उसकी मौत हो गई। वह केबिन नंबर-19 में सवार था। हादसे में अब तक कुल तीन लोगों की मौत हुई है।
Terrible #ropeway accident in #Deoghar. Two dead, 10 injured. The administration is carrying out rescue work. pic.twitter.com/e7lPzVs37B
— Chottu Matabbar Journalist (@Chottu_news88) April 11, 2022
बता दें, रविवार शाम 4 बजे हादसा तब हुआ, जब पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियां रवाना कीं। इससे तारों पर अचानक लोड बढ़ा और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं। इससे दो ट्रॉलियां नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो लोगों की मौत हो गई थी। उधर, बाकी ट्रॉलियां आपस में टकराकर रुक गईं। अभी कुछ ट्रॉलियां फंसी हुई हैं, जिसमें अब भी 14 श्रद्धालु सवार हैं। इनमें छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं।
हादसे पर पूरी नजर रखी जा रही है: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ‘देवघर की स्थिति पर हमारी नजर बनी हुई है। सभी विशेषज्ञों को भेजा गया है। ऐसी परिस्थितियों को संभालने में सक्षम स्पेशल कमांडो के अलावा वायु सेना, सेना और NDRF की टीम लगी हुई हैं। हादसा होने के के बाद कल रात हो जाने के कारण ऑपरेशन शुरू नहीं किया जा सका। सुबह होते ही कार्य प्रारंभ हो चुका है। इस रोप-वे को बनाने वाले विशेषज्ञ भी मौके पर पहुंच गए हैं।’
डर खत्म करने के लिए एक-दूसरे से करते रहे बात
डर खत्म करने एक-दूसरे से बात करते रहे करीब 48 लोग पूरी रात इन ट्रॉलियों में भूखे-प्यासे फंसे रहे। रेस्क्यू किए गए लोगों ने बताया कि डर खत्म करने के लिए हम एक दूसरे से बात करते रहे। हम सभी पूरी रात सो नहीं पाए। भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि कैसे भी हम बच जाएं।
Rescue operation continue still by #ITBP
(Indo Tibetan Border Police) #NDRF at #Deoghar
of #Jharkhand.
3 people have been rescued so far.#ArmedForces pic.twitter.com/LQmKHNdHrV— ZOONewsTV (@ZOONewsTV) April 11, 2022
सोमवार सुबह सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सुबह करीब साढ़े छह बजे वायु सेना का हेलिकॉप्टर पहुंचा। इसमें कमांडो भी मौजूद थे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने से पहले हवाई सर्वे किया गया। केबिन में फंसे लोगों तक खाने का पैकेट पहुंचाने की कोशिश हुई।
रेस्क्यू ऑपरेशन में बेहद मुश्किल हो रही है
सेना को रेस्क्यू में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दरअसल, ट्रॉलियां दो पहाड़ों के बीच फंसी हैं। नीचे खाई है। हेलिकॉप्टर को जैसे ही इनके पास ले जाया जाता है, तेज हवा की वजह से ये हिलने लगती हैं। बेहद संभलकर एयरलिफ्ट किया गया। कुछ लोगों को रस्सी के सहारे निकाला गया।
हादसे में फंसे हुए लोगों की पहचान देवघर के अमित कुमार, खुशबू कुमारी, जया कुमारी, छठी लाल शाह, कर्तव्य राम, वीर कुमार, नमन, अभिषेक, भागलपुर के धीरज, कौशल्या देवी, अन्नु कुमारी, तनु कुमारी, डिंपल कुमार व वाहन चालक, मालदा के पुतुल शर्मा, सुधीर दत्ता, सौरव दास, नमिता, विनय दास के रूप में की गई।
त्रिकुट पहाड़ पर हर साल हजारों लोग जाते हैं
त्रिकुट पहाड़ पर त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद की आश्रम है। यहां हर साल हजारों लोग पिकनिक मनाने और मंदिर में दर्शन करने जाते हैं। इसके लिए यहां एक रोप-वे बनाया गया है। यह झारखंड का एकमात्र और बिहार झारखंड का सबसे ऊंचा रोपवे है। इस पर पहुंचने के लिए एक-एक ट्रॉली में 4-4 लोगों को बैठाकर ऊपर भेजा जाता है।
रोप-वे चलाने वाली एजेंसी होगी ब्लैक लिस्टेड
झारखंड के पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि रोप-वे का संचालन कर रही दामोदर वैली कार्पोरेशन को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। सैप कैसे टूटा, उसका मेंटेनेंस किस तरह हो रहा था, इन सब बिंदुओं की जांच कराई जाएगी। आने वाले समय में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए एक वैकल्पिक सड़क बनाई जाएगी।
दो तरह से चल रहा है ऑपरेशन
सेना, वायुसेना और NDRF दो तरीके से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। पहला- वायुसेना हेलिकॉप्टर से ट्रॉली में फंसे श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट करके एयरपोर्ट ले जा रही है। वहीं, सेना और NDRF रोप-वे के तारों को रस्सी बांधकर श्रद्धालुओं को नीचे उतार रही है।